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Indigo Crisis: इंडिगो संकट का असर ईंधन की मांग पर, दिसंबर में एटीएफ की बिक्री 4.1 प्रतिशत तक घटी
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार विवेक
Updated Tue, 16 Dec 2025 07:28 PM IST
सार
ATF Sales Down: दिसंबर में इंडिगो की उड़ानें रद्द होने से जेट ईंधन (ATF) की बिक्री में 4% से अधिक की गिरावट आई है। जानें कैसे कोहरे और नए नियमों का असर ईंधन की मांग पर पड़ा, जबकि डीजल की बिक्री में तेजी दर्ज की गई।
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इंडिगो एयरलाइन का विमान
- फोटो : ANI
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विस्तार
दिसंबर में इंडिगो की बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द होने का असर विमान के ईंधन की मांग पर पड़ा है। दिसंबर के पहले पखवाड़े में विमानन टरबाइन ईंधन यानी एटीएफ की बिक्री में 4 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई।
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भारत के विमानन क्षेत्र में कोविड महामारी के कारण आई मंदी से उबरने के बाद से पिछले दो वर्षों में जेट ईंधन (एटीएफ) की मांग लगातार बढ़ रही थी। लेकिन यह रुझान तब बदल गया जब दिसंबर में इंडिगो को बड़े पैमाने पर उड़ानें रद्द करनी पड़ीं। भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो को पायलटों के ड्यूटी टाइम के नए नियमों, कर्मचारियों की कमी और प्रमुख हवाई अड्डों पर घने कोहरे जैसी मौसम से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
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आंकड़ों के अनुसार, 1 से 15 दिसंबर के दौरान एटीएफ की बिक्री पिछले वर्ष की इसी अवधि के 3,45,400 टन से घटकर 3,31,400 टन रह गई। मासिक आधार पर बिक्री में 7.2 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। ईंधन बाजार में जेट ईंधन एक अपवाद था, जबकि पेट्रोल, डीजल और एलपीजी जैसे अन्य प्रमुख ईंधनों में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई।
देश में सबसे अधिक खपत होने वाला ईंधन डीजल है और कुल ईंधन खपत में इसका हिस्सा लगभग 40 प्रतिशत है। 1 से 15 दिसंबर के दौरान इसकी बिक्री लगभग 5 प्रतिशत बढ़कर 33 लाख टन हो गई। हालांकि, त्योहारी मांग कम होने के कारण मासिक बिक्री में 5.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
1 से 15 दिसंबर 2023 के दौरान 3.16 मिलियन टन डीजल की खपत की तुलना में, भारत में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले ईंधन की मांग में 4.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई। दिसंबर 2022 की पहली छमाही में 2.87 मिलियन टन की बिक्री की तुलना में यह 15.2 प्रतिशत अधिक थी।
दिसंबर के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की खपत 7.7 प्रतिशत बढ़कर 13 लाख टन हो गई। 1 से 15 दिसंबर 2023 की तुलना में पेट्रोल की बिक्री में 8.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई और दिसंबर 2022 के पहले पखवाड़े में हुई 10 लाख टन की बिक्री की तुलना में यह वृद्धि 24.7 प्रतिशत रही। महीने-दर-महीने खपत में 5.1 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। घरेलू खाना पकाने की बढ़ती जरूरतों के कारण एलपीजी की बिक्री में वृद्धि जारी रहने से 1 से 15 दिसंबर के बीच एलपीजी की बिक्री 15.1 प्रतिशत बढ़कर 15 लाख टन हो गई। इस उछाल का एक प्रमुख कारण ईंधन की घरेलू मांग है।
पिछले महीने की तुलना में, नवंबर के पहले पखवाड़े में बेचे गए 1.49 मिलियन टन एलपीजी की मांग में 4.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। भारत ने सब्सिडी वाली एलपीजी आपूर्ति योजना (पीएमयूवाई) में 25 लाख नए घरों को जोड़ा है, जिससे इसके अंतर्गत आने वाले परिवारों की संख्या 10.33 करोड़ से बढ़कर 10.58 करोड़ हो गई है।