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Punjab: अफगानिस्तान की कंपनी से मंगवाए सात करोड़ के ड्राईफ्रूट, पैसे न देने पर खन्ना के कारोबारी पर केस दर्ज
संवाद न्यूज एजेंसी, लुधियाना (पंजाब)
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Wed, 31 Jan 2024 11:26 AM IST
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सार
खन्ना के कारोबारी ने अफगानिस्तान की कंपनी से सात करोड़ 18 लाख रुपये के ड्राई फ्रूट मंगवाए थे। इसके बाद कारोबारी ने कंपनी को पेमेंट नहीं की। साथ ही बैंक का एक जाली स्विफ्ट मैसेज भी भेजा। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा।

सांकेतिक तस्वीर
- फोटो : Amar Ujala
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विस्तार
अफगानिस्तान की विभिन्न कंपनियों से भारत में ड्राई फ्रूट मंगवाने के बाद खन्ना के एक कारोबारी ने सात करोड़ 18 लाख रुपये की ठगी की है। फिरोजपुर रोड स्थित एक शापिंग माल के अंदर बने रेस्तरां में मीटिंग करने के बाद करोड़ों रुपये का माल मंगवा लिया गया और उसके बाद कारोबारी ने पैसे नहीं दिए।
हैरानी की बात यह है कि अफगान कारोबारियों को मूर्ख बनाने के लिए कारोबारी ने बैंक का एक जाली स्विफ्ट मैसेज तैयार किया और कारोबारियों को भेज दिया। जब उन्होंने चेक किया तो वह जाली पाया गया। इसके बाद अफगान कारोबारियों ने भारत में केयरटेकर महाराष्ट्र के ईस्ट मुंबई स्थित सेंटाक्राऊड इलाके में रहने वाले दानिश इरफान आगा के जरिये पुलिस को शिकायत दी।
पुलिस कमिश्नर द्वारा इस मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए गए। इसके बाद थाना सराभा नगर की पुलिस ने दानिश इरफान आगा की शिकायत पर खन्ना के गुरु हरकृष्ण नगर निवासी भगतप्रीत सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है।
दानिश इरफान आगा द्वारा पुलिस के पास दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक अफगानिस्तान की टाक ड्राईफ्रूट कंपनी के अलावा अन्य कंपनियां भारत में ड्राईफ्रूट आयात करती हैं। वह अफगानिस्तान की ड्राईफ्रूट की अलग-अलग कंपनियों का भारत में केयरटेकर है।
आरोपी भगतप्रीत सिंह वहां से ड्राईफ्रूट मंगवाना चाहता था तो अटारी के एजेंट के जरिये उनकी भगतप्रीत के साथ मुलाकात हुई। इस मुलाकात में टाक ड्राईफ्रूट कंपनी के मालिक मुखामद दजामील उर्फ जमील रहीमी भी मौजूद थे। मुलाकात फिरोजपुर रोड स्थित एक शापिंग माल में हुई, जहां भगतप्रीत को बता दिया गया था कि माल पहुंचने के तीन दिन के अंदर सारा भुगतान करना पड़ेगा।
इसके बाद भगतप्रीत ने पांच करोड़ का ड्राईफ्रूट अलग-अलग कंपनियों से मंगवा लिया। इसके बाद भगतप्रीत ने उक्त बनती रकम कंपनी के खातों में भेज दी। भगतप्रीत सिंह ने अलग अलग कंपनियों से करीब सात करोड़ 18 लाख रुपये का ड्राईफ्रूट और मंगवा लिया, मगर पैसे नहीं भेजे। जब भगतप्रीत से संपर्क किया गया तो उसने साफतौर पर कह दिया कि माल बिकेगा तो वह पैसे दे पाएगा।
इसके बाद उसने टाक ड्राईफ्रूट कंपनी के मालिक जामील रहीमी का फोन उठाना बंद कर दिया और बैंक से एक जाली स्विफ्ट मैसेज एमटी 103 बनवाकर उन्हें भेज दिया। जब उन्होंने बैंक से चेक करवाया तो उक्त मैसेज जाली निकला। इसके बाद 22 जनवरी को एक शिकायत जामील रहीमी ने पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चाहल को दी। उन्होंने जांच का भरोसा दिया।
जांच के दौरान भगतप्रीत को बुलाया गया तो उसने वहीं समझौता कर लिया कि वह कंपनी के पैसे दे देगा। मगर आरोपी भगतप्रीत सिंह ने कंपनियों के सारे पैसे देने के बजाय सिर्फ तीस लाख रुपये के करीब ट्रांसफर कर दिए और बाकी के पैसे देने से साफतौर पर मना कर दिया। समझौता करने के बाद भी आरोपी पैसे देने से मुकर गया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी पर मामला दर्ज कर लिया। पुलिस आरोपी भगतप्रीत सिंह की तलाश में दबिश देने में जुट गई है।

हैरानी की बात यह है कि अफगान कारोबारियों को मूर्ख बनाने के लिए कारोबारी ने बैंक का एक जाली स्विफ्ट मैसेज तैयार किया और कारोबारियों को भेज दिया। जब उन्होंने चेक किया तो वह जाली पाया गया। इसके बाद अफगान कारोबारियों ने भारत में केयरटेकर महाराष्ट्र के ईस्ट मुंबई स्थित सेंटाक्राऊड इलाके में रहने वाले दानिश इरफान आगा के जरिये पुलिस को शिकायत दी।
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पुलिस कमिश्नर द्वारा इस मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए गए। इसके बाद थाना सराभा नगर की पुलिस ने दानिश इरफान आगा की शिकायत पर खन्ना के गुरु हरकृष्ण नगर निवासी भगतप्रीत सिंह के खिलाफ धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है।
दानिश इरफान आगा द्वारा पुलिस के पास दर्ज कराई गई शिकायत के मुताबिक अफगानिस्तान की टाक ड्राईफ्रूट कंपनी के अलावा अन्य कंपनियां भारत में ड्राईफ्रूट आयात करती हैं। वह अफगानिस्तान की ड्राईफ्रूट की अलग-अलग कंपनियों का भारत में केयरटेकर है।
आरोपी भगतप्रीत सिंह वहां से ड्राईफ्रूट मंगवाना चाहता था तो अटारी के एजेंट के जरिये उनकी भगतप्रीत के साथ मुलाकात हुई। इस मुलाकात में टाक ड्राईफ्रूट कंपनी के मालिक मुखामद दजामील उर्फ जमील रहीमी भी मौजूद थे। मुलाकात फिरोजपुर रोड स्थित एक शापिंग माल में हुई, जहां भगतप्रीत को बता दिया गया था कि माल पहुंचने के तीन दिन के अंदर सारा भुगतान करना पड़ेगा।
इसके बाद भगतप्रीत ने पांच करोड़ का ड्राईफ्रूट अलग-अलग कंपनियों से मंगवा लिया। इसके बाद भगतप्रीत ने उक्त बनती रकम कंपनी के खातों में भेज दी। भगतप्रीत सिंह ने अलग अलग कंपनियों से करीब सात करोड़ 18 लाख रुपये का ड्राईफ्रूट और मंगवा लिया, मगर पैसे नहीं भेजे। जब भगतप्रीत से संपर्क किया गया तो उसने साफतौर पर कह दिया कि माल बिकेगा तो वह पैसे दे पाएगा।
इसके बाद उसने टाक ड्राईफ्रूट कंपनी के मालिक जामील रहीमी का फोन उठाना बंद कर दिया और बैंक से एक जाली स्विफ्ट मैसेज एमटी 103 बनवाकर उन्हें भेज दिया। जब उन्होंने बैंक से चेक करवाया तो उक्त मैसेज जाली निकला। इसके बाद 22 जनवरी को एक शिकायत जामील रहीमी ने पुलिस कमिश्नर कुलदीप सिंह चाहल को दी। उन्होंने जांच का भरोसा दिया।
जांच के दौरान भगतप्रीत को बुलाया गया तो उसने वहीं समझौता कर लिया कि वह कंपनी के पैसे दे देगा। मगर आरोपी भगतप्रीत सिंह ने कंपनियों के सारे पैसे देने के बजाय सिर्फ तीस लाख रुपये के करीब ट्रांसफर कर दिए और बाकी के पैसे देने से साफतौर पर मना कर दिया। समझौता करने के बाद भी आरोपी पैसे देने से मुकर गया। इसके बाद पुलिस ने आरोपी पर मामला दर्ज कर लिया। पुलिस आरोपी भगतप्रीत सिंह की तलाश में दबिश देने में जुट गई है।