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Moradabad News: सहारनपुर में मिला देहरादून से लापता सुंदरी का शव
संवाद न्यूज एजेंसी, मुरादाबाद
Updated Fri, 19 Sep 2025 02:58 AM IST
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बिलारी के मुंडिया जैन गांव निवासी मृतका सुन्दरी का फाइल फोटो-स्रोत परिजन
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बिलारी (मुरादाबाद)। देहरादून में आई आपदा के दाैरान लापता हुई बिलारी के गांव मुंडिया जैन निवासी मजदूर सुंदरी का शव सहारनपुर की नदी में मिला है। हाथ पर लिखे नाम से परिजनों ने सुंदरी के शव की पहचान की। बृहस्पतिवार दोपहर बाद सुंदरी के शव का गांव लाकर अंतिम संस्कार
मुंडिया जैन गांव निवासी मजदूरों का समूह देहरादून के निकट आसन नदी में मंगलवार तड़के रेत निकालने गया था। इस दौरान बादल फटने से नदी में बाढ़ आने से ट्रैक्टर ट्रॉली समेत मुंडिया जैन निवासी 11 मजदूर बह गए थे। छह मजदूरों मदन, नरेश, हरचरन, सोमवती, रीना और किरन के शव उसी दिन मिल गए थे जबकि सुंदरी, होराम और राजकुमार लापता हो गए थे। दो मजदूर अमरपाल और अमन झाड़ियों और पेड़ों के सहारे बच गए थे लेकिन यह दोनों भी घायल हो गए थे। लापता सुंदरी का शव बुधवार शाम सहारनपुर जिले के थाना मिर्जापुर अंतर्गत एक नदी के किनारे पर मिल गया। पोस्टमार्टम के बाद बृहस्पतिवार दोपहर बाद सुंदरी का शव मुंडिया जैन गांव लाया गया। सुंदरी (42) के पति मदन सैनी (45) का शव दो दिन पहले मिल जाने के बाद परिजन और रिश्तेदार लगातार सुंदरी के शव की तलाश कर रहे थे।
मुंडिया जैन गांव निवासी मदन और उसकी पत्नी सुंदरी की देहरादून नदी बाढ़ हादसे में मौत हो जाने के बाद उनके चारों बच्चे बेसहारा हो गए हैं। आपदा में जान गंवाने वाले दंपती का सबसे बड़ा बेटा सुमित (17), ज्ञान सिंह (15), मोनू (9) और बेटी राधिका (11) है। मदन के चार अन्य भाई मुरारीलाल, राजवीर, लोकेश और संजय अपने अलग-अलग परिवारों में रहते हैं। मदन का भाइयों से काफी पहले बंटवारा हो चुका है।
मदन और सुंदरी के दोनों बेटे सुमित और ज्ञान सिंह भी माता-पिता के साथ मजदूरी करने देहरादून गए हुए थे। सुमित और ज्ञान सिंह ने बताया कि रामपुर जिले के सैफनी कस्बे में लगने वाला छड़ी मेला देखने के लिए वह हादसे से दो दिन पहले मुंडिया जैन गांव आ गए थे यदि वह गांव न आए होते तब अन्य दिनों की तरह माता-पिता के साथ मजदूरी करने काम पर जाते।

मुंडिया जैन गांव निवासी मजदूरों का समूह देहरादून के निकट आसन नदी में मंगलवार तड़के रेत निकालने गया था। इस दौरान बादल फटने से नदी में बाढ़ आने से ट्रैक्टर ट्रॉली समेत मुंडिया जैन निवासी 11 मजदूर बह गए थे। छह मजदूरों मदन, नरेश, हरचरन, सोमवती, रीना और किरन के शव उसी दिन मिल गए थे जबकि सुंदरी, होराम और राजकुमार लापता हो गए थे। दो मजदूर अमरपाल और अमन झाड़ियों और पेड़ों के सहारे बच गए थे लेकिन यह दोनों भी घायल हो गए थे। लापता सुंदरी का शव बुधवार शाम सहारनपुर जिले के थाना मिर्जापुर अंतर्गत एक नदी के किनारे पर मिल गया। पोस्टमार्टम के बाद बृहस्पतिवार दोपहर बाद सुंदरी का शव मुंडिया जैन गांव लाया गया। सुंदरी (42) के पति मदन सैनी (45) का शव दो दिन पहले मिल जाने के बाद परिजन और रिश्तेदार लगातार सुंदरी के शव की तलाश कर रहे थे।
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मुंडिया जैन गांव निवासी मदन और उसकी पत्नी सुंदरी की देहरादून नदी बाढ़ हादसे में मौत हो जाने के बाद उनके चारों बच्चे बेसहारा हो गए हैं। आपदा में जान गंवाने वाले दंपती का सबसे बड़ा बेटा सुमित (17), ज्ञान सिंह (15), मोनू (9) और बेटी राधिका (11) है। मदन के चार अन्य भाई मुरारीलाल, राजवीर, लोकेश और संजय अपने अलग-अलग परिवारों में रहते हैं। मदन का भाइयों से काफी पहले बंटवारा हो चुका है।
मदन और सुंदरी के दोनों बेटे सुमित और ज्ञान सिंह भी माता-पिता के साथ मजदूरी करने देहरादून गए हुए थे। सुमित और ज्ञान सिंह ने बताया कि रामपुर जिले के सैफनी कस्बे में लगने वाला छड़ी मेला देखने के लिए वह हादसे से दो दिन पहले मुंडिया जैन गांव आ गए थे यदि वह गांव न आए होते तब अन्य दिनों की तरह माता-पिता के साथ मजदूरी करने काम पर जाते।
बिलारी के मुंडिया जैन गांव निवासी मृतका सुन्दरी का फाइल फोटो-स्रोत परिजन
बिलारी के मुंडिया जैन गांव निवासी मृतका सुन्दरी का फाइल फोटो-स्रोत परिजन