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एक करोड़ की रिश्वत का मामला: AIG आशीष कपूर और ASI हरजिंदर सिंह अदालत में पेश, चार दिन की रिमांड पर भेजा

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: ajay kumar Updated Fri, 07 Oct 2022 09:24 PM IST
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सार

आरोपियों का रिमांड लेने के लिए विजिलेंस की टीम ने अदालत में तर्क दिया कि हमें अब उन लोगों का पता लगाना है जिन लोगों के खातों से एक करोड़ रुपये की राशि चेकों के माध्यम से कैश हुई है। इसके साथ ही आरोपी की आमदनी व खर्च से जुड़ी सारी चीजों को लेकर हमारी टीमें स्टडी कर रही हैं।

AIG Ashish Kapoor and ASI Harjinder Singh appear before court
एआईजी अशीष कपूर को विजिलेंस सिविल अस्पताल मेडिकल के लिए लेकर पहुंची। - फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

विस्तार
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एक करोड़ रुपये की रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार सहायक पुलिस महानिरीक्षक (एआईजी) आशीष कपूर और एएसआई हरजिंदर सिंह को शुक्रवार को अदालत में पेश किया गया। इस दौरान एआईजी के वकील ने उन पर दर्ज केस पर सवाल खडे़ किए। उनकी दलील थी कि एफआईआर गलत दर्ज की गई। दोनों पक्षों में लंबी बहस चली। अदालत ने दोपहर तीन बजे फैसला सुरक्षित रख लिया था। देर शाम साढ़े छह बजे दोनों आरोपियों को मंगलवार तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।

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विजिलेंस ब्यूरो की टीम शुक्रवार दोपहर दो बजे फेज- छह स्थित सिविल अस्पताल में मेडिकल करवाने के बाद एआईजी आशीष कपूर को अदालत लेकर पहुंची। इस दौरान मीडिया से बचाने के लिए विजिलेंस उन्हें लिफ्ट से सीधे अदालत में ले गई। अदालत में एआईजी के वकील व सरकारी वकील में जमकर बहस हुई। 
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एआईजी के वकील का कहना था कि एफआईआर साजिश के तहत की गई है। इस केस में जो डीएसपी जांच अधिकारी हैं वह ही मामले के शिकायतकर्ता भी हैं। यह नियमों के विपरीत है। ऐसा कभी नहीं हो सकता है। दूसरी दलील उन्होंने दी कि जो एफआईआर लिखी गई है कि वह सूत्रों के आधार पर लिखी गई है। 

इस एफआईआर में कोई जानकारी नहीं और न ही कोई उचित सबूत नहीं है। इसके साथ ही एआईजी के वकील ने कहा कि उन्हें गुरुवार को साढ़े 12 बजे गिरफ्तार कर लिया गया था। सुप्रीम कोर्ट के साफ आदेश है कि आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद 24 घंटे के भीतर उसे अदालत में पेश करना चाहिए। इस मामले में आरोपी को दो बजे अदालत में पेश किया। इसके बाद अदालत ने उक्त फैसले को तीन बजे सुरक्षित रख लिया था जबकि शाम साढ़े छह बजे रिमांड दिया गया। याद रहे कि आशीष कपूर मूलरूप से जालंधर के रहने वाले हैं। 1993 में उन्होंने पंजाब पुलिस में बतौर इंस्पेक्टर नौकरी ज्वाइन की थी। इसके बाद पंजाब समेत चंडीगढ़ में डीएसपी के पद रहे।

जिनके खातों में चेक कैश हुए उनका पता लगाएगी विजिलेंस
आरोपियों का रिमांड लेने के लिए विजिलेंस की टीम ने अदालत में तर्क दिया कि हमें अब उन लोगों का पता लगाना है जिन लोगों के खातों से एक करोड़ रुपये की राशि चेकों के माध्यम से कैश हुई है। इसके साथ ही आरोपी की आमदनी व खर्च से जुड़ी सारी चीजों को लेकर हमारी टीमें स्टडी कर रही हैं। अभी तक डीएसपी भी उनकी पकड़ से बाहर है। उसे गिरफ्तार करने के लिए हमारी टीमें छापे मार रही हैं।

मुंह पर लगा रखा था मास्क, मीडिया से बनाई दूरी
जब विजिलेंस उन्हें अदालत में लेकर पहुंची तो एआईजी ने अपने चेहरे पर मास्क लगा रखा था जबकि विजिलेंस की टीम में किसी ने मास्क तक नहीं लगाया था। इस दौरान जब उनसे मीडिया कर्मियों ने सवाल किया कि वह इस गिरफ्तारी के बारे में कुछ कहना चाहते हैं तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। साथ ही सीधे अदालत की तरफ बढ़ गए।

कई घोटालों का कर चुके हैं पर्दाफाश
एआईजी आशीष कपूर के वकील ने कहा कि वह काबिल अफसर है। उन पर पहले दर्ज एफआईआर को इसी साल अगस्त में मामले की जांच कर रही एसआईटी ने रद्द करने की सिफारिश की थी। एसआईटी में दो अतिरिक्त डीजीपी स्तर के अधिकारी थे। हालांकि विजिलेंस ने सारी स्थिति को नजर अंदाज कर नई एफआईआर दर्ज कर दी। 

आशीष कपूर जब विजिलेंस में थे तो उन्होंने कई घोटालों का पर्दाफाश किया था। इसमें 1000 करोड़ रुपये का सिंचाई विभाग का घोटाला शामिल है जिसमें दो अकाली मंत्री और तीन आईएएस अधिकारी शामिल हैं। एक 1000 करोड़ रुपये का जीएसटी घोटाले का पर्दाफाश किया था। गमाडा में हुए 600 करोड़ रुपये के घोटाले का भी उन्होंने पर्दाफाश किया था।

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