सर्वदलीय बैठक के बहिष्कार पर खट्टर ने कांग्रेस पर किया पलटवार
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि कांग्रेस के व्यवहार से पीड़ा हुई है। कांग्रेस ने राज्यपाल के अभिभाषण की अवमानना की, इसलिए कांग्रेस के विधायकों को निलंबित किया गया।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधायकों का एसवाईएल और जाट आरक्षण के मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का बहिष्कार और सदन में राज्यपाल के अभिभाषण का बहिष्कार देखकर ऐसा प्रतीत होता है कि यह कांग्रेस की मुद्दों से बचने के लिए सोची समझी साजिश थी।
मुख्यमंत्री शुक्रवार को हरियाणा विधानसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा का सदन में अपना उत्तर दे रहे थे। उन्होंने अपने उत्तर की शुरुआत विपक्ष की भूमिका के उल्लेख के साथ की। मुख्यमंत्री ने कहा कि सर्वदलीय बैठक को लेकर कांग्रेस का यह कहना है कि उन्हें व्यक्तिगत तौर पर न्योता नहीं दिया गया, समझ से परे हैं।
उन्होंने चुटकी ली, ‘बेटे-बेटी की शादी होती तो व्यक्तिगत न्योता भेजता। मेरे जीवन में तो ऐसा मौका भी नहीं आने वाला।’ उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक एसवाईएल और जाट आरक्षण के मुद्दे पर थी, उसके लिए व्यक्तिगत न्योता देने की बात करना अजीब है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण होती है, इसलिए लोकतंत्र की मजबूती के लिए विपक्ष द्वारा रचनात्मक आलोचना करना सही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एसवाईएल और जाट आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस ने जो भूमिका निभाई वह सबको पता है, उनके बड़े नेता पकड़े भी जा चुके हैं।
कांग्रेस की पहले से ही सदन से बाहर जाने की योजना थी, वे एसवाईएल मुद्दे पर चर्चा से बचना चाहते थे। उन्होंने इनेलो द्वारा अभिभाषण के दौरान काली पट्टी बांधने को भी निदंनीय बताया।
मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि गत दिनों आरक्षण की आड़ लेकर जिन नेताओं ने उपद्रव व अराजकता फैलाकर सरकार को अपदस्थ करने की कुचेष्ठा की, ऐसे नेताओं को यह जान लेना चाहिए कि वे इसमें कामयाब नहीं होंगे क्योंकि हम प्रदेश की जनता द्वारा पूर्ण बहुमत के साथ चुनी गई सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हुई घटनाओं से वे व्यक्तिगत रूप से आहत हैं और उन्हें पीड़ा हुई है। शायद ही हरियाणा का कोई ऐसा व्यक्ति होगा, जिसे इन घटनाओं से पीड़ा न हुई हो।
मुख्यमंत्री अपनी बात कहते हुए भावुक हो गए
मुख्यमंत्री अपनी बात कहते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा, ‘मनोहरलाल को लेकर कई टिप्पिणियां की गईं। भारत-पाक बंटवारे का दर्द कौन नहीं जानता। देशभक्ति की भावना और वतन के लिए सब कुछ छोड़कर तीन कपड़ों में भारत आए थे। ऐसी बातों से व्यक्तिगत रूप से चोट लगती है। मैं ऐसा प्रचार करने वालों को शातिर और शैतान कहूंगा। किसी एक व्यक्ति, एक जाति का नहीं है यह प्रदेश।’
एसवाईएल पर पंजाब के रुख की कड़ी निंदा
मुख्यमंत्री खट्टर ने पानी को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए एसवाईएल नहर को हरियाणा की जीवन रेखा बताया। उन्होंने कहा कि हम अपने हिस्से का पानी लेकर रहेंगे, चाहे कुछ भी करना पड़े। उन्होंने कहा कि हम पंजाब के एसवाईएल बिल पर चुप नहीं बैठे हैं।
पंजाब में जब पहला बिल पारित किया था तो तुरंत वे हरियाणा के सांसदों को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री से मिले थे। उन्होंने पंजाब के उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल से बात करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने राज्यपाल से भी पंजाब विधानसभा द्वारा पारित बिल पर साइन नहीं करने का आग्रह किया था।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल ने भी हरियाणा की भावना को समझा है। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी यथास्थिति का निर्देश दिया है, जो संतोष की बात है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एसवाईएल पर पंजाब सरकार के रवैये के बारे में वे जल्द ही हरियाणा के सांसदों व विधायकों के साथ राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे।