FTA: ओमान और न्यूजीलैंड के साथ भारत की एफटीए वार्ता अपने अंतिम चरण में, बोले उद्योग मंत्री पीयूष गोयल
भारत ने ओमान और न्यूजीलैंड के साथ एफटीए की वार्ताओं को अंतिम चरण में पहुंचा दिया है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल के अनुसार, न्यूजीलैंड के मंत्री टॉड मैक्ले दिल्ली आ रहे हैं ताकि वार्ता फाइनल की जा सके, जबकि ओमान के साथ सीईपीए कैबिनेट मंजूरी की प्रक्रिया में है। भारत की एफटीए प्रक्रिया चिली और इस्राइल के साथ भी आगे बढ़ रही है।
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ओमान और न्यूजीलैंड के साथ मुक्त व्यापार समझौतों की वार्ता अपने अंतिम चरण में है। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दोनों के जल्द ही पूरा होने की उम्मीद है।
उन्होंने यह भी संकेत दिया कि दक्षिण अमेरिकी देश चिली के साथ व्यापार समझौता भी जल्द पूरा होने वाला है। गोयल ने बताया कि न्यूजीलैंड के व्यापार मंत्री टॉड मैक्ले शुक्रवार को दिल्ली आने वाले हैं, ताकि दोनों देशों के बीच एफटीए वार्ताओं को अंतिम रूप दिया जा सके। वहीं, ओमान के साथ व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) पर तीन प्रमुख दौरों में सहमति बनने के बाद अब कैबिनेट मंजूरी की प्रक्रिया चल रही है।
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इन देशों के साथ भी वार्ता जारी
वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, ओमान के साथ सीईपीए पर 2023 से 2025 तक पांच दौरे की लंबी बातचीत के बाद टेक्स्ट और बाजार पहुंच को लेकर दोनों देशों के बीच सहमति बन चुकी है। अब अंतिम कैबिनेट नोट संबंधित मंत्रालयों को भेजा गया है और दोनों पक्ष आंतरिक मंजूरियों की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इस बीच, गोयल ने बताया कि इस्राइल के साथ भी व्यापार वार्ता तेज हो गई है। भारत और इस्राइल ने 2025 में टीओआर (संदर्भ की शर्तों) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसके बाद एफटीए वार्ता के औपचारिक पुनरारंभ की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
भारत ने हाल के महीनों में कई देशों के साथ एफटीए वार्ताओं में तेजी लाई है। मालदीव के साथ जुलाई 2025 में टीओआर पर हस्ताक्षर किए गए, और अब दोनों देश औपचारिक बातचीत शुरू कर चुके हैं। इसी तरह भारत और कतर के बीच भी टीओआर को अंतिम रूप देने की कवायद जारी है। खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) के साथ भी इसी दिशा में काम किया जा रहा है। गोयल ने कहा कि कई देश भारत के साथ व्यापारिक साझेदारी में रुचि दिखा रहे हैं क्योंकि भारत आज वैश्विक व्यापार और निवेश के लिए एक आकर्षक केंद्र बन चुका है।
भारत और कतर भी मुक्त व्यापार समझौते के लिए बातचीत शुरू करने के लिए एक अनुबंध को अंतिम रूप दे रहे हैं। साथ ही भारत और खाड़ी सहयोग परिषद (जीसीसी) के बीच भी इसी तरह का एक प्रयास चल रहा है।