Share Market: 'म्यूचुअल फंड प्रवाह से भारतीय बाजार में बड़ी गिरावट टली', जेफरीज की रिपोर्ट में दावा
जेफरीज की रिपोर्ट मेंदावा किया गया है कि भारतीय शेयर बाजार को बड़े पैमाने पर म्यूचुअल फंड निवेशों का सहारा मिल रहा है। यह भारी निकासी के बावजूद बड़ी गिरावट को रोक रहे हैं। जेफरीज के भारत कार्यालय का अनुमान है कि अगले 12 महीनों में बाजार में 50 से 70 अरब डॉलर की सप्लाई आएगी।

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भारतीय शेयर बाजार को बड़े पैमाने पर म्यूचुअल फंड निवेशों का सहारा मिल रहा है। यह भारी निकासी के बावजूद बड़ी गिरावट को रोक रहे हैं। जेफरीज की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार अगर म्यूचुअल फंड से लगातार इनफ्लो न होते, तो मार्केट में आपूर्ति की अधिकता से भारी गिरावट आ सकती थी।

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बाजार में 50 से 70 अरब डॉलर के निवेश की उम्मीद
रिपोर्ट में कहा गया है कि साल के शेष हिस्से में भारतीय बाजार में स्थिरता बनी रहेगी क्योंकि म्यूचुअल फंड इनफ्लो लगातार इक्विटी सप्लाई को अवशोषित कर रहे हैं। जेफरीज के भारत कार्यालय का अनुमान है कि अगले 12 महीनों में बाजार में 50 से 70 अरब डॉलर की सप्लाई आएगी।
पिछले पांच महीनों में 21 अरब डॉलर का इनफ्लो हुई दर्ज
वित्त वर्ष की शुरुआत 1 अप्रैल से पिछले पांच महीनों में म्यूचुअल फंड में कुल 21 अरब डॉलर की इनफ्लो दर्ज की गई है। इसमें लगभग तीन अरब डॉलर हर महीने एसआईपी यानी व्यवस्थित निवेश योजना के जरिए आए हैं।
एसआईपी से बाजार के लिए मजबूत सुरक्षा कवच
विशेषज्ञों का कहना है कि ये एसाईपी फ्लो, जिसमें निवेशक हर महीने तय राशि निवेश करते हैं, बाजार में सप्लाई को प्रति माह 6 से 10 अरब डॉलर की दर से अवशोषित करते हुए एक मजबूत सुरक्षा कवच का काम कर रहे हैं। हालांकि निकट भविष्य में इक्विटी की आपूर्ति में कमी आने की संभावना नहीं है। इसमें अनुमान लगाया गया है कि अगर अचानक गिरावट नहीं आई तो अगले 12 महीनों में बाजार में 50 से 70 अरब डॉलर की नई आपूर्ति देखने को मिल सकती है।
MSCI इंडिया 22 गुना लाभ पर कर रहा ट्रेड
रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉरपोरेट और प्राइवेट इक्विटी निवेशक अपने हिस्सेदारी बेचते समय मौजूदा आकर्षक वैल्यूएशंस का लाभ उठाने के इच्छुक हैं। रिपोर्ट के अनुसार, MSCI इंडिया अभी भी अगले वर्ष के अनुमानित लाभ पर 22 गुना ट्रेड कर रहा है, और अगर वित्तीय क्षेत्र को अलग किया जाए तो यह मल्टीपल 25 गुना तक बढ़ जाता है।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर वर्तमान में बाजार स्थिर ही रहता है, तो नए कैलेंडर वर्ष में रैली की संभावना बनी हुई है। इस संभावित बढ़त के लिए मजबूत आर्थिक वृद्धि के संकेत महत्वपूर्ण होंगे। यह आसान नीतिगत उपायों से शुरू हो सकती है।