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Wrestlers Protest: नस्लवाद के खिलाफ इस खिलाड़ी ने नदी में फेंक दिया था अपना मेडल, पहलवानों ने याद दिलाई घटना

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: ajay kumar Updated Wed, 31 May 2023 05:18 PM IST
सार

रेस्टोरेंट में प्रवेश न मिलने पर नस्लीय भेदभाव के खिलाफ मुहम्मद अली ने रोम ओलंपिक में जीता अपना स्वर्ण पदक ओहियो नदी में फेंक दिया था। इसके बाद 1996 के अटलांटा ओलंपिक में मुहम्मद अली को दूसरा मेडल दिया गया। 

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Boxer Muhammad Ali threw his Olympic medal in the river against racism
महान मुक्केबाज मुहम्मद अली। - फोटो : सोशल मीडिया
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बृजभूषण की गिरफ्तारी न होने और खुद के खिलाफ दिल्ली पुलिस की कार्रवाई के विरोध में पहलवानों की गंगा में मेडल विसर्जित करने की घोषणा ने अमेरिकी मुक्केबाज मुहम्मद अली की 1960 में नदी में मेडल फेंकने की घटना याद दिला दी है। दरअसल, दुनिया के महान मुक्केबाज मुहम्मद अली अमेरिका के लुइसविले शहर के एक रेस्टोरेंट में खाना खाने गए थे लेकिन उस समय रेस्टोरेंट में सिर्फ श्वेत लोगों को ही प्रवेश मिलता था। रेस्टोरेंट में प्रवेश न मिलने पर नस्लीय भेदभाव के खिलाफ मुहम्मद अली ने रोम ओलंपिक में जीता अपना स्वर्ण पदक ओहियो नदी में फेंक दिया था। इसके बाद 1996 के अटलांटा ओलंपिक में मुहम्मद अली को दूसरा मेडल दिया गया। 

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विनेश फोगाट: एशियाई खेलों में पहली भारतीय स्वर्ण पदक विजेता पहलवान विनेश फोगाट के पिता राजपाल भी कुश्ती लड़ते थे। दंगल फिल्म फेम महावीर फोगाट की भतीजी विनेश के खून में पहलवानी है। महावीर फोगाट ने अपनी बेटियों गीता व बबीता के साथ विनेश को भी कुश्ती के दांव-पेच सिखाए। 
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विनेश ने 2013 की कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में रजत व एशियन चैंपियनशिप में कांस्य, 2014 में इंचियोन एशियन चैंपियनशिप में कांस्य व कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में स्वर्ण, 2015 की एशियन चैंपियनशिप में रजत व 2016 में एशियन चैंपियनशिप में कांस्य, 2018 के एशियाई व कॉमनवेल्थ में स्वर्ण पदक हासिल किए।

बजरंग पूनिया: ओलंपिक में मेडल जीतने का अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए बजरंग सात साल की उम्र से अखाड़े में पहलवानी कर रहे हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप में चार पदक जीतने वाले बजरंग इकलौते भारतीय खिलाड़ी हैं। उन्होंने 2013 की एशियन व वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य, 2014 में इंचियोन एशियन चैंपियनशिप व एशियन चैंपियनशिप में रजत, 2016 की कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में स्वर्ण, 2017 में एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण, अंडर 23 चैंपियनशिप में रजत व कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। 

2018 की वर्ल्ड चैंपियनशिप में रजत व एशियाई खेलों में स्वर्ण, 2019 की वर्ल्ड चैंपियनशिप में कांस्य व एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण, 2020, 2021 व 2022 की एशियन चैंपियनशिप में लगातार रजत पदक हासिल किया। 2022 में बेलग्रेड चैंपियनशिप कांस्य व कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक हासिल किया।

साक्षी मलिक: ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली महिला कुश्ती खिलाड़ी साक्षी मलिक 12 साल की उम्र से पहलवानी कर रही हैं। उन्होंने 2009 में एशियाई जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर, 2013 में कॉमनवेल्थ चैंपियनशिप में कांस्य पदक, 2014 कॉमनवेल्थ खेलों में रजत, 2016 के रियो ओलंपिक में कांस्य पदक, 2018 के कॉमनवेल्थ खेलों में कांस्य और 2022 के कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक जीता।

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