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हरसिमरत के आरोप पर मुख्यमंत्री का पलटवार, कहा-करतारपुर कॉरिडोर के लिए केंद्र को भेजे दो रिमाइंडर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: ajay kumar Updated Fri, 11 Jan 2019 11:18 PM IST
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CM Amarinder Singh Counter attack on Harsimrat Kaur on Kartarpur corridor
Capt Amarinder Singh - फोटो : ANI
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करतारपुर कॉरिडोर मामले में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के आरोप पर दूसरे दिन पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तीखा हमला जारी रखते हुए कहा है कि कॉरिडोर मामले में गेंद पूरी तरह केंद्र के पाले में हैं और राज्य सरकार ने इस मामले पर 11 दिन पहले गृह मंत्रालय को एक स्मरण पत्र भेज दिया है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख भाईचारे के लिए इस अति महत्वपूर्ण धार्मिक मुद्दे पर हरसिमरत ने बिना कोई जानकारी हासिल किए इधर-उधर की बातें की हैं, जिसमें वह भ्रम फैलाने वाले अपने बयानों से लोगों को गुमराह करने की कोशिश कर रही हैं। कैप्टन ने कहा कि अकालियों द्वारा सरकार और लोगों में पैदा की जा रही झूठ की दीवार एक दिन भी नहीं टिकेगी। क्योंकि पंजाब के लोगों ने आगामी लोकसभा मतदान के दौरान बादलों को बाहर का रास्ता दिखाने का मन बना लिया है।
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 मुख्यमंत्री ने कहा कि वास्तव में इस संबंध में 12 दिसंबर, 2018 को पंजाब के गृह और न्याय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में मीटिंग हुई थी। इस मीटिंग में रक्षा मंत्रालय, सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), नेशनल हाईवे अथॉरटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई), ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन और अन्य संबंधित विभागों के प्रतिनिधि शामिल हुए और अपने विचार रखे।

CM Amarinder Singh Counter attack on Harsimrat Kaur on Kartarpur corridor

 इसके आधार पर करतारपुर साहिब कॉरिडोर के लिए चार विभिन्न विकल्पों का प्रस्ताव दिया गया। इन विकल्पों में से सबसे उचित एक विकल्प पर आपसी सहमति हुई। मुख्यमंत्री ने बताया कि यह एक व्यापक द्विपक्षीय मुद्दा था, इसलिए भारत सरकार के गृह मामलों के मंत्रालय अधीन आगामी मीटिंग का प्रस्ताव पेश किया गया। उन्होंने इस नाजुक मुद्दे पर खेलने के लिए हरसिमरत कौर और अन्य अकाली नेताओं की तीखी आलोचना की।

केंद्र की अनुमति और फंड से हो सकती है भूमि अधिग्रहीत
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि जमीन हासिल करने का कोई भी कदम केवल केंद्र सरकार द्वारा मंजूरी और जमीन के जरूरी टुकड़े को हासिल करने के लिए फंड प्राप्ति के बाद ही उठाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि गृह मंत्रालय को 1 जनवरी, 2019 को भी एक स्मरण पत्र भेजा गया था। जिसमें इस प्रोजेक्ट जल्द से जल्द शुरू करने के लिए कार्रवाई करने के लिए कहा गया है। 

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