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Bank Report: वित्त वर्ष 2028 में बैंकों की कमाई में आ सकता है बड़ा उछाल, IIFL कैपिटल की रिपोर्ट में दावा

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: रिया दुबे Updated Fri, 21 Nov 2025 01:41 PM IST
सार

आईआईएफएल कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2026 में लगभग स्थिर कमाई के बाद वित्त वर्ष 2028 में बैंकों की प्रॉफिट ग्रोथ तेज रफ्तार पकड़ सकती है। रिपोर्ट बताती है कि क्रेडिट ग्रोथ अब निचले स्तर से उभर रही है और धीरे-धीरे स्थिरता पकड़ रही है।

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Bank earnings may see a big jump in FY2028, claims IIFL Capital report
बैंक - फोटो : Adobe Stock
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विस्तार
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भारत का बैंकिंग सेक्टर सुस्ती के दौर से निकलकर एक बड़े सुधार की तरफ बढ़ रहा है। आईआईएफएल कैपिटल की रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2026 में लगभग स्थिर कमाई के बाद वित्त वर्ष 2028 में बैंकों की प्रॉफिट ग्रोथ तेज रफ्तार पकड़ सकती है। 

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रिपोर्ट में कहा गया है कि निजी बैंकों में लोन ग्रोथ का माहौल सुधर रहा है, नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) में चक्रीय बहाली दिखाई दे रही है और अनसिक्योर्ड रिटेल लोन पर दबाव भी कम हो रहा है। ये सभी कारक कमाई के लिए मजबूत आधार तैयार कर रहे हैं।
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कितनी होगी निजी और सार्वजनिक बैंकों की कमाई?

IIFL का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2028 में निजी बैंकों की कमाई 21% सीएजीआर की रफ्तार से बढ़ सकती है। वहीं, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से 14% सीएजीआर और पूरे बैंकिंग उद्योग से औसतन 18% सीएजीआर की वृद्धि का अनुमान है। यह वृद्धि वित्त वर्ष 2026 के कमजोर प्रदर्शन के बाद सेक्टर में वापसी का मजबूत संकेत माना जा रहा है।

क्रेडिट ग्रोथ में दिख रहा सुधार

रिपोर्ट बताती है कि क्रेडिट ग्रोथ अब निचले स्तर से उभर रही है और धीरे-धीरे स्थिरता पकड़ रही है। हालांकि रफ्तार तेज नहीं होगी, लेकिन खपत मांग में सुधार, हालिया राजकोषीय और मौद्रिक नरमी से लोन की मांग बढ़ने की संभावना है।

रिजर्व बैंक द्वारा सिस्टम में स्थायी तरलता डालने और सीआरआर कटौती के बाद बैंकों के नेट इंटरेस्ट मार्जिन में 7 से 9 आधार अंक तक सुधार की उम्मीद है। टर्म डिपॉजिट की नई दरों पर पुनर्मूल्यांकन भी मार्जिन को सपोर्ट देगा, जिससे संभावित 25 आधार अंकों की अगली पॉलिसी दर कटौती का असर काफी हद तक संतुलित हो जाएगा। इसके बावजूद, बॉन्ड मार्केट की ओर बढ़ता रुझान और होम लोन की ब्याज दरों के प्रति संवेदनशीलता ऐसे पहलू हैं, जो क्रेडिट ग्रोथ को सीमित रखेंगे।

पर्सनल लोन और क्रडिट कार्ड सेगमेंट में दिख रहा सुधार

डेटा के अनुसार पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड सेगमेंट में तनाव घट रहा है, जबकि कॉरपोरेट पोर्टफोलियो पहले से ही मजबूत है। बड़े निजी बैंकों में एमएसएमई से जुड़ा जोखिम सीमित है, जिससे क्रेडिट कॉस्ट नियंत्रण में रहने की उम्मीद है। 


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