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P Chidambram: 'चुनावी बॉन्ड वैध रिश्वत की तरह', पूर्व वित्त मंत्री बोले- यह भाजपा के लिए सुनहरी फसल
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: कुमार विवेक
Updated Sat, 30 Sep 2023 12:42 PM IST
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सार
P Chidambram: चिदंबरम ने कहा कि चुनावी बॉन्ड 'रिश्वतखोरी को वैध' बना चुका है। राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के तौर पर चुनावी बॉन्ड को पेश किया गया है। चुनावी बॉन्ड के पहले बैच की बिक्री मार्च 2018 में हुई थी।

पी चिदंबरम

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विस्तार
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने चुनावी बॉन्ड पर सरकार को घेरा है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने शनिवार को चुनावी बॉन्ड को ''वैध रिश्वत'' करार दिया और दावा किया कि चार अक्टूबर को जब इसकी नई किस्त खुलेगी तो यह भाजपा के लिए 'सुनहरी फसल' साबित होगी।
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सरकार ने चुनावी बॉन्ड के 28वीं किस्त को मंजूरी दी
बता दें कि सरकार ने शुक्रवार को चुनावी बॉन्ड की 28वीं किस्त जारी करने को मंजूरी दे दी, यह 4 अक्टूबर से 10 दिनों के लिए बिक्री के लिए खुलेगा। यह फैसला राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनावों से पहले आया है। इन राज्यों में चुनाव की तारीखों की घोषणा जल्द ही किए जाने की उम्मीद है।
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चिदंबरम का आरोप- पहले की तरह गुमनाम चंदे का 90% भाजपा को जाएगा
चिदंबरम ने चार अक्तूबर से खुल रहे चुनावी बॉन्ड की 28वीं किस्त के बारे में ट्विटर (अब एक्स) पर कहा, "यह भाजपा के लिए स्वर्णिम फसल साबित होगी। पिछले रिकॉर्ड को देखें तो तथाकथित गुमनाम चंदे का 90 प्रतिशत भाजपा को जाएगा। क्रोनी कैपिटलिस्ट दिल्ली में भगवान और मालिक को अपनी 'श्रद्धा' भेजने के लिए अपनी चेकबुक खोलेंगे।"
चुनावी बॉन्ड 'रिश्वतखोरी को वैध' बना चुका हैः चिदंबरम
चिदंबरम ने कहा कि चुनावी बॉन्ड 'रिश्वतखोरी को वैध' बना चुका है। राजनीतिक चंदे में पारदर्शिता लाने के प्रयासों के तहत राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले नकद चंदे के विकल्प के तौर पर चुनावी बॉन्ड को पेश किया गया है। चुनावी बॉन्ड के पहले बैच की बिक्री मार्च 2018 में हुई थी।
चुनावी बॉन्ड के लिए सिर्फ भाजपा को अधिकृत किया गया
चुनावी बॉन्ड जारी करने के लिए सिर्फ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को अधिकृत किया गया है। चुनावी बॉन्ड भारतीय नागरिकों या देश में निगमित या स्थापित संस्थाओं द्वारा खरीदे जा सकते हैं। जिन पंजीकृत राजनीतिक दलों ने पिछले लोकसभा या विधानसभा चुनावों में मतदान का एक प्रतिशत से अधिक वोट हासिल किया है, वे चुनावी बॉन्ड के माध्यम से धन प्राप्त करने के पात्र हैं।
मोदी सरकार की ओर से नकारात्मक कदम है चुनावी बॉन्ड योजनाः कांग्रेस
कांग्रेस ने बीते मंगलवार को आरोप लगाया था कि चुनावी बॉन्ड योजना नरेंद्र मोदी सरकार की ओर से उठाए गए नकारात्मक कदमों में से एक है क्योंकि यह देश में चुनाव प्रणाली और लोकतंत्र को कमजोर करती है।