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Chandigarh News: आपातकालीन कॉल पर सबसे तेज प्रतिक्रिया देने में चंडीगढ़ पुलिस नंबर 1

Chandigarh Bureau चंडीगढ़ ब्यूरो
Updated Wed, 31 Dec 2025 02:30 AM IST
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Chandigarh Police No. 1 in fastest response to emergency calls
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चंडीगढ़। चंडीगढ़ पुलिस ने वर्ष 2025 में आपातकालीन कॉल पर सबसे तेज प्रतिक्रिया देकर देशभर में नया रिकॉर्ड कायम किया है। पुलिस की औसत रिस्पॉन्स टाइम 5.6 मिनट दर्ज की गई जबकि उनका पिछला रिकॉर्ड 6.31 मिनट था। हालांकि पिछली बार भी चंडीगढ़ पुलिस नंबर- 1 पर थी।
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केंद्रीय गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार आपातकालीन प्रतिक्रिया में इस बार भी चंडीगढ़ देश में पहले स्थान पर रहा। इसके बाद उत्तर प्रदेश की औसत प्रतिक्रिया समय 6.83 मिनट और पुडुचेरी की 9.32 मिनट दर्ज की गई। वहीं देश का औसत रिस्पॉन्स टाइम 18.61 मिनट रहा।
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पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस सफलता के पीछे पीसीआर बल की मजबूती, वाहनों के बेड़े का आधुनिकीकरण और जीपीएस आधारित निगरानी प्रणाली की अहम भूमिका रही है। रियल-टाइम डिस्पैच सिस्टम से घटनास्थल पर पुलिस की पहुंच तेज हुई है जिससे सार्वजनिक सुरक्षा को और मजबूती मिली है।

सीईआईआर पोर्टल से 274 गुमशुदा मोबाइल बरामद

चंडीगढ़ पुलिस ने सेंट्रल इक्विपमेंट आइडेंटिटी रजिस्टर (सीईआईआर) पोर्टल के जरिए 274 गुमशुदा मोबाइल फोन बरामद किए हैं। इन मोबाइल फोन को उनके आईएमईआई नंबर के माध्यम से ट्रैक किया गया। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इस अभियान में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के साथ बेहतर समन्वय किया गया, जिससे खोए हुए मोबाइल फोन की पहचान और बरामदगी संभव हो सकी। इस पहल से आम लोगों का पुलिस पर भरोसा बढ़ा है।


नए आपराधिक कानूनों के एक साल पूरे
चंडीगढ़ में 5156 केस दर्ज, 89 प्रतिशत मामलों में सजा नए आपराधिक कानून लागू होने के एक साल में चंडीगढ़ पुलिस ने जांच और न्याय प्रक्रिया में तेजी लाई है। 1 जुलाई 2024 से 29 दिसंबर 2025 तक नए कानूनों के तहत कुल 5156 मामले दर्ज किए गए जिनमें 2439 ई-एफआईआर शामिल हैं। निपटाए गए मामलों में 89 प्रतिशत में दोषियों को सजा दिलाने में पुलिस सफल रही है।

पुलिस के अनुसार इस अवधि में 4503 मामलों में चार्जशीट या फाइनल रिपोर्ट अदालत में पेश की गई। अब तक 244 मामलों का फैसला हुआ, जिनमें से 217 मामलों में दोष सिद्ध हुआ। नए कानूनों के तहत मामलों के निपटारे में लगने वाला औसत समय 300 दिन से घटकर 110 दिन रह गया है।

जांच प्रक्रिया को तकनीकी रूप से मजबूत किया गया है। तलाशी और बरामदगी की कार्रवाई की वीडियो रिकॉर्डिंग ई-साक्ष्य एप के जरिए की जा रही है। न्याय सेतु, ई-समन, मेडलीएपीआर, ई-प्रोसिक्यूशन और एनएएफआईएस जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जा रहा है। ई-प्रॉसिक्यूशन के माध्यम से 29 दिसंबर 2025 तक 1645 चार्जशीट ऑनलाइन अभियोजन विभाग को भेजी गईं। वहीं, भारतीय न्याय संहिता के तहत सार्वजनिक स्थानों पर शराब पीने जैसे मामलों में दोषियों को जुर्माने के साथ-साथ गोशालाओं और वृद्धाश्रमों में सामुदायिक सेवा की सजा भी दी गई है।
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