गुप्तचर विभाग के लिए चैलेंज बना सोशल मीडिया


ऐसे टास्क के लिए गुप्तचर एजेंसियों के विशेषज्ञों ने हरियाणा के कॉप्स को स्पेशल ट्रेनिंग दी। जिसमें न सिर्फ सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले अपराधों की जानकारी दी गई बल्कि सोशल मीडिया से कैसे अपराधी को पकड़ा जाए इसकी जानकारी भी दी गई। पंचकूला के एक पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में आयोजित इस ट्रेनिंग सेशन में गुप्तचर विभाग के अधिकारियों को बताया गया कि किस तरह से फेसबुक और ट्रिवटर पर सक्रिय होने के साथ लीड्स लेने और पंजाब, हिमाचल और हरियाणा के लेटेस्ट ट्रेंड को कैसे जाना जाए।
हरियाणा के गुप्तचर विभाग को देश की जानी मानी एजेंसियों के एक्सपर्ट्स ने दो दिन फेसबुक और ट्विटर पर कब और कैसे रखनी है इसकी जानकारी दी। गुप्तचर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि सोशल मीडिया से अपराध पर कमान कसी जा सकती है। यह अब एक ऐसा माध्यम बन चुका है जिससे पलक झपकते ही अफवाह विश्व के कोने कोने तक पहुंच जाती है। इनको रोकने के लिए कई टूल्स हैं जो कि कॉप्स को बताए गए।
माइंडसेट भी बदलते हैं अराजक तत्व

सोशल मीडिया पर ऐसा वर्ग भी सक्रिय है जो युवाओं की नब्ज को टटोलने के बाद उसके माइंडसेट को बदलने की कोशिश करता है। ऐसी स्थिति में फेसबुक और ट्विटर जैसे एकाउंट पर सक्रिय अंडर कवर कॉप का काम ऐसी अफवाहों को रोकना होगा। इन कॉप्स को बताया गया कि यदि कोई घटना पंजाब या हरियाणा में होती है तो उसके इफेक्ट किस तरह से प्रदेश में हो सकते हैं। इसके साथ ही फिल्टर के माध्यम से कैसे हरियाणा और पंजाब के साथ ही राजस्थान, नई दिल्ली और चंडीगढ़ के यूजर्स को निकाला जा सकता है।
कोट्स
हमने सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए इस वर्कशॉप का आयोजन किया। इसके माध्यम से हमारी कोशिश है कि हरेक कॉप इसमें एक्सपर्ट हो। जिससे ज्यादा से ज्यादा नेटवर्क को भेदा जा सके।
अभिषेक गर्ग, एसपी सीआईडी
कोट्स
केंद्रीय इंटेलीजेंस एजेंसियों के विशेषज्ञों द्वारा आतंकवाद और सुरक्षा के हर पहलू की जानकारी गुप्तचर विभाग के काम आएगी। अब सोशल मीडिया एक बड़ा नेटवर्किंग माध्यम है जिससे अफवाह जल्द फैलती है। इसलिए इसके लिए खास सेशन रखा गया।
अनिल राव, गुप्तचर विभाग पुलिस महानिदेशक