सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Business ›   Business Diary ›   RBI's stake in government bonds increased, claims SBI report

SBI Report: सरकारी बॉन्ड में भारतीय रिजर्व बैंक की हिस्सेदारी बढ़ी, एसबीआई की रिपोर्ट में दावा

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Mon, 17 Nov 2025 10:47 AM IST
सार

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार आरबीआई की सरकारी प्रतिभूतियों में हिस्सेदारी पिछले एक साल में बढ़ी है। वहीं बैंकों की हिस्सेदारी में कमी आई है। इसके विपरीत, बीमा कंपनियों की हिस्सेदारी लगभग स्थिर बनी हुई है। 

विज्ञापन
RBI's stake in government bonds increased, claims SBI report
भारतीय रिजर्व बैंक - फोटो : एएनआई (फाइल)
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

भारतीय रिजर्व बैंक की सरकारी प्रतिभूतियों में हिस्सेदारी पिछले एक साल में स्पष्ट रूप से बढ़ी है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार जून 2025 में आरबीआई की हिस्सेदारी बढ़कर 14.2 प्रतिशत हो गई, जो जून 2024 में 11.9 प्रतिशत थी।

Trending Videos


ये भी पढ़ें: Credit Card: ये वो क्रेडिट कार्ड नहीं... कंपनियों ने लगाई नई शर्तें; अब छोटे-छोटे चार्ज बदलेंगे खर्चों का गणित

विज्ञापन
विज्ञापन

बैंकों की हिस्सेदारी में आई कमी

रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई की ओर से सरकारी बॉन्ड की होल्डिंग में निरंतर वृद्धि देखी जा रही है, जबकि बैंकों की हिस्सेदारी में कमी आई है। इसके विपरीत, बीमा कंपनियों की हिस्सेदारी लगभग स्थिर बनी हुई है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार की ओर से फरवरी 2026 तक हर महीने लगभग एक लाख करोड़ रुपये उधार लेने की उम्मीद है। इसमें मार्च के लिए केवल एक छोटी राशि निर्धारित है। 

बॉन्ड प्रतिफल सीमित दायरे में रहने की उम्मीद

साथ ही अपेक्षाकृत बड़ी स्टेट डेवलपमेंट लोन (एसडीएल) केंद्र सरकार की अल्पकालिक उधारी से प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं। इससे बाजार में आपूर्ति बढ़ेगी। इसके बावजूद, रिपोर्ट का मानना है कि बॉन्ड प्रतिफल सीमित दायरे में रह सकता है और आने वाले दिनों में इसमें उतार-चढ़ाव हो सकता है।  हाल के महीनों में बैंक और म्यूचुअल फंड्स जहां जी-सेक के शुद्ध विक्रेता बने हुए हैं।

आरबीआई ने विदेशी मुद्रा बाजार में किया हस्तक्षेप

रिपोर्ट में आरबीआई की विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप गतिविधि को भी रेखांकित किया गया है। केंद्रीय बैंक ने रुपये को अत्यधिक उतार-चढ़ाव से बचाने और सट्टेबाजी पर अंकुश लगाने के लिए अपने मजबूत विदेशी मुद्र भंडार का इस्तेमाल किया। जून से अगस्त 2025 के बीच आरबीआई की ओर से लगभग 14 अरब डॉलर की नेट डॉलर सेल की गई, जिसके परिणामस्वरूप बैंकिंग प्रणाली से करीब ₹1.2 लाख करोड़ की स्थायी तरलता निकल गई।

विदेशी मुद्रा भंडार में आई गिरावट 

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार, जो जून 2025 में 703 अरब डॉलर था, अक्तूबर के अंत तक घटकर 690 अरब डॉलर रह गया। सोने और विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) को छोड़कर, इसी अवधि में भंडार 30 अरब डॉलर घटकर 599 अरब डॉलर से 569 अरब डॉलर रह गया।

मुद्रा बाजार में स्थिरता बनाए रखने के लिए केंद्र बाजार है सक्रिय

रुपये में जारी कमजोरी के रुझान के बीच रिपोर्ट का आकलन है कि अगस्त के बाद भी आरबीआई का हस्तक्षेप जारी रहा होगा और अब तक यह आंकड़ा 14 अरब डॉलर से अधिक पहुंच चुका होगा। मुद्रा बाजार में स्थिरता बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंक लगातार सक्रिय बना हुआ है।

विज्ञापन
विज्ञापन
सबसे विश्वसनीय Hindi News वेबसाइट अमर उजाला पर पढ़ें कारोबार समाचार और Union Budget से जुड़ी ब्रेकिंग अपडेट। कारोबार जगत की अन्य खबरें जैसे पर्सनल फाइनेंस, लाइव प्रॉपर्टी न्यूज़, लेटेस्ट बैंकिंग बीमा इन हिंदी, ऑनलाइन मार्केट न्यूज़, लेटेस्ट कॉरपोरेट समाचार और बाज़ार आदि से संबंधित ब्रेकिंग न्यूज़
 
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें अमर उजाला हिंदी न्यूज़ APP अपने मोबाइल पर।
Amar Ujala Android Hindi News APP Amar Ujala iOS Hindi News APP
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

Election
एप में पढ़ें

Followed