Oman: भारत-ओमान सीईपीए पर पीयूष गोयल ने जताया भरोसा, जानें भारतीय कंपनियों को क्या मिलेगा फायदा
वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि भारत-ओमान सीईपीए के तहत ओमान ने भारतीय कंपनियों को बड़ी राहत दी है। समझौते के अनुसार, ओमान में निवेश करने वाली भारतीय कंपनियों को केवल सीमित संख्या में ओमानी नागरिकों को नियुक्त करना होगा, जबकि बाकी कर्मचारी भारत से रखे जा सकेंगे।
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वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत-ओमान के बीच हुए व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) के तहत ओमान ने यह भरोसा दिया है कि वहां निवेश करने वाली भारतीय कंपनियों को केवल तय संख्या में ओमानी नागरिकों को नियुक्त करना होगा, जबकि शेष कार्यबल भारत से रखा जा सकेगा।
18 दिसंबर को मस्कट में दोनों देशों के बीच सीईपीए पर हस्ताक्षर हुए थे। गोयल ने बताया कि यह पहली बार है जब ओमान ने किसी देश को ऐसी स्थायी और बाध्यकारी छूट दी है। उन्होंने कहा कि अगर भविष्य में ओमान अपने श्रम कानूनों में बदलाव भी करता है, तब भी यह प्रावधान मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) का हिस्सा बना रहेगा।
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रोजगार के अवसर होंगे पैदा
मंत्री ने कहा कि इससे भारतीय निवेशकों को अन्य देशों के कर्मचारियों को रखने की मजबूरी नहीं होगी और भारतीय कंपनियों का निवेश सीधे तौर पर भारत के लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा। यह व्यवस्था ओमान के लिए भी रोजगार सृजन में सहायक होगी।
समझौते के तहत अकाउंटेंसी, टैक्सेशन, आर्किटेक्चर, मेडिकल और इससे जुड़े क्षेत्रों जैसे प्रमुख सेक्टरों में कुशल पेशेवरों के लिए प्रवेश और ठहरने की शर्तों को भी उदार बनाया गया है, जिससे पेशेवर सेवाओं में सहयोग और सुगमता बढ़ेगी।
ओमानीकरण नीति क्या है?
एक अधिकारी ने बताया कि यह भी तय किया गया है कि अगर ओमान किसी अन्य सार्क देश को अपनी ओमानीकरण नीति के तहत ज्यादा रियायत देता है, तो वही रियायत भारत को भी देनी होगी। ओमानीकरण नीति के तहत निजी क्षेत्र में ओमानी नागरिकों की भर्ती के लिए अलग-अलग सेक्टरों में कोटा तय किया जाता है।
इसके अलावा, सीईपीए के तहत ओमान में प्रमुख सेवा क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों को 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) की अनुमति दी गई है, जिससे भारतीय सेवा उद्योग को खाड़ी क्षेत्र में अपने कारोबार के विस्तार का बड़ा अवसर मिलेगा।