धान किसानों के लिए बड़ी खबर: भारत अंतरराष्ट्रीय चावल सम्मेलन 2025 का आयोजन, वैश्विक बाजार से जुड़ने का मौका
बीआईआरसी 2025 में किसानों को शोधाकर्ताओं, निर्यातकों, मिल मालिकों, विदेशी खरीदारों, स्टार्टअप्स और नीति निर्माताओं के साथ सीधे बातचीत करने का अवसर प्रदान किया जाएगा। यह पहली बार होगा जब किसान वैश्विक सप्लाई चेन से इतने बड़े स्तर पर सीधे जुड़ेंगे।
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भारत अंतरराष्ट्रीय चावल सम्मेलन (बीआईआरसी) 2025 को विकसित भारत 2047 की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। यह आयोजन देश के किसानों के हितों को मजबूत करने में बड़ी भूमिका निभाएगा। भारतीय चावल निर्यातक महासंघ (आईआरईएफ) के अनुसार, यह आयोजन 30 और 31 अक्तूबर 2025 को भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित होगा। इसमें देशभर से करीब 5,000 किसान हिस्सा लेंगे।
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किसान वैश्विक सप्लाई चेन से सीधे जुड़ेंगे
आईआरईएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रेम गर्ग ने कहा कि बीआईआरसी 2025 में किसानों को शोधाकर्ताओं, निर्यातकों, मिल मालिकों, विदेशी खरीदारों, स्टार्टअप्स और नीति निर्माताओं के साथ सीधे बातचीत करने का अवसर प्रदान किया जाएगा। यह पहली बार होगा जब किसान वैश्विक सप्लाई चेन से इतने बड़े स्तर पर सीधे जुड़ेंगे।
किसानों को मिलेगा ये लाभ
उन्होंने यह भी बताया कि किसानों को पर्यावरण के अनुकूल खेती तकनीकों की ट्रेनिंग दी जाएगी, जिससे धान उत्पादन में पर्यावरणीय प्रभाव कम किया जा सके। दूसरा, वे गैर-बासमती और बासमती चावल, दोनों की उच्च-मूल्य वाली किस्मों के लिए संभावित खरीदारों से मिल सकेंगे।
कई राज्यों और क्षेत्रों में, किसान अभी भी पर्याप्त बाजार मांग पैदा करने के लिए संघर्ष करते हैं और अक्सर कम दामों पर बेचने को मजबूर होते हैं। बीआईआरसी 2025 में निर्यातकों के साथ सीधे बातचीत करके, वे बिचौलियों पर निर्भरता कम कर सकते हैं और अपनी फसलों के लिए बेहतर मूल्य प्राप्त कर सकते हैं। तीसरा, किसान नई प्रौद्योगिकियों को समझने के लिए स्टार्टअप्स से जुड़ेंगे, जो मिट्टी की स्वास्थ्य की रक्षा करते हुए पैदावार बढ़ा सकती हैं।
बीआईआरसी का आयोजन भारतीय चावल निर्यातक संघ (आईआरईएफ) की ओर से किया जा रहा है। यह देश के चावल पारिस्थितिकी तंत्र और इसके विविध वाणिज्यिक और संस्थागत हितधारकों का प्रतिनिधित्व करने वाला एक राष्ट्रीय स्तर का निकाय है। इसमें देश भर के 7,500 से अधिक निर्यातक और संबद्ध हितधारक शामिल हैं।