ED: मानव बालों के निर्यात के बहाने अवैध लेनदेन का खुलासा, ईडी ने तीन राज्यों में की छापेमारी
ईडी ने मानव बाल निर्यात की आड़ में कथित अवैध वित्तीय लेनदेन की फेमा जांच के तहत मंगलवार को नगालैंड, असम और तमिलनाडु में एक साथ छापेमारी की। अधिकारियों के मुताबिक, यह छापेमारी ईडी के दीमापुर कार्यालय की ओर से शुरू की गई।
विस्तार
ईडी ने मंगलवार को नागालैंड, असम और तमिलनाडु में एक साथ छापेमारी की। यह कार्रवाई फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) के तहत की गई, जो मानव बालों के निर्यात के नाम पर कथित अवैध वित्तीय लेनदेन की जांच से जुड़ी है।
ये भी पढ़ें: G20 रिपोर्ट: 23 साल में भारत के शीर्ष एक फीसदी अमीरों की संपत्ति 62% बढ़ी, वैश्विक असमानता आपात स्तर पर पहुंची
एफईएमए के तहत की गई पहली कार्रवाई
अधिकारियों के मुताबिक, यह छापेमारी ईडी के दीमापुर कार्यालय की ओर से शुरू की गई। इसमें दीमापुर व गुवाहाटी में दो-दो स्थानों पर व चेन्नई में तीन परिसरों में तलाशी ली गई। बताया गया कि ईडी नागालैंड कार्यालय द्वारा FEMA के तहत की गई यह पहली कार्रवाई है। जांच का संबंध लीमा इमसोंग नामक व्यक्ति और कुछ अन्य लोगों से जोड़ा गया है।
एजेंसी के जांच में क्या आया सामने?
एजेंसी की जांच में सामने आया है कि इमसोंग ग्लोबल सप्लायर्स कंपनी, जो लीमा इमसोंग के स्वामित्व में है, ने विदेशों से भारी रकम प्राप्त की, जबकि यह कारोबार दीमापुर जैसे क्षेत्र में न तो आम है और न ही व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य।
ईडी अधिकारियों के अनुसार, कंपनी निर्धारित समयसीमा के भीतर शिपिंग बिल, निर्यात चालान और अन्य जरूरी दस्तावेज अधिकृत बैंकों को उपलब्ध कराने में विफल रही। एजेंसी ने कहा कि निर्यात दायित्वों की पूर्ति न करना और दस्तावेजों को छिपाना एफईएमए और आरबीआई के निर्देशों का उल्लंघन है।
जांच में यह भी पाया गया कि इमसोंग ग्लोबल के बैंक खाते में आए विदेशी धन को इनके स्वामित्व वाली कंपनी इनकेम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और लीमा इमसोंग व उनके परिजनों के निजी खातों में ट्रांसफर किया गया। अधिकारियों ने बताया कि इनकेम इंडिया लंबे समय तक निष्क्रिय थी और सिर्फ उसी अवधि में सक्रिय हुई, जब लीमा इमसोंग ने विदेशी भुगतान प्राप्त करना शुरू किया। जांच में सामने आया कि इस कंपनी ने उस अवधि में नुकसान दर्ज किया और यह संभवतः एक कागजी कंपनी थी।
ईडी को यह भी जानकारी मिली है कि इनकेम इंडिया के बैंक खाते में जमा धनराशि चेन्नई की कुछ संदिग्ध कंपनियों को भेजी गई, जो मानव बालों के व्यापार में शामिल हैं। एजेंसी ने कहा कि पूरे मामले की जांच फिलहाल जारी है।