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Tata Trust: टाटा ट्रस्ट के तीसरे कार्यकाल के लिए चंद्रशेखरन को मंजूरी; फरवरी 2027 तक होगा दूसरा कार्यकाल
बिजनेस डेस्क, अमर उजाला
Published by: शिवम गर्ग
Updated Tue, 14 Oct 2025 06:01 AM IST
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एन चंद्रशेखरन
- फोटो : एएनआई (फाइल)
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टाटा ट्रस्ट ने टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन के संभावित तीसरे कार्यकाल को मंजूरी दे दी है। इससे समूह की लंबे समय से चली आ रही सेवानिवृत्ति नीति में बदलाव आया है। चंद्रशेखरन का दूसरा कार्यकाल फरवरी, 2027 में समाप्त होगा। तब वह 65 वर्ष के होंगे। वैसे टाटा के अधिकारी 65 वर्ष की उम्र में कार्यकारी पदों से हट जाते हैं। हालांकि, वह 70 वर्ष की आयु तक गैर-कार्यकारी पदों पर बने रह सकते हैं।
चंद्रशेखरन के कार्यकाल का विस्तार न केवल उनकी क्षमताओं व टाटा ट्रस्ट द्वारा उन पर रखे गए विश्वास को दर्शाएगा, बल्कि समूह की दिशा को भी दर्शाएगा जिसने उनके नेतृत्व में एक साहसिक नई राह तय की। ट्रस्ट के पारित प्रस्ताव पर होल्डिंग कंपनी टाटा संस औपचारिक रूप से विचार करेगी। यह पहली बार है जब कोई टाटा में सेवानिवृत्ति की आयु के बाद भी पूर्ण कार्यकारी पद पर बना रह सकता है। चंद्रशेखरन के कार्यकाल विस्तार का प्रस्ताव नोएल टाटा व वेणु श्रीनिवासन ने 11 सितंबर को ट्रस्ट की बैठक में रखा था। प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी मिली। चंद्रशेखरन को फरवरी, 2022 में दूसरा पांच साल का कार्यकाल मिला था। चंद्रशेखरन पहली बार अक्तूबर, 2016 में टाटा संस के बोर्ड में शामिल हुए थे। जनवरी, 2017 में उन्हें चेयरमैन नियुक्त किया गया था। चंद्रशेखरन के समूह में लगातार तीसरे कार्यकाल के पीछे दो कारक हैं। कामकाज में निरंतरता बनाए रखने के लिए यह महसूस किया गया कि चिप, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी व एअर इंडिया जैसी योजनाओं को पूरा करने के लिए कार्यकारी नेतृत्व जरूरी था।
चंद्रशेखरन के नेतृत्व के 5 वर्षों में दोगुनी हुई आय
चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टाटा समूह ने आय लगभग दोगुनी और शुद्ध लाभ तथा बाजार पूंजीकरण तिगुना से भी अधिक बढ़ाया। 2024-25 में सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध संस्थाओं का राजस्व 15.34 लाख करोड़ था। शुद्ध लाभ 1.13 लाख करोड़ था। हालांकि, एक साल में समूह का पूंजीकरण 6.9 लाख करोड़ घटकर 10 अक्तूबर, 2025 तक 26.5 लाख करोड़ रह गया। टाटा संस की संपत्ति 2018 के 43,252 करोड़ से बढ़कर 1.49 लाख करोड़ हो गई।

चंद्रशेखरन के कार्यकाल का विस्तार न केवल उनकी क्षमताओं व टाटा ट्रस्ट द्वारा उन पर रखे गए विश्वास को दर्शाएगा, बल्कि समूह की दिशा को भी दर्शाएगा जिसने उनके नेतृत्व में एक साहसिक नई राह तय की। ट्रस्ट के पारित प्रस्ताव पर होल्डिंग कंपनी टाटा संस औपचारिक रूप से विचार करेगी। यह पहली बार है जब कोई टाटा में सेवानिवृत्ति की आयु के बाद भी पूर्ण कार्यकारी पद पर बना रह सकता है। चंद्रशेखरन के कार्यकाल विस्तार का प्रस्ताव नोएल टाटा व वेणु श्रीनिवासन ने 11 सितंबर को ट्रस्ट की बैठक में रखा था। प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी मिली। चंद्रशेखरन को फरवरी, 2022 में दूसरा पांच साल का कार्यकाल मिला था। चंद्रशेखरन पहली बार अक्तूबर, 2016 में टाटा संस के बोर्ड में शामिल हुए थे। जनवरी, 2017 में उन्हें चेयरमैन नियुक्त किया गया था। चंद्रशेखरन के समूह में लगातार तीसरे कार्यकाल के पीछे दो कारक हैं। कामकाज में निरंतरता बनाए रखने के लिए यह महसूस किया गया कि चिप, इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बैटरी व एअर इंडिया जैसी योजनाओं को पूरा करने के लिए कार्यकारी नेतृत्व जरूरी था।
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चंद्रशेखरन के नेतृत्व के 5 वर्षों में दोगुनी हुई आय
चंद्रशेखरन के नेतृत्व में टाटा समूह ने आय लगभग दोगुनी और शुद्ध लाभ तथा बाजार पूंजीकरण तिगुना से भी अधिक बढ़ाया। 2024-25 में सूचीबद्ध और गैर-सूचीबद्ध संस्थाओं का राजस्व 15.34 लाख करोड़ था। शुद्ध लाभ 1.13 लाख करोड़ था। हालांकि, एक साल में समूह का पूंजीकरण 6.9 लाख करोड़ घटकर 10 अक्तूबर, 2025 तक 26.5 लाख करोड़ रह गया। टाटा संस की संपत्ति 2018 के 43,252 करोड़ से बढ़कर 1.49 लाख करोड़ हो गई।