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सेबी चेयरमैन बोले: आईपीओ मूल्यांकन पर सेबी नहीं देगा दखल, लेंसकार्ट के निर्गम के अधिक कीमत पर जताई गई थी चिंता
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, मुंबई
Published by: कीर्तिवर्धन मिश्र
Updated Fri, 07 Nov 2025 08:09 AM IST
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तुहिन कांत पांडे, सेबी चेयरमैन
- फोटो : ANI
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आईपीओ में ऊंचे मूल्यांकन को लेकर चिंताओं के बीच सेबी चेयरमैन तुहिन कांत पांडे ने स्पष्ट किया कि पूंजी बाजार नियामक इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेगा। हम मूल्यांकन तय नहीं करते। यह देखने वाले यानी निवेशक की नजर में होता है। लेंसकार्ट के 7,200 करोड़ रुपये के आईपीओ की कीमत बहुत अधिक रखे जाने पर चिंता जताई गई थी। पांडे ने स्पष्ट किया कि बाजार को अवसरों के आधार पर मूल्य निर्धारण स्वतंत्र रूप से तय करना चाहिए।
प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के ऊंचे मूल्य को लेकर पहले भी चिंताएं जताई गई हैं। खासकर नायका या पेटीएम के आईपीओ जैसी नए जमाने की कंपनियों के मामले में यह बहुत ज्यादा रहा है। पांडे ने कंपनियों से पर्यावरण, सामाजिक व गवर्नेंस (ईएसजी) प्रतिबद्धताओं के प्रति अधिक प्रामाणिक होने की अपील की। पांडे ने बृहस्पतिवार को कहा, नियामकीय दृष्टिकोण से नियामकीय अतिक्रमण को नियंत्रित करने और नवाचार एवं जवाबदेही को बढ़ावा देने की जरूरत है।
पांडे ने कहा, हम उद्योग और निवेशकों के परामर्श से कई नियमों की समीक्षा करेंगे, ताकि उन्हें सरल, प्रासंगिक, स्पष्ट और अपडेट बनाया जा सके। कंपनियों के निदेशकों और वरिष्ठ प्रबंधन को साइबर जोखिम, व्यवहार विज्ञान, डाटा नैतिकता और स्थिरता जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी क्षमता को मजबूत करना चाहिए।
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प्रारंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के ऊंचे मूल्य को लेकर पहले भी चिंताएं जताई गई हैं। खासकर नायका या पेटीएम के आईपीओ जैसी नए जमाने की कंपनियों के मामले में यह बहुत ज्यादा रहा है। पांडे ने कंपनियों से पर्यावरण, सामाजिक व गवर्नेंस (ईएसजी) प्रतिबद्धताओं के प्रति अधिक प्रामाणिक होने की अपील की। पांडे ने बृहस्पतिवार को कहा, नियामकीय दृष्टिकोण से नियामकीय अतिक्रमण को नियंत्रित करने और नवाचार एवं जवाबदेही को बढ़ावा देने की जरूरत है।
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पांडे ने कहा, हम उद्योग और निवेशकों के परामर्श से कई नियमों की समीक्षा करेंगे, ताकि उन्हें सरल, प्रासंगिक, स्पष्ट और अपडेट बनाया जा सके। कंपनियों के निदेशकों और वरिष्ठ प्रबंधन को साइबर जोखिम, व्यवहार विज्ञान, डाटा नैतिकता और स्थिरता जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनी क्षमता को मजबूत करना चाहिए।
40 फीसदी अब कुल आरक्षण होगा एंकर हिस्से में
सेबी ने आईपीओ में एंकर निवेशकों के लिए शेयर आवंटन ढांचे में बदलाव किया है। इसका उद्देश्य म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियों व पेंशन फंड जैसे घरेलू संस्थागत निवेशकों की भागीदारी बढ़ाना है। एंकर हिस्से में कुल आरक्षण कोे 33 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया गया है। इसमें म्यूचुअल फंड के लिए 33 प्रतिशत और बीमा कंपनियों व पेंशन फंड के लिए 7 फीसदी शामिल है।
एंकर निवेशकों की संख्या अब 15
यदि बीमा कंपनियों और पेंशन फंडों के लिए आरक्षित 7 फीसदी हिस्सा नहीं भरता है, तो इसे म्यूचुअल फंडों को दे दिया जाएगा। 250 करोड़ रुपये से अधिक के एंकर हिस्से वाले आईपीओ के लिए एंकर निवेशकों की संख्या में वृद्धि की मौजूदा सीमा को 250 करोड़ रुपये पर 10 से बढ़ाकर 15 कर दिया है।
प्रत्येक अतिरिक्त 250 करोड़ रुपये या उसके हिस्से के लिए अतिरिक्त 15 निवेशकों को मंजूरी दी जाएगी, बशर्ते कि प्रति निवेशक न्यूनतम आवंटन 5 करोड़ रुपये हो। नियम 30 नवंबर से लागू होंगे।
सेबी ने आईपीओ में एंकर निवेशकों के लिए शेयर आवंटन ढांचे में बदलाव किया है। इसका उद्देश्य म्यूचुअल फंड, बीमा कंपनियों व पेंशन फंड जैसे घरेलू संस्थागत निवेशकों की भागीदारी बढ़ाना है। एंकर हिस्से में कुल आरक्षण कोे 33 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया गया है। इसमें म्यूचुअल फंड के लिए 33 प्रतिशत और बीमा कंपनियों व पेंशन फंड के लिए 7 फीसदी शामिल है।
एंकर निवेशकों की संख्या अब 15
यदि बीमा कंपनियों और पेंशन फंडों के लिए आरक्षित 7 फीसदी हिस्सा नहीं भरता है, तो इसे म्यूचुअल फंडों को दे दिया जाएगा। 250 करोड़ रुपये से अधिक के एंकर हिस्से वाले आईपीओ के लिए एंकर निवेशकों की संख्या में वृद्धि की मौजूदा सीमा को 250 करोड़ रुपये पर 10 से बढ़ाकर 15 कर दिया है।
प्रत्येक अतिरिक्त 250 करोड़ रुपये या उसके हिस्से के लिए अतिरिक्त 15 निवेशकों को मंजूरी दी जाएगी, बशर्ते कि प्रति निवेशक न्यूनतम आवंटन 5 करोड़ रुपये हो। नियम 30 नवंबर से लागू होंगे।