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Export: जूट मिल मालिकों ने बांग्लादेश को बीज निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की मांग की; क्या है माजरा, यहां समझें

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Fri, 19 Dec 2025 04:45 PM IST
सार

Export: भारतीय जूट मिल्स एसोसिएशन (आईजेएमए) ने गुरुवार को वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह को एक पत्र लिखकर बांग्लादेश को बीज निर्यात पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। उन्हें क्या परेशानी है, आइए विस्तार से जानें। 

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Jute millers demands ban on seed exports to Bangladesh, Exports News
भारत बांग्लादेश - फोटो : amarujala.com
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विस्तार
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मिल मालिकों के एक संघ ने केंद्र से बांग्लादेश को जूट के बीजों के निर्यात पर तत्काल प्रतिबंध लगाने और इस रेशे से बने सामानों के आयात को विनियमित करने की अपील की है। उन्होंने पड़ोसी देश की ओर से कच्चे जूट के निर्यात पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण घरेलू उद्योग में गहराते संकट का हवाला दिया है।

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जूट मिल्स एसोसिएशन को क्या परेशानी?

भारतीय जूट मिल्स एसोसिएशन (आईजेएमए) ने गुरुवार को वस्त्र मंत्री गिरिराज सिंह को एक पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि बांग्लादेश की ओर से 8 सितंबर से कच्चे जूट के निर्यात पर एकतरफा प्रतिबंध लगाने के फैसले से भारत में कच्चे माल की भारी कमी हो गई है, इससे घरेलू बाजार में कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है।

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एसोसिएशन ने चेतावनी दी है कि कच्चे माल की कमी और बढ़ती कीमतों ने भारतीय जूट मिलों को गंभीर वित्तीय संकट में डाल दिया है। इससे जूट मूल्य शृंखला की स्थिरता और इस क्षेत्र में लाखों श्रमिकों की आजीविका खतरे में पड़ गई है। द्विपक्षीय व्यापार की असमान स्थिति पर चिंता जताते हुए, आईजेएमए ने कहा कि जहां बांग्लादेश ने भारतीय मिलों को कच्चे जूट की आपूर्ति रोक दी है। पड़ोसी देश उच्च उपज वाली किस्म (एचवाईवी) के जूट के बीजों के लिए लगभग पूरी तरह से भारत पर निर्भर है।

भारत से बीज मंगवाकर बांग्लादेश क्या चालाकी कर रहा?

आईजेएमए ने कहा कि भारत से निर्यात किए गए बीजों का इस्तेमाल बांग्लादेश में जूट के सामान बनाने में किया जाता है, इन्हें बाद में कम कीमतों पर भारत को निर्यात किया जाता है और इससे घरेलू निर्माताओं को नुकसान होता है। मिलर्स एसोसिएशन ने कहा कि भारत से उच्च गुणवत्ता वाली जूट के बीजों के निरंतर निर्यात ने भारतीय किसानों के लिए इसकी उपलब्धता को भी कम कर दिया है और भविष्य में घरेलू उत्पादन पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। संगठन ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए जूट के बीजों को एक रणनीतिक कृषि इनपुट के रूप में माना जाना चाहिए।

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मिल मालिकों ने इस संकट से निपटने के लिए जूट आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी लाइसेंस के जरिए जूट उत्पादों के आयात के सख्त विनियमन और जूट के बीजों, विशेष रूप से उच्च गुणवत्ता वाली किस्मों के निर्यात पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग की है। एसोसिएशन ने कहा कि किसानों के हितों की रक्षा करने और बांग्लादेश द्वारा कच्चे माल के सामान्य निर्यात को बहाल करने तक घरेलू जूट उद्योग की दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए ये कदम आवश्यक हैं।

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