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Chandigarh News: मेयर चुनाव गठबंधन के साथ जा सकती भाजपा, सांसद कांग्रेस का बना तो मेयर के लिए करेगी दावेदारी
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चंडीगढ़। नगर निगम मेयर चुनाव को लेकर शहर की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन दोबारा आकार ले सकता है। यह चुनाव इसलिए भी अहम है क्योंकि दिसंबर 2026 में निगम के आम चुनाव प्रस्तावित हैं और मेयर की कुर्सी को राजनीतिक संदेश देने वाला माना जा रहा है। इसी रणनीति के तहत आम आदमी पार्टी इस बार पूरी ताकत के साथ मेयर पद हासिल करने की तैयारी में जुटी है।
वर्तमान समीकरणों पर नजर डालें तो नगर निगम में आप के 13 पार्षद हैं, कांग्रेस के 6 पार्षद और एक सांसद का वोट विपक्षी खेमे में शामिल है। इस तरह आप–कांग्रेस गठबंधन के पास कुल 20 वोट बनते हैं जबकि मेयर चुनाव जीतने के लिए 19 वोट जरूरी हैं। यदि गठबंधन कायम रहता है तो भाजपा के लिए मेयर की कुर्सी तक पहुंचना आसान नहीं होगा। हालांकि, भाजपा यह दावा कर रही है कि विपक्षी खेमे के कुछ पार्षद उसके संपर्क में हैं, जिससे गठबंधन की एकजुटता सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है।
हाईकमान के स्तर पर मंथन
सूत्रों के अनुसार आप और कांग्रेस के बीच अंदरखाने तालमेल तेज हो गया है। दोनों दल यह संकेत देना चाहते हैं कि इस बार भाजपा की रणनीति को नाकाम किया जाएगा। खास बात यह है कि इस बार हाथ उठाकर वोटिंग होगी, जिससे क्रॉस वोटिंग की संभावना बेहद कम मानी जा रही है।
आप में दावेदारों की कतार, गठबंधन पर अंतिम फैसला बाकी
मेयर पद को लेकर आप के कई पार्षद सक्रिय हो गए हैं। दिल्ली नेतृत्व और पंजाब के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क बढ़ाया जा रहा है। पार्टी के भीतर यह सहमति बन रही है कि उम्मीदवार ऐसा हो जो निगम में सक्रिय रहा हो और जनता के मुद्दों को मजबूती से उठाता रहा हो ताकि 2026 के चुनाव के लिए मजबूत आधार तैयार किया जा सके। पार्टी अध्यक्ष विजयपाल सिंह के अनुसार मेयर उम्मीदवार और गठबंधन पर अंतिम निर्णय हाईकमान करेगा। उन्होंने साफ किया कि हर दावेदार के काम, सक्रियता और छवि का आकलन किया जाएगा। ऐसे में आने वाले दिनों में एक-एक पार्षद से बातचीत कर राजनीतिक गणित साधने की तैयारी है।
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वर्तमान समीकरणों पर नजर डालें तो नगर निगम में आप के 13 पार्षद हैं, कांग्रेस के 6 पार्षद और एक सांसद का वोट विपक्षी खेमे में शामिल है। इस तरह आप–कांग्रेस गठबंधन के पास कुल 20 वोट बनते हैं जबकि मेयर चुनाव जीतने के लिए 19 वोट जरूरी हैं। यदि गठबंधन कायम रहता है तो भाजपा के लिए मेयर की कुर्सी तक पहुंचना आसान नहीं होगा। हालांकि, भाजपा यह दावा कर रही है कि विपक्षी खेमे के कुछ पार्षद उसके संपर्क में हैं, जिससे गठबंधन की एकजुटता सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है।
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हाईकमान के स्तर पर मंथन
सूत्रों के अनुसार आप और कांग्रेस के बीच अंदरखाने तालमेल तेज हो गया है। दोनों दल यह संकेत देना चाहते हैं कि इस बार भाजपा की रणनीति को नाकाम किया जाएगा। खास बात यह है कि इस बार हाथ उठाकर वोटिंग होगी, जिससे क्रॉस वोटिंग की संभावना बेहद कम मानी जा रही है।
आप में दावेदारों की कतार, गठबंधन पर अंतिम फैसला बाकी
मेयर पद को लेकर आप के कई पार्षद सक्रिय हो गए हैं। दिल्ली नेतृत्व और पंजाब के वरिष्ठ नेताओं से संपर्क बढ़ाया जा रहा है। पार्टी के भीतर यह सहमति बन रही है कि उम्मीदवार ऐसा हो जो निगम में सक्रिय रहा हो और जनता के मुद्दों को मजबूती से उठाता रहा हो ताकि 2026 के चुनाव के लिए मजबूत आधार तैयार किया जा सके। पार्टी अध्यक्ष विजयपाल सिंह के अनुसार मेयर उम्मीदवार और गठबंधन पर अंतिम निर्णय हाईकमान करेगा। उन्होंने साफ किया कि हर दावेदार के काम, सक्रियता और छवि का आकलन किया जाएगा। ऐसे में आने वाले दिनों में एक-एक पार्षद से बातचीत कर राजनीतिक गणित साधने की तैयारी है।