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Chandigarh-Haryana News: लाल डोरा...पीली पड़ती रफ्तार
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लाल डोरा संपत्ति प्रमाण-पत्र वितरण व स्वयं सत्यापन में सुस्ती, 6 निकायों के अधिकारियों को चेतावनी
-छह माह की समीक्षा में 6.14 लाख में से सिर्फ 53% संपत्तियों का ही स्वयं सत्यापन
-प्रदेश में अब तक मात्र 46% संपत्तियों को मिले प्रमाण-पत्र, निदेशालय नाराज
अरुण शर्मा
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार की सख्ती के बावजूद प्रदेश की सभी 87 शहरी निकायों में लाल डोरा (आबादी देह) से संबंधित कार्य अब तक पूरी तरह पटरी पर नहीं आ सका है। शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने पिछले छह माह के कार्यों की समीक्षा के बाद सभी नगर निगम आयुक्तों और जिला नगर आयुक्तों को पत्र जारी कर कड़ी नाराजगी जताई है। निदेशालय ने स्वयं सत्यापन और संपत्ति प्रमाण-पत्र वितरण का कार्य शीघ्र 100 प्रतिशत पूरा करने के निर्देश दिए हैं। लापरवाही बरतने पर प्रदेश के छह निकायों के अधिकारियों को चेतावनी भी जारी की गई है।
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त नगर आयुक्त (मुख्यालय) अमन ढांडा ने सभी आयुक्तों, कार्यकारी अधिकारियों और सचिवों को पत्र भेजकर स्पष्ट किया है कि लाल डोरा से जुड़े कार्यों में किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यालय से जारी पत्र के अनुसार, प्रदेश में कुल 6,14,049 लाल डोरा अथवा आबादी देह से संबंधित संपत्तियां हैं।
निदेशालय की ओर से किए गए आकलन में सामने आया है कि 5 दिसंबर तक केवल 53 प्रतिशत यानी 3,25,100 संपत्तियों का ही स्वयं सत्यापन पूरा हो सका है। वहीं, प्रमाण-पत्र वितरण की स्थिति और भी चिंताजनक है। कुल 6.14 लाख संपत्तियों में से अब तक केवल 40,583 संपत्तियों को ही प्रमाण-पत्र वितरित किए जा सके हैं। जुलाई में 88,093 संपत्ति प्रमाण-पत्र वितरित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था लेकिन 3 दिसंबर तक इसके मुकाबले सिर्फ 46 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो पाया है।
6 निकायों में 20 प्रतिशत से भी कम प्रगति, राज्यस्तरीय कार्यक्रम की तैयारी
महेंद्रगढ़, पंचकूला, अंबाला, भिवानी, यमुनानगर और चरखी दादरी जिलों के सभी शहरी निकायों में लाल डोरा से संबंधित कार्यों की प्रगति 20 प्रतिशत से भी कम पाई गई है। इसे गंभीरता से लेते हुए निदेशालय ने संबंधित जिलों के अधिकारियों को कार्य में शीघ्र सुधार के निर्देश देते हुए चेतावनी जारी की है।
निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश सरकार जल्द ही राज्यस्तरीय कार्यक्रम आयोजित कर संपत्ति प्रमाण-पत्रों के वितरण की योजना बना सकती है। साथ ही यह भी पूछा गया है कि जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ पहले कार्रवाई के आदेश दिए गए थे, उनके विरुद्ध अब तक कार्रवाई में देरी क्यों की गई।
मुख्यालय ने सभी निकायों को 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने में आ रही अड़चनों की पहचान कर उन्हें तत्काल दूर करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, प्रदेश के सभी 87 शहरी निकायों में लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष शिविर आयोजित करने का भी सुझाव दिया गया है।
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अरुण शर्मा
चंडीगढ़। हरियाणा सरकार की सख्ती के बावजूद प्रदेश की सभी 87 शहरी निकायों में लाल डोरा (आबादी देह) से संबंधित कार्य अब तक पूरी तरह पटरी पर नहीं आ सका है। शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने पिछले छह माह के कार्यों की समीक्षा के बाद सभी नगर निगम आयुक्तों और जिला नगर आयुक्तों को पत्र जारी कर कड़ी नाराजगी जताई है। निदेशालय ने स्वयं सत्यापन और संपत्ति प्रमाण-पत्र वितरण का कार्य शीघ्र 100 प्रतिशत पूरा करने के निर्देश दिए हैं। लापरवाही बरतने पर प्रदेश के छह निकायों के अधिकारियों को चेतावनी भी जारी की गई है।
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अतिरिक्त नगर आयुक्त (मुख्यालय) अमन ढांडा ने सभी आयुक्तों, कार्यकारी अधिकारियों और सचिवों को पत्र भेजकर स्पष्ट किया है कि लाल डोरा से जुड़े कार्यों में किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मुख्यालय से जारी पत्र के अनुसार, प्रदेश में कुल 6,14,049 लाल डोरा अथवा आबादी देह से संबंधित संपत्तियां हैं।
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निदेशालय की ओर से किए गए आकलन में सामने आया है कि 5 दिसंबर तक केवल 53 प्रतिशत यानी 3,25,100 संपत्तियों का ही स्वयं सत्यापन पूरा हो सका है। वहीं, प्रमाण-पत्र वितरण की स्थिति और भी चिंताजनक है। कुल 6.14 लाख संपत्तियों में से अब तक केवल 40,583 संपत्तियों को ही प्रमाण-पत्र वितरित किए जा सके हैं। जुलाई में 88,093 संपत्ति प्रमाण-पत्र वितरित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था लेकिन 3 दिसंबर तक इसके मुकाबले सिर्फ 46 प्रतिशत कार्य ही पूरा हो पाया है।
6 निकायों में 20 प्रतिशत से भी कम प्रगति, राज्यस्तरीय कार्यक्रम की तैयारी
महेंद्रगढ़, पंचकूला, अंबाला, भिवानी, यमुनानगर और चरखी दादरी जिलों के सभी शहरी निकायों में लाल डोरा से संबंधित कार्यों की प्रगति 20 प्रतिशत से भी कम पाई गई है। इसे गंभीरता से लेते हुए निदेशालय ने संबंधित जिलों के अधिकारियों को कार्य में शीघ्र सुधार के निर्देश देते हुए चेतावनी जारी की है।
निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि प्रदेश सरकार जल्द ही राज्यस्तरीय कार्यक्रम आयोजित कर संपत्ति प्रमाण-पत्रों के वितरण की योजना बना सकती है। साथ ही यह भी पूछा गया है कि जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ पहले कार्रवाई के आदेश दिए गए थे, उनके विरुद्ध अब तक कार्रवाई में देरी क्यों की गई।
मुख्यालय ने सभी निकायों को 100 प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने में आ रही अड़चनों की पहचान कर उन्हें तत्काल दूर करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, प्रदेश के सभी 87 शहरी निकायों में लोगों को जागरूक करने के लिए विशेष शिविर आयोजित करने का भी सुझाव दिया गया है।