MSME for Bharat: खेल सामानों के निर्यात से मेरठ की वैश्विक पहचान, बड़े स्पोर्ट्स ब्रांड बाजार में मचा रहे धमाल
MSME for Bharat: वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ योजना के तहत हर जिले के खास उत्पाद को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने का लक्ष्य है। आइए जानते हैं देश की अर्थव्यवस्था में उत्तर प्रदेश के जिले मेरठ के एमएसएमई क्षेत्र की महत्ता के बारे में।

विस्तार
भारतीय अर्थव्यवस्था में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) रीढ़ की हड्डी की तरह माने जाते हैं। यह क्षेत्र न सिर्फ करोड़ों लोगों को रोजगार देता है, बल्कि नवाचार को बढ़ावा देने और स्थानीय व क्षेत्रीय विकास की रफ्तार बढ़ाने में भी अहम भूमिका निभाता है। इन्हीं संभावनाओं और चुनौतियों पर चर्चा के लिए अमर उजाला की ओर से ‘एमएसएमई फॉर भारत कॉन्क्लेव’ का आयोजन किया जा रहा है।

MSME फॉर भारत कॉन्क्लेव की जानकारी
मेरठ में MSME फॉर भारत कॉन्क्लेव का आयोजन 18 सितंबर को शाम 4 से 6 बजे तक होगा। इसका अयोजन स्थल आईआईए ऑडिटोरियम, औद्योगिक क्षेत्र है। इस कार्यक्रम में उद्योग, व्यापार और विकास के क्षेत्र से जुड़े कई प्रमुख लोग शिरकत करेंगे।
कॉन्क्लेव का उद्देश्य
इस मंच पर विशेषज्ञ डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, वित्त तक आसान पहुंच, सप्लाई चेन के आधुनिकीकरण, निर्यात विस्तार, कौशल विकास और नीति सुधार जैसे अहम मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे। साथ ही, फंडिंग के नए विकल्प, ब्रांडिंग और मार्केटिंग की आधुनिक तकनीकें तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के व्यावहारिक उपयोग पर भी रोशनी डाली जाएगी।
कॉन्क्लेव में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने, एमएसएमई को अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने और वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना के जरिए स्थानीय उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाने पर विशेष फोकस रहेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मंच एमएसएमई सेक्टर को मजबूत बनाने, उसे नई तकनीक और वित्तीय विकल्पों से जोड़ने और वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करने में अहम भूमिका निभाते हैं। मेरठ समेत देशभर के उद्यमियों के लिए यह कॉन्क्लेव एक अनूठा अवसर है, जहां उद्योग, व्यापार और विकास जगत के दिग्गज अपने अनुभव और सुझाव साझा करेंगे तथा एमएसएमई क्षेत्र को नई दिशा देने का रोडमैप तैयार करेंगे।
आइए जानते हैं देश की अर्थव्यवस्था में उत्तर प्रदेश के जिले मेरठ के एमएसएमई क्षेत्र की महत्ता के बारे में।
देश-विदेश में खेल सामानों के लिए मशहूर मेरठ
खेल सामानों के निर्यात ने मेरठ को वैश्विक स्तर पर खास पहचान दिलाई है। यहां की एमएसएमई बड़ी इकाइयों में स्पोर्ट्स गुड्स और लाइट इंजीनियरिंग उद्योग प्रमुख हैं। सरकार की वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ODOP) योजना और इंडस्ट्री एसोसिएशन जैसे निकाय इन उद्योगों को मजबूती देने का काम कर रहे हैं।
शहर की कई नामी कंपनियां, जैसे सरीन स्पोर्ट्स, दुनिया भर में भारतीय खेल ब्रांड का परचम लहरा रही हैं।
खेल उद्योग के सामने कई चुनौतियां
देश-विदेश में खेल सामानों के लिए मशहूर मेरठ का उद्योग नकली सामान (काउंटरफिटिंग), मौसमी मांग और वित्तीय समस्याओं जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है।
स्थानीय उद्यमियों का कहना है कि नकली उत्पादों से असली ब्रांड की साख पर असर पड़ता है और कारोबार को नुकसान उठाना पड़ता है। वहीं, क्रिकेट और अन्य खेलों में मौसमी मांग के कारण उत्पादन और बिक्री में असंतुलन बना रहता है। इसके अलावा वित्तीय संसाधनों की कमी से छोटे और मझोले उद्यमियों के सामने कारोबार बढ़ाने की मुश्किलें बनी हुई हैं।
उद्योग जगत का मानना है कि अगर इन समस्याओं का समाधान हो जाए तो मेरठ का खेल उद्योग और अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकता है और वैश्विक बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकता है।