RBI: कौन हैं संजय मल्होत्रा? जिन्होंने संभाला RBI गवर्नर का पद; वित्त मंत्रालय में योग्यता का लोहा मनवा चुके
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा आज भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर के रूप में पदभर ग्रहण कर लिया। उन्होंने शक्तिकांत दास की जगह ली, जो मंगलवार को सेवा मुक्त हुए। संजय मल्होत्रा 1990 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी हैं। उन्होंने वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव के रूप में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाकर केंद्रीय बैंक के गवर्नर के पद के लिए खुद को योग्य साबित किया है। आइए जानते हैं उनके बारे में।

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राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने आज भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर के रूप में पदभर ग्रहण कर लिया। उन्होंने शक्तिकांत दास की जगह ली जो मंगलवार को सेवा मुक्त हुए। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 1990 बैच के आईएएस अधिकारी और राजस्व विभाग के सचिव के रूप में कार्यरत संजय मल्होत्रा को गवर्नर के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दी थी। उनका कार्यकाल तीन वर्षों का होगा। यह कार्यकाल आज से प्रभावी है। कौन हैं संजय मल्होत्रा? राजस्थान से उनका क्या नाता है? कैसे वे सरकार के भरोसेमंद अफसर बने? आइए जानते हैं सबकुछ


1990 बैच के आईएएस अधिकारी हैं संजय मल्होत्रा
संजय मल्होत्रा 1990 बैच के आईएएस हैं और वरिष्ठता में राजस्थान के मौजूद आईएएस अफसरों में चौथे नंबर पर आते हैं। राजस्थान से वे जनवरी 2020 में प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में चले आए। यहां पहले ऊर्जा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर तैनाती मिली। इसके बाद उनकी एंट्री सीधे वित्त मंत्रालय में हो गई। यहां वे राजस्व विभाग में सचिव के पद पर अपनी सेवाएं देते रहे। सुधांश पंत से पहले राजस्थान में संजय मल्होत्रा का नाम ही चीफ सेक्रेट्री के लिए चर्चा में था, लेकिन जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार उनकी प्रतिभा को देखते हुए उन्हें वापस राजस्थान नहीं भेजना चाहती थी। संजय मल्होत्रा की सेवानिवृत्ति में भी अभी 2 साल से ज्यादा का समय शेष है। इसलिए आरबीआई में गवर्नर के तौर पर भी उनका कार्यकाल काफी लंबा रह सकता है।

रिजर्व बैंक के 26वें गवर्नर के रूप में पदभार ले रहे संजय मल्होत्रा
आईएएस अधिकारी संजय मल्होत्रा के पास वित्त, कराधान, बिजली, सूचना प्रौद्योगिकी और खनन सहित प्रमुख क्षेत्रों में 33 वर्षों से अधिक का अनुभव है। अनुभवी नौकरशाह मल्होत्रा शीर्ष बैंक के 26वें गवर्नर है, उन्होंने शक्तिकांत दास का स्थान लिया, जिनका कार्यकाल मंगलवार को समाप्त हो गया। मल्होत्रा की नियुक्ति ऐसे महत्वपूर्ण मोड़ पर हुई है, जब आरबीआई मुद्रास्फीति नियंत्रण और आर्थिक विकास में मंदी जैसी चुनौतियों से जूझ रहा है। आरबीआई गवर्नर नियुक्त होने से पहले मल्होत्रा वित्त मंत्रालय में सचिव (राजस्व) के रूप में कार्यरत रहे। इससे पहले, उन्होंने वित्तीय सेवा विभाग में भी सचिव का पद संभाला।

आईएएस टॉपर रहे हैं संजय मल्होत्रा
संजय मल्होत्रा अपने बैच के टॉपर रहे हैं। इसलिए उन्हें होम स्टेट राजस्थान का कैडर भी मिला। राजस्थान में वे राजस्व, वित्त, स्वास्थ्य, ऊर्जा और कृषि जैसे विभागों से जुड़े। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर से कंप्यूटर विज्ञान में इंजीनियरिंग स्नातक, मल्होत्रा ने प्रिंसटन विश्वविद्यालय, अमेरिका से सार्वजनिक नीति में मास्टर डिग्री हासिल की है। उनका करियर राज्य और केंद्र दोनों सरकारों में महत्वपूर्ण भूमिकाओं में रहा है, जहां उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में नीतियों को आकार दिया है।

दिसंबर 2022 से राजस्व सचिव के रूप में दे रहे सेवाएं
दिसंबर 2022 से राजस्व सचिव के रूप में, मल्होत्रा ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों दोनों के लिए कर नीतियों को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनके नेतृत्व ने कर संग्रह को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जो भारत के राजकोषीय स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है। मल्होत्रा ने जीएसटी परिषद के पदेन सचिव के रूप में भी काम किया, यह परिषद् भारत में वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) ढांचे के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार निकाय है। राजस्व सचिव के रूप में अपने कार्यकाल से पहले, मल्होत्रा आरईसी लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक के पद पर थे। यह बिजली परियोजनाओं के वित्तपोषण में विशेषज्ञता रखने वाली एक सरकारी स्वामित्व वाली कंपनी है।
आरबीआई गवर्नर का पदभर संभाल मल्होत्रा बोले- यह एक बड़ी जिम्मेदारी
आरबीआई के नए गवर्नर संजय मल्होत्रा ने पदभार संभालने के बाद कहा कि यह एक बड़ी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, "मैं रिजर्व बैंक की विरासत को कायम रखूंगा और इसे आगे ले जाऊंगा।" मल्होत्रा ने कहा कि सभी निर्णय जनहित को ध्यान में रखकर लिए जाएंगे। आरबीआई गवर्नर ने कहा कि नीति में निरंतरता और स्थिरता बनाए रखते हुए हमें सतर्क और चुस्त बने रहना होगा।