Pune Land Deal Row: पार्थ पवार की फर्म ने अदालत का दरवाजा खटखटाया, 300 करोड़ की 40 एकड़ जमीन से जुड़ा है मामला
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के बेटे पार्थ पवार से जुड़ी अमाडिया एंटरप्राइजेज एलएलपी ने पुणे की अदालत में सिविल मुकदमा दायर कर बिक्री विलेख को रद्द कराने की मांग की है। यह मामला पुणे के मुंधवा इलाके में 40 एकड़ सरकारी संपत्ति के 300 करोड़ रुपये में हुए विवादित सौदे से जुड़ा है।
विस्तार
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के बेटे पार्थ की साझेदारी वाली फर्म अमाडिया एंटरप्राइजेज ने मुंधवा जमीन सौदे को लेकर बड़ा कदम उठाया है। फर्म ने जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी धारक शीतल तेजवानी के खिलाफ बिक्री विलेख को रद्द कराने के लिए अदालत में सिविल मुकदमा दायर किया है।
फर्म के साझेदार दिग्विजय पाटिल ने यह याचिका विशिष्ट राहत अधिनियम, 1963 की धारा 31 के तहत दायर की है। अदालत के दस्तावेजों के अनुसार, इस मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी 2026 को तय की गई है।
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सरकारी जमीन के बेचे जाने का मामला विवादों में
बता दें कि पिछले महीने पुणे के पॉश मुंधवा इलाके में 40 एकड़ जमीन को 300 करोड़ रुपये में अमाडिया एंटरप्राइजेज को बेचे जाने का मामला विवादों में आ गया था। जांच में सामने आया कि यह जमीन सरकारी है और इसकी बिक्री नहीं की जा सकती थी। आरोप है कि इस सौदे में फर्म को करीब 21 करोड़ रुपये की स्टांप ड्यूटी से भी छूट दी गई।
आरोपों के मुताबिक, 272 ‘मूल वतनदारों’ की पावर ऑफ अटॉर्नी धारक शीतल तेजवानी ने यह जानते हुए भी बिक्री विलेख निष्पादित किया कि जमीन सरकारी है। तत्कालीन सब-रजिस्ट्रार रविंद्र तारू पर भी इस सौदे को अंजाम देने में भूमिका निभाने का आरोप है।
पार्थ पवार का नाम एफआईआर में शामिल नहीं
इस मामले में पंजीकरण महानिरीक्षक (आईजीआर) के अधिकारियों ने स्टांप ड्यूटी चोरी के आरोप में दिग्विजय पाटिल, शीटल तेजवानी और रविंद्र तारू के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। हालांकि, अमाडिया एंटरप्राइजेज के बहुसंख्यक साझेदार पार्थ पवार का नाम एफआईआर में शामिल नहीं है।
संबंधित एक अन्य मामले में जिला प्रशासन ने भी पाटिल, तेजवानी और निलंबित तहसीलदार सूर्यकांत येओले के खिलाफ केस दर्ज किया है। यह एफआईआर खड़क पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई है। इसकी जांच पुणे पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा कर रही है।
ईओडब्ल्यू ने पिछले महीने शीतल तेजवानी को गिरफ्तार किया था, जो फिलहाल बावधन पुलिस की हिरासत में है। वहीं, रविंद्र तारू को भी बावधन पुलिस ने गिरफ्तार किया है। तहसीलदार सूर्यकांत येओले पर आरोप है कि उन्होंने वानस्पतिक सर्वेक्षण को जमीन खाली करने का नोटिस जारी किया था, यह कहते हुए कि उक्त जमीन अमाडिया एंटरप्राइजेज को बेची जा चुकी है। पुणे की एक अदालत ने सोमवार को येओले की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी।