Digital Payment: UIDAI का नया ढांचा लागू, अब कोऑपरेटिव बैंक भी दे सकेंगे आधार से जुड़ी सेवाएं
UIDAI के संशोधित ढांचे के तहत अब कोऑपरेटिव बैंक भी आधार-सक्षम भुगतान सेवाएं प्रदान कर सकेंगे। इस पहल से ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में डिजिटल वित्तीय सेवाओं का दायरा और बढ़ेगा। नया ढांचा उन दिर्घकालिक चुनौतियों का समाधान करता है, जिनके कारण सहकारी बैंक अनुपालन लागत संबंधी समस्याओं के कारण आधार प्रमाणीकरण प्रणाली से बाहर रह गए थे।

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यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) ने संशोधित ढांचा जारी किया। इसके तहत अब कोऑपरेटिव बैंक भी आधार-सक्षम भुगतान सेवाएं प्रदान कर सकेंगे। सहकारिता मंत्रालय के सचिव आशीष कुमार भूटानी ने कहा कि इस पहल से ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में डिजिटल वित्तीय सेवाओं का दायरा और बढ़ेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह कदम सहकारी बैंकों को अधिक सक्षम और आत्मनिर्भर वित्तीय संस्थान बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।

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नया ढांचा चुनौतियों का समाधान करता है
नया ढांचा उन दिर्घकालिक चुनौतियों का समाधान करता है, जिनके कारण सहकारी बैंक अनुपालन लागत संबंधी समस्याओं के कारण आधार प्रमाणीकरण प्रणाली से बाहर रह गए थे। यूआईडीएआई ने सहकारिता मंत्रालय, नाबार्ड, एनपीसीआई और सहकारी बैंकों के परामर्श से यह सरलीकृत प्रणाली विकसित की है।
संशोधित ढांचे के तहत, केवल 34 राज्य सहकारी बैंक (STCB) ही UIDAI के साथ प्रमाणीकरण उपयोगकर्ता एजेंसियों (AUAs) और eKYC उपयोगकर्ता एजेंसियों (KUAs) के रूप में पंजीकृत होंगे। 351 जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (DCCB) अपने-अपने राज्य के बैंकों के आधार प्रमाणीकरण ढांचे का उपयोग कर सकेंगे, जिससे अलग आईटी प्रणालियों की जरूरत समाप्त हो जाएगी।
संशोधित ढांचा मजबूत और दूरदर्शी तंत्र
यूआईडीएआई के सीईओ भुवनेश कुमार ने कहा कि संशोधित ढांचा एक मजबूत और दूरदर्शी तंत्र है। यह देश भर के सहकारी बैंकों को आधार-सक्षम प्रमाणीकरण और ई-केवाईसी सेवाओं को अपनाने में काफी सुविधा प्रदान करेगा।
सहकारी बैंकों को पूर्ण सहयोग का आश्वासन
नाबार्ड के अध्यक्ष शाजी केवी ने इस ढांचे को लागू करने के लिए सहकारी बैंकों को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। कार्यशाला में सभी राज्य सहकारी बैंकों और जिला सहकारी बैंकों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें 500 से अधिक प्रतिभागी वर्चुअल माध्यम से शामिल हुए। इस सुव्यवस्थित दृष्टिकोण से प्रक्रिया को अधिक लागत प्रभावी और कुशल बनाने की उम्मीद है। साथ ही अंतिम छोर तक बैंकिंग और डिजिटल समावेशन प्रयासों को भी मजबूती मिलेगी।