सब्सक्राइब करें
Hindi News ›   Chandigarh ›   Central Govt withdrawn its decision to dissolve Senate and Syndicate of Panjab University

केंद्र सरकार का यू-टर्न: पीयू सीनेट व सिंडिकेट भंग करने का फैसला रद्द; भारी विरोध के बीच बैकफुट पर केंद्र

संवाद न्यूज एजेंसी, चंडीगढ़ Published by: अंकेश ठाकुर Updated Wed, 05 Nov 2025 05:07 PM IST
सार

पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के सीनेट और सिंडिकेट भंग करने के फैसले पर केंद्र सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। भारी विरोध के चलते केंद्र ने सीनेट और सिंडिकेट को भंग करने के फैसले को वापस ले लिया है।

विज्ञापन
Central Govt withdrawn its decision to dissolve Senate and Syndicate of Panjab University
स्टूडेंट सेंटर - फोटो : संवाद/फाइल
विज्ञापन

विस्तार
Follow Us

पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) चंडीगढ़ के सीनेट और सिंडिकेट भंग करने के फैसले पर केंद्र सरकार ने यू-टर्न ले लिया है। भारी विरोध के चलते केंद्र ने सीनेट और सिंडिकेट को भंग करने के फैसले को वापस ले लिया है। केंद्र सरकार ने नोटिफिकेशन रद्द करने का फैसला लिया है। कई दिनों से सरकार के इस फैसले का पंजाब के राजनीतिक दल और पीयू की स्टूडेंट यूनियन विरोध कर रहे थे। 

Trending Videos


एक नवंबर को पंजाब यूनिवर्सिटी की 59 साल पुरानी सर्वोच्च नीति निर्धारण संस्था सीनेट और सिंडिकेट को पूरी तरह भंग कर दिया गया था। अब इन दोनों संस्थाओं के सदस्य सरकार और कुलपति की ओर से नामित (नॉमिनेटेड) होंगे। इस बड़े बदलाव को केंद्र सरकार ने पंजाब यूनिवर्सिटी एक्ट, 1947 में संशोधन कर लागू किया था।
विज्ञापन
विज्ञापन


केंद्र सरकार के इस फैसले पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ऐतराज जताया था। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने सीनेट भंग करने के फैसले का विरोध किया। उन्होंने कहा कि यह असंवैधानिक फैसला है जिसके खिलाफ हम कोर्ट जाएंगे। कानूनी विशेषज्ञों की राय ले रहे हैं।

सीएम भगवंत मान ने चेतावनी दी थी कि सीनेट और सिंडिकेट भंग करने के फैसले के खिलाफ वे हाईकोर्ट जाएंगे। इसके लिए देश के प्रसिद्ध और विशेषज्ञ वकीलों का पैनल बनाकर इस धक्केशाही के खिलाफ लड़ाई लड़ी जाएगी। आने वाले दिनों में विधानसभा में भी यह मुद्दा उठाया जाएगा ताकि विधायी तौर पर भी पंजाब का पक्ष मजबूत हो सके। मान ने सोशल मीडिया पर इस संबंध में जानकारी दी है। इससे पहले भी मान ने इसके खिलाफ अपना विरोध दर्ज करवाया था।

केंद्र सरकार की तरफ से पहले लिए गए फैसले के अनुसार पहले यूनिवर्सिटी की सीनेट में 90 सदस्य होते थे लेकिन अब केवल 31 सदस्य रहेंगे। अब साधारण ग्रेजुएट का कोई प्रतिनिधित्व नहीं होगा। यानी ग्रेजुएट वोटर अब सीनेट चुनावों में भाग नहीं ले सकेंगे। सिंडिकेट में भी कोई चुनाव नहीं होगा। इसके सभी सदस्य कुलपति और चांसलर की ओर से नामित किए जाएंगे। 

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Next Article

एप में पढ़ें

Followed