Fuel Data: त्योहारी सीजन और जीएसटी कटौती से डीजल खपत छह महीने के उच्च स्तर पर, ऊर्जा मांग में तेज उछाल
डीजल की मांग नवंबर में बढ़कर 85 लाख टन पर पहुंच गई, जो छह महीनों का सबसे ऊंचा स्तर है। पीपीएसी के आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले लगातार तीन महीनों तक डीजल की मांग घट रही थी, लेकिन अक्तूबर में स्थिति सुधरी और बिक्री 67.9 लाख टन पर पहुंच गई।
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त्योहारी मांग और जीएसटी दरों में कमी का सकारात्मक असर ऊर्जा खपत पर साफ दिखाई दिया है। नवंबर में डीजल की मांग बढ़कर 85 लाख टन पर पहुंच गई, जो छह महीनों का सबसे ऊंचा स्तर है। यह मई के बाद डीजल का सबसे मजबूत प्रदर्शन माना जा रहा है। देश में ऑटो ईंधन के रूप में डीजल की हिस्सेदारी सबसे अधिक रहती है, इसलिए इसकी खपत अर्थव्यवस्था की रफ्तार का संकेत देती है।
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डीजल की मांग लगातार तीसरे महीनें घटी
पीपीएसी के आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले लगातार तीन महीनों तक डीजल की मांग घट रही थी, लेकिन अक्तूबर में स्थिति सुधरी और बिक्री 67.9 लाख टन पर पहुंच गई। वहीं, चालू वित्त वर्ष में पेट्रोल की खपत 6.25 प्रतिशत बढ़कर 2.83 करोड़ टन हो गई है।
जेट ईंधन यानी एटीएफ की मांग भी बढ़त बनाए हुए है और नवंबर में 4.7 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 7.83 लाख टन की खपत दर्ज की गई। एलपीजी की बिक्री भी 7.62 प्रतिशत बढ़कर करीब 30 लाख टन हो गई। घरेलू उपयोग में बढ़ोतरी ने इस वृद्धि में बड़ी भूमिका निभाई है।
उज्जवला योजना में 25 लाख परिवारों को किया गया शामिल
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (PMUY) के तहत 25 लाख नए परिवारों को शामिल किया गया, जिससे लाभार्थियों की संख्या 10.33 करोड़ से बढ़कर 10.58 करोड़ हो गई है।