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Sebi: सेबी में बढ़ीं निपटान याचिकाएं; इस वित्त वर्ष में 703 आवेदन दायर किए गए, 284 का निपटारा हुआ
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: नितिन गौतम
Updated Sun, 17 Aug 2025 01:33 PM IST
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सार
निपटाए गए 284 आवेदनों के लिए सेबी ने निपटान शुल्क के रूप में 798 करोड़ रुपये और करीब 65 करोड़ रुपये बतौर वसूली शुल्क वसूले।

शेयर बाजार नियामक सेबी
- फोटो : PTI
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विस्तार
बाजार नियामक सेबी के सामने पेश निपटान याचिकाओं में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिली है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रतिभूति मानदंडों के उल्लंघन के निपटान के लिए सेबी को 703 आवेदन प्राप्त हुए। जिससे पता चलता है कि लंबी मुकदमेबाजी प्रक्रियाओं से गुजरे बिना विवादों को सुलझाने की प्रवृत्ति में तेजी देखी जा रही है।
लंबी मुकदमेबाजी से बचने के लिए दायर होती हैं निपटान याचिकाएं
वित्त वर्ष 2023-24 में, सेबी को 434 निपटान याचिकाएं प्राप्त हुई थीं। सेबी की 2024-25 वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में मिले 703 निपटान आवेदनों में से, नियामक ने उचित निपटान आदेश पारित करके 284 आवेदनों का निपटारा कर दिया, जबकि अन्य 272 आवेदन वापस कर दिए गए, या अस्वीकार कर दिए गए या वापस ले लिए गए। दरअसल सेबी की निपटान तंत्र संस्था, लंबी मुकदमेबाजी में उलझे बिना, निपटान शुल्क का भुगतान करके और कुछ शर्तों का पालन करके मामलों का समाधान करने की अनुमति देता है।
ये भी पढ़ें- Jeffrey D Sachs: 'ट्रंप भारत के लिए अविश्वसनीय व्यापार साझेदार' 50% टैरिफ पर अर्थशास्त्री की कड़ी प्रतिक्रिया
सेबी को निपटान तंत्र से मिले 798 करोड़ रुपये
गौरतलब है कि निपटाए गए 284 आवेदनों के लिए सेबी ने निपटान शुल्क के रूप में 798 करोड़ रुपये और करीब 65 करोड़ रुपये बतौर वसूली शुल्क वसूले। ये निपटान आदेश विभिन्न नियमों के कथित उल्लंघनों के लिए जारी किए गए थे, जिनमें भेदिया व्यापार, धोखाधड़ीपूर्ण व्यापार व्यवहार, वैकल्पिक निवेश कोष, म्यूचुअल फंड और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक आदि शामिल हैं। निपटान मामलों के साथ-साथ, सेबी ने कई अपीलों का भी निपटारा किया। 2024-25 में प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) में नियामक से संबंधित कुल 533 नई अपीलें दायर की गईं, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह संख्या 821 थी। निपटाई गई अपीलों में से अधिकतर लगभग 62 प्रतिशत, धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार निषेध (पीएफयूटीपी) विनियम, 2003 के उल्लंघन से संबंधित थीं।

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लंबी मुकदमेबाजी से बचने के लिए दायर होती हैं निपटान याचिकाएं
वित्त वर्ष 2023-24 में, सेबी को 434 निपटान याचिकाएं प्राप्त हुई थीं। सेबी की 2024-25 वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025 में मिले 703 निपटान आवेदनों में से, नियामक ने उचित निपटान आदेश पारित करके 284 आवेदनों का निपटारा कर दिया, जबकि अन्य 272 आवेदन वापस कर दिए गए, या अस्वीकार कर दिए गए या वापस ले लिए गए। दरअसल सेबी की निपटान तंत्र संस्था, लंबी मुकदमेबाजी में उलझे बिना, निपटान शुल्क का भुगतान करके और कुछ शर्तों का पालन करके मामलों का समाधान करने की अनुमति देता है।
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सेबी को निपटान तंत्र से मिले 798 करोड़ रुपये
गौरतलब है कि निपटाए गए 284 आवेदनों के लिए सेबी ने निपटान शुल्क के रूप में 798 करोड़ रुपये और करीब 65 करोड़ रुपये बतौर वसूली शुल्क वसूले। ये निपटान आदेश विभिन्न नियमों के कथित उल्लंघनों के लिए जारी किए गए थे, जिनमें भेदिया व्यापार, धोखाधड़ीपूर्ण व्यापार व्यवहार, वैकल्पिक निवेश कोष, म्यूचुअल फंड और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक आदि शामिल हैं। निपटान मामलों के साथ-साथ, सेबी ने कई अपीलों का भी निपटारा किया। 2024-25 में प्रतिभूति अपीलीय न्यायाधिकरण (सैट) में नियामक से संबंधित कुल 533 नई अपीलें दायर की गईं, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में यह संख्या 821 थी। निपटाई गई अपीलों में से अधिकतर लगभग 62 प्रतिशत, धोखाधड़ी और अनुचित व्यापार व्यवहार निषेध (पीएफयूटीपी) विनियम, 2003 के उल्लंघन से संबंधित थीं।