Nuclear Energy Bill: आज लोकसभा में पेश हुआ परमाणु ऊर्जा विधेयक, जानें इसमें क्या है खास
लोकसभा में आज परमाणु ऊर्जा विधेयक, 2025 पेश हुआ। इस विधेयक का उद्देश्य परमाणु ऊर्जा और आयनकारी विकिरण के सुरक्षित उपयोग को बढ़ावा देना है। इसके जरिए बिजली उत्पादन के साथ स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, अनुसंधान और पर्यावरण संरक्षण जैसे क्षेत्रों में परमाणु तकनीक के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा।
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केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह आज लोकसभा में परमाणु ऊर्जा विधेयक 2025 पेश किया। मंत्री ने 'भारत के परिवर्तन के लिए परमाणु ऊर्जा का सतत दोहन और विकास विधेयक, 2025' पर सदन की स्वीकृति लेने और इसे पारित कराने का प्रस्ताव भी रखा।
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने सबसे पहले इस विधेयक पर चर्चा में भाग लिया। चंडीगढ़ से निर्वाचित कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने इस विधेयक का विरोध किया। उन्होंने सरकार के फैसले पर सवाल खड़े किए और कहा कि पुराने नियमों और कानूनों को निरस्त किए जाने का यह प्रस्ताव हैरान करने वाला है। इसके बाद उत्तर प्रदेश से निर्वाचित भाजपा सांसद शशांक मणि ने इस विधेयक का पुरजोर समर्थन किया। भाजपा सांसद के समर्थन के बाद पश्चिम बंगाल से निर्वाचित तृणमूल सांसद सौगत राय ने भी इस विधेयक का विरोध किया। उनके बाद तमिलनाडु से निर्वाचित डीएमके सांसद अरुण नेहरू ने भी इस विधेयक के खिलाफ वक्तव्य दिया।
एनसीपी सांसद सुप्रिया सले ने भी बिल को लेकर सवाल पूछे। साथ ही शिवसेना (यूबीटी) सांसद अरविंद गणपत ने सुरक्षा को लेकर सवाल उठाया और भोपाल गैस त्रासदी की याद दिलाई। उन्होंने न्यूक्लियर वेस्ट के निपटान को लेकर चिंता जताई।
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि रेडियोएक्टिव किरणें के रिस्क को लेकर इसमें कोई बात नहीं कही गई है। इसमें न्यूक्लियर को लेकर होने वाली घटनाओं को नजरअंदाज किया जा रही है।
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परमाणु उर्जा के विकास और सुरक्षित उपयोग को बढ़ाने का उद्देश्य
यह विधेयक देश में परमाणु ऊर्जा के विकास और उसके सुरक्षित उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लाया गया है। इसके तहत बिजली उत्पादन के साथ-साथ स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग, अनुसंधान और पर्यावरण संरक्षण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में परमाणु ऊर्जा और आयनकारी विकिरण के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाएगा। विधेयक में परमाणु ऊर्जा के सुरक्षित, संरक्षित और जिम्मेदार उपयोग को सुनिश्चित करने के लिए मजबूत नियामक ढांचे की व्यवस्था का भी प्रावधान किया गया है।