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Infosys Buyback: ₹18000 करोड़ के शेयर बायबैक में हिस्सा नहीं लेंगे नीलेकणि व सुधा मूर्ति, कंपनी ने दी जानकारी

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Wed, 22 Oct 2025 05:12 PM IST
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सार

इंफोसिस 1,800 रुपये प्रति शेयर की दर से 5 रुपये अंकित मूल्य के 10 करोड़ पूर्ण चुकता इक्विटी शेयर खरीदेगी। यह कंपनी के कुल चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का 2.41 प्रतिशत होगा। फाइलिंग में कहा गया है कि मध्यम अवधि में रणनीतिक और परिचालन नकदी जरूरतों और इंफोसिस की पूंजी आवंटन नीति के तहत सदस्यों को कुशल तरीके से अतिरिक्त धन वापस करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बायबैक किया जा रहा है। आइए इस बारे में जानें।

Infosys promoters, including Nilekani and Sudha Murty, opt out of Rs 18000-crore buyback
इंफोसिस - फोटो : PTI
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विस्तार
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इन्फोसिस के प्रवर्तकों और प्रवर्तक समूह, जिनमें नंदन एम नीलेकणि और सुधा मूर्ति शामिल हैं, ने कंपनी के 18,000 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक में भाग नहीं लेने का फैसला किया है। बुधवार को नियामकीय फायलिंग यह जानकारी दी गई ।बायबैक घोषणा की तिथि तक प्रमोटरों के पास सामूहिक रूप से कंपनी की 13.05 प्रतिशत इक्विटी थी।

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कंपनी ने कहा, "...कंपनी के प्रमोटर और प्रमोटर समूह ने 14 सितंबर, 2025, 16 सितंबर, 2025, 17 सितंबर, 2025, 18 सितंबर, 2025 और 19 सितंबर, 2025 के अपने पत्रों के माध्यम से बायबैक में भाग नहीं लेने का इरादा व्यक्त किया है।"
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इंफोसिस ने कहा, "प्रस्तावित बायबैक के अनुसार तथा बायबैक के प्रति प्रतिक्रिया के आधार पर कंपनी में प्रवर्तकों और प्रवर्तक समूह के मतदान अधिकार, जो सार्वजनिक घोषणा की तिथि तक 13.05 प्रतिशत है, में परिवर्तन हो सकता है।"

इंफोसिस के फाउंडर्स में कंपनी के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति की पत्नी सुधा एन मूर्ति, बेटी अक्षता मूर्ति और बेटा रोहन मूर्ति शामिल हैं। इसमें कंपनी के सह-संस्थापक नंदन नीलेकणी, उनकी पत्नी रोहिणी नीलेकणी और उनके बच्चे निहार और जान्हवी नीलेकणी भी शामिल हैं। अन्य सह-संस्थापक और उनके परिवार भी कंपनी के फाउंडर हैं। इन्फोसिस बोर्ड ने 11 सितंबर, 2025 को हुई बैठक में कंपनी के अब तक के सबसे बड़े 18,000 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक को मंजूरी दे दी।

इंफोसिस 1,800 रुपये प्रति शेयर की दर से 5 रुपये अंकित मूल्य के 10 करोड़ पूर्ण चुकता इक्विटी शेयर खरीदेगी। यह कंपनी के कुल चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का 2.41 प्रतिशत होगा। फाइलिंग में कहा गया है कि मध्यम अवधि में रणनीतिक और परिचालन नकदी जरूरतों और इंफोसिस की पूंजी आवंटन नीति के तहत सदस्यों को कुशल तरीके से अतिरिक्त धन वापस करने की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए बायबैक किया जा रहा है।

घोषित पूंजी आवंटन नीति के अनुसार, "वित्तीय वर्ष 2025 से प्रभावी, कंपनी अर्ध-वार्षिक लाभांश और/या शेयर बायबैक/विशेष लाभांश के संयोजन के माध्यम से 5 वर्ष की अवधि में संचयी रूप से मुक्त नकदी प्रवाह का लगभग 85 प्रतिशत वापस करने की अपनी नीति को जारी रखने की उम्मीद करती है, जो लागू कानूनों और अपेक्षित अनुमोदनों, यदि कोई हो, के अधीन है"।

फाइलिंग में कहा गया है कि कंपनी अपने प्रति शेयर वार्षिक लाभांश (किसी विशेष लाभांश को छोड़कर) में लगातार वृद्धि करने का इरादा रखती है, तथा पूंजी आवंटन नीति के अनुरूप, पुनर्खरीद से इक्विटी आधार को कम करके दीर्घावधि में शेयरधारक मूल्य में वृद्धि होने की उम्मीद है।

इंफोसिस ने 2017 में अपने पहले शेयर बायबैक कार्यक्रम की घोषणा की थी। उस समय कंपनी ने 1,150 रुपये प्रति इक्विटी शेयर की दर से 11.3 करोड़ शेयर या कंपनी की चुकता इक्विटी शेयर पूंजी का 4.92 प्रतिशत तक खरीदा था, जिसकी कीमत लगभग 13,000 करोड़ रुपये थी।

कंपनी का दूसरा बायबैक 2019 में 8,260 करोड़ रुपये का था, जबकि तीसरा 9,200 करोड़ रुपये का था। बेंगलुरु स्थित इस कंपनी ने 2022 में खुले बाजार के माध्यम से 1,850 रुपये प्रति इक्विटी शेयर की अधिकतम कीमत पर 9,300 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक की घोषणा की थी। मंगलवार को बीएसई पर इंफोसिस का शेयर 1,472 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुआ। यह पिछली क्लोजिंग के मुकाबले 0.72 प्रतिशत अधिक है।

क्या होता है शेयर बायबैक?

जब कोई कंपनी "शेयर बायबैक" करती है, तो इसका मतलब है कि वह बाजार से अपने ही शेयर वापस खरीद रही है।

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