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आरबीआई गवर्नर की बैंकों को नसीहत: ग्राहकों तक पहुंचाएं ब्याज कटौती का लाभ, डिजिटल फ्रॉड पर बढ़ाएं सतर्कता

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: कुमार विवेक Updated Tue, 09 Dec 2025 09:21 PM IST
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RBI Governor Meeting With Bankers, Regulator asks banks for transmission of rate cut benefit to customers
आरबीआई गवर्नर - फोटो : RBI
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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मंगलवार को देश के बैंकर्स के साथ एक अहम बैठक की। इस दौरान आरबीआई गवर्नर ने साफ-साफ कहा कि एमपीसी की ओर से नीतिगत दरों में की गई कटौती का लाभ बैंक आम ग्राहकों तक जल्दी पहुंचाएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि सतत आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए यह कदम जरूरी है। मंगलवार को मुंबई में आयोजित इस उच्च स्तरीय बैठक में सार्वजनिक और चुनिंदा निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी शामिल हुए।

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125 आधार अंकों की कटौती का लाभ ग्राहको को मिले

बैठक के दौरान गवर्नर मल्होत्रा ने कहा कि फरवरी 2025 से अब तक केंद्रीय बैंक ने रेपो रेट में कुल 125 आधार अंकों (1.25%) की कटौती की है, जिससे प्रमुख नीतिगत दर 5.25 प्रतिशत पर आ गई है। गवर्नर ने बैंकर्स से कहा कि इस कटौती का सीधा फायदा कर्जदारों को मिलना चाहिए ताकि खपत और निवेश को बढ़ावा मिल सके। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में भारत ने 8 प्रतिशत की शानदार जीडीपी वृद्धि दर दर्ज की है, इसे बनाए रखने के लिए आरबीआई सस्ता कर्ज उपलब्ध कराने पर जोर दे रहा है।

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'लापरवाही की गुंजाइश नहीं'

बैंकिंग सेक्टर की सेहत पर संतोष जताते हुए आरबीआई गवर्नर ने कहा कि वर्ष 2025 में बैंकों के परिचालन और वित्तीय स्वास्थ्य में लगातार सुधार देखा गया है। हालांकि, उन्होंने को चेताते हुए कहा, "बदलते आर्थिक परिवेश में बैंकों को आत्मसंतोष से बचना चाहिए और उन्हें लगातार सतर्क रहने की जरूरत है।" उन्होंने यह भी कहा कि ब्याज दरों में 125 बेसिस पॉइंट्स की कमी और तकनीक के बेहतर इस्तेमाल से बैंकों की मध्यस्थता लागत कम होनी चाहिए, जिससे दक्षता बढ़ेगी और वित्तीय समावेशन को मजबूती मिलेगी।

डिजिटल फ्रॉड और ग्राहक सेवा पर फोकस

ग्राहक सेवा को प्राथमिकता बताते हुए गवर्नर ने बैंकों को शिकायतों के निपटान में तेजी लाने और अपनी आंतरिक प्रणालियों को सुदृढ़ करने का निर्देश दिया। डिजिटल बैंकिंग के बढ़ते दायरे के साथ उन्होंने साइबर सुरक्षा पर विशेष चिंता जताई। गवर्नर ने कहा, "डिजिटल धोखाधड़ी से बढ़ते जोखिमों से निपटने के लिए बैंकों को अधिक मजबूत और इंटेलिजेंस-आधारित सुरक्षा तंत्र विकसित करने होंगे।"

री-केवाईसी और लावारिस जमा

बैठक में आरबीआई ने री-केवाईसी और लावारिस जमा राशि के निपटान की दिशा में बैंकों के प्रयासों को सराहा। साथ ही, गवर्नर ने इन मुद्दों पर जागरूकता अभियान जारी रखने और ग्राहकों से सक्रिय संपर्क साधने को कहा। आरबीआई ने नियमों के सरलीकरण और हालिया पहलों का हवाला देते हुए आरबीआई के परामर्श देने वाली भूमिका को भी दोहराया।

बैठक में ये रहे मौजूद

इस महत्वपूर्ण बैठक में डिप्टी गवर्नर टी. रबी शंकर, स्वामीनाथन जे., पूनम गुप्ता और एस.सी. मुर्मू भी उपस्थित थे। इनके अलावा पर्यवेक्षण, विनियमन, प्रवर्तन और उपभोक्ता शिक्षा व वित्तीय समावेशन विभागों के कार्यकारी निदेशक भी शामिल हुए। यह बैठक विनियमित संस्थाओं के वरिष्ठ प्रबंधन के साथ यह एक निरंतर चलने वाली संवाद प्रक्रिया का हिस्सा थी। इससे पहले ऐसी बैठक 27 जनवरी 2025 को हुई थी।

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