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Nirmala Sitharaman: 'वैश्विक व्यापार में टैरिफ का हथियार की तरह हो रहा इस्तेमाल', बोलीं वित्त मंत्री सीतारमण

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Wed, 17 Dec 2025 01:48 PM IST
सार

Nirmala Sitharaman: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वैश्विक व्यापार में टैरिफ का हथियार की तरह इस्तेमाल हो रहा है।  वित्त मंत्री ने कहा कि जो हालात हैं उसे देखते हुए भारत को बहुत संभलकर आगे बढ़ना होगा। भारत की रणनीति और अमेरिका-मेक्सिको के टैरिफ का प्रभाव समझने के लिए पढ़ें पूरी रिपोर्ट।

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Nirmala Sitharaman Global Trads Tariff is used as Weapon Nirmala Sitharaman take on Tariffs
निर्मला सीतारमण - फोटो : amarujala.com
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विस्तार
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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को वैश्विक व्यापार की बदलती और चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आज के दौर में शुल्कों और अन्य उपायों के जरिए वैश्विक व्यापार को तेजी से 'हथियार' बनाया जा रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस माहौल में भारत को बहुत सावधानी से अपना रास्ता तय करना होगा, और देश की समग्र आर्थिक मजबूती  उसे एक अतिरिक्त लाभ प्रदान करेगी। वित्त मंत्री ने टाइम्स नेटवर्क के 'इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2025' को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि अब यह पूरी तरह साफ हो चुका है कि वैश्विक व्यापार 'मुक्त और निष्पक्ष' नहीं रह गया है।

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सावधानी से आगे बढ़ने की जरूरत

सीतारमण ने कहा, "टैरिफ और दूसरे कई उपायों से व्यापार का हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। भारत को ऐसी स्थिति में सावधानीपूर्वक अपना रास्ता बनाना होगा। सिर्फ टैरिफ का ध्यान रखना ही काफी नहीं है, मुझे लगता है कि कुल मिलाकर हमारी अर्थव्यवस्था की ताकत ही हमें वह अतिरिक्त लाभ देने वाली है।"

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'टैरिफ किंग' के ठप्पे पर करारा जवाब

भारत पर अक्सर लगाए जाने वाले आरोपों का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा, "भारत को यह कहकर लेक्चर दिया जा सकता है कि आप बहुत अंतर्मुखी हैं, आप 'टैरिफ किंग' हैं, वगैरह। लेकिन हकीकत यह है कि आज टैरिफ को ही हथियार बना दिया गया है।"


उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत का इरादा कभी भी शुल्कों को हथियार बनाने का नहीं रहा। भारत ने केवल अपने घरेलू उद्योगों को उस 'बाढ़' से बचाने के लिए कदम उठाए हैं जो किसी 'शिकारी' द्वारा की जाती है। उनका इशारा उन देशों की ओर था जो अनुचित व्यापार व्यवहार के जरिए भारतीय बाजारों में अपना सामान डंप करते हैं।

बिना आलोचना के थोपे जा रहे नए प्रतिबंध

वित्त मंत्री ने वैश्विक दोहरे मापदंडों पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि आज व्यापार का यह हथियारीकरण बिना किसी आलोचना के हो रहा है। उन्होंने कहा, "कुछ देश कहते हैं कि टैरिफ अच्छे नहीं हैं और किसी को भी ये उपाय नहीं करने चाहिए, लेकिन अचानक हमारे सामने नए लोग आ रहे हैं जो कह रहे हैं कि हम टैरिफ बाधाएं लगाएंगे और उन पर कोई सवाल भी नहीं उठा रहा। ऐसा लगता है कि यही अब 'न्यू नॉर्मल' बन गया है।"

अमेरिका और मेक्सिको के फैसलों का असर

वित्त मंत्री की ये टिप्पणियां ऐसे समय में आई हैं जब अमेरिका की ओर से लगाए गए भारी टैरिफ के कारण वैश्विक व्यापार बाधित हो रहा है। हाल ही में मेक्सिको ने भी उन देशों से आने वाले आयात पर उच्च शुल्क लगाने की घोषणा की है जिनके साथ उसका मुक्त व्यापार समझौता नहीं है। इन वैश्विक गतिविधियों ने भारत जैसे देशों के लिए अपनी व्यापारिक रणनीतियों पर पुनर्विचार करना जरूरी बना दिया है।

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