US Tariff: भारत पर अमेरिकी टैरिफ को लेकर रघुराम राजन का बड़ा बयान, बोले- पाकिस्तान ने अच्छा खेला...
पूर्व RBI गवर्नर रघुराम राजन ने दावा किया है कि डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा भारतीय उत्पादों पर 50% टैरिफ लगाने की वजह रूसी तेल आयात नहीं थी। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के अनुसार, राजन का कहना है कि यह कदम पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम पर ट्रंप की टिप्पणी का भारत द्वारा समर्थन न करने के कारण उठाया गया था।
विस्तार
अमेरिका की ओर से भारतीय सामान पर लगाए गए भारी टैरिफ को लेकर पूर्व आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन के बयान ने नई बहस खड़ी कर दी है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में राजन कहते हुए नजर आए हैं कि ट्रंप प्रशासन ने 50% टैरिफ रूस से तेल खरीद को लेकर नहीं, बल्कि भारत द्वारा ट्रंप की पाकिस्तान को लेकर की गई टिप्पणी का समर्थन न करने की वजह से लगाया।
पाकिस्तान ने ट्रंप के हर दावे का किया समर्थन
राजन ने स्विट्जरलैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ ज्यूरिख में आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद हुए संघर्ष विराम पर ट्रंप ने जिस तरह दावा किया था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान को बातचीत के लिए मनाया, भारत ने उस दावे का समर्थन नहीं किया। इसके उलट पाकिस्तान ने इस दावे पर कोई आपत्ति नहीं जताई। राजन के मुताबिक भारत ने ट्रंप के बयान पर सहमति नहीं जताई, इसलिए भारत पर 50% टैरिफ लगाया गया, जबकि पाकिस्तान ‘साथ खेला’ और उसे केवल 19% शुल्क झेलना पड़ा। यह वीडियो 4 दिसंबर का बताया जा रहा है, वीडियो के सामने आने के बाद इंटरनेट पर कई यूजर्स ने राजन पर सच तोड़ने-मरोड़ने और भारत को कमजोर दिखाने का आरोप लगाया है।
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राजन ने क्या कहा
ज्यूरिख में एक कार्यक्रम के दौरान राजन ने कहा कि मुद्दा रूसी तेल नहीं था… यह व्हाइट हाउस में मौजूद कुछ व्यक्तित्वों का मसला था और भारत ने ट्रंप की टिप्पणी को कैसे लिया, इसका असर पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने ट्रंप के दावे को स्वीकार कर उसके पक्ष में बयान दिए, जबकि भारत ने कहा कि संघर्ष विराम बिना अमेरिकी भूमिका के हुआ था। राजन के अनुसार पाकिस्तान ने खेल समझा और ट्रंप को श्रेय दिया, इसलिए उसे 19% टैरिफ झेलना पड़ा, जबकि भारत को 50% टैरिफ लगाया गया।
ऑपरेशन सिंदूर और संघर्ष विराम
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के आतंकी ढांचे को निशाना बनाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। इस सैन्य कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा, जिसके बाद 10 मई को संघर्ष विराम की घोषणा हुई। ट्रंप ने दावा किया कि यह उनके हस्तक्षेप से यह संभव हुआ।
भारत ने इसे खारिज करते हुए कहा कि यह समझौता पाकिस्तान की ओर से डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) के जरिए बातचीत के बाद हुआ। पहले पाकिस्तान ने भी इस दावे को अस्वीकार किया, बाद में उसने इसे स्वीकार करते हुए ट्रंप को 2026 के नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित कर दिया।
राजन के बायन पर ऑनलाइन प्रतिक्रिया
राजन के बयान के बाद सोशल मीडिया पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। कई यूजर्स ने कहा कि भारत ने झूठी कहानी स्वीकार नहीं की और यही संप्रभु रुख था, जबकि पाकिस्तान ने कूटनीति के लिए ट्रंप को श्रेय दिया। वहीं आलोचकों ने राजन पर यह आरोप भी लगाया कि वह भारत की दृढ़ता की बजाय अमेरिकी फैसले का बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं। राजन ने अपने बयान में यह भी कहा कि असली कारण पूरी तरह स्पष्ट नहीं है, लेकिन उम्मीद व्यक्त की कि लंबे समय में सभी पक्ष समझदारी से व्यवहार करेंगे।