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जीएमसीएच चंडीगढ़ के क्वारंटीन सेंटर में मरीज परेशान, बोले- तीन रोटियों से कोरोना को कैसे हराएं
अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: पंचकुला ब्यूरो
Updated Tue, 11 Aug 2020 02:26 PM IST
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प्रतीकात्मक तस्वीर
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गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) सेक्टर-32 चंडीगढ़ के क्वारंटीन सेंटर में भर्ती कोरोना के संदिग्ध मरीजों को भूख से तड़पने के लिए छोड़ दिया गया है। क्वारंटीन सेंटर में खाने में सिर्फ तीन रोटियां दी जा रही हैं। मरीजों का कहना है कि तीन रोटियों के बल पर कोरोना को मात देना संभव नहीं है। कहीं ऐसा न हो भुखमरी के शिकार हो जाएं।
यहां भर्ती मरीजों को सुबह के समय ब्रेड और दूध के साथ एक फल दिया जा रहा है। उसके बाद दोपहर में तीन रोटी, एक कटोरी चावल, थोड़ी सी दाल, सब्जी दिया जा रहा है। इसके बाद फिर सीधे रात का खाना मिल रहा है। मरीजों का कहना है कि तीन रोटी से पेट नहीं भरता और ज्यादा डिमांड करने पर मना कर दिया जा रहा है।
अस्पताल के कर्मचारियों से अनुरोध कर बाहर से रोटी, पराठा व चाय मंगाई जाती है। इस संबंध में शिकायत की बात कहने पर मरीजों को परेशान करने की धमकी दी जाती है। मरीजों का कहना है कि खाने की क्वालिटी तो अच्छी है, लेकिन मात्रा कम होने से पेट नहीं भर रहा। मरीजों का कहना है कि घर से भोजन मंगाने की भी मनाही है अन्यथा अस्पताल का खाना खाते ही नहीं।
कोरोना से जुड़ी व्यवस्था देखने के लिए अस्पताल में अलग से नोडल ऑफिसर तैनात किए गए हैं। इस संबंध में वही जानकारी दे पाएंगे।
- डॉ. रवि गुप्ता, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, जीएमसीएच-32
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यहां भर्ती मरीजों को सुबह के समय ब्रेड और दूध के साथ एक फल दिया जा रहा है। उसके बाद दोपहर में तीन रोटी, एक कटोरी चावल, थोड़ी सी दाल, सब्जी दिया जा रहा है। इसके बाद फिर सीधे रात का खाना मिल रहा है। मरीजों का कहना है कि तीन रोटी से पेट नहीं भरता और ज्यादा डिमांड करने पर मना कर दिया जा रहा है।
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अस्पताल के कर्मचारियों से अनुरोध कर बाहर से रोटी, पराठा व चाय मंगाई जाती है। इस संबंध में शिकायत की बात कहने पर मरीजों को परेशान करने की धमकी दी जाती है। मरीजों का कहना है कि खाने की क्वालिटी तो अच्छी है, लेकिन मात्रा कम होने से पेट नहीं भर रहा। मरीजों का कहना है कि घर से भोजन मंगाने की भी मनाही है अन्यथा अस्पताल का खाना खाते ही नहीं।
कोरोना से जुड़ी व्यवस्था देखने के लिए अस्पताल में अलग से नोडल ऑफिसर तैनात किए गए हैं। इस संबंध में वही जानकारी दे पाएंगे।
- डॉ. रवि गुप्ता, मेडिकल सुपरिंटेंडेंट, जीएमसीएच-32