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चंडीगढ़ में 6 हजार कुत्तों की नसबंदी, फिर भी संख्या आउट आफ कंट्रोल
राजेश ढल्ल/अमर उजाला, चंडीगढ़।
Updated Wed, 01 Jun 2016 12:38 PM IST
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शहर में कुत्तों का आतंक बरकरार है। डॉग बाइट के केस लगातार बढ़ रहे हैं।
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शहर में कुत्तों का आतंक बरकरार है। डॉग बाइट के केस लगातार बढ़ रहे हैं। नगर निगम की ओर से लावारिस कुत्तों को एंटी रैबीज वैक्सीन (एआरवी) देने का दावा किया जा रहा है। लेकिन शहरवासियों को यह पता नहीं चल पाता कि किस डॉग को वैक्सीन दी गई है और किसे नहीं।
शहर में इस समय करीब 15 हजार लावारिस कुत्ते हैं, जबकि साल 2011 में कुत्तों की संख्या 8500 थी। नगर निगम का दावा है कि अप्रैल-2015 से अब तक छह हजार कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है। जबकि 9 हजार को एंटी रैबीज वैक्सीन दी जा चुकी है।
वैक्सीनेशन के लिए हर हफ्ते लगता है कैंप
ज्वाइंट कमिश्नर राजीव गुप्ता का कहना है कि वैक्सीन के लिए हर शनिवार को किसी न किसी एरिया में कैंप लगाया जाता है। अगले शनिवार को सेक्टर-9 और 10 के आवारा कुत्तों को पकड़कर उन्हेें वैक्सीन दी जाएगी। मालूम हो कि पिछले साल मनीमाजरा में लावारिस कुत्ते के काटने से एक बच्ची की मौत हो गई थी। शहर में हालत यह है कि कुत्तों का झुंड देखकर सड़क और पार्क में सैर कर रहे लोग अपना रास्ता बदलना बेहतर समझते हैं। अभिभावक भी अपने बच्चों को पार्क और घर के बाहर भेजने से कतरा रहे हैं।
50 रुपये में लगाया जाता है सीरम
नगर निगम की ओर से कुत्तों के काटने पर 50 रुपये में सीरम और 100 रुपये में इंजेक्शन लगाने की सुविधा दी जाती है। पांच दिन का कोर्स होता है। सेक्टर-19 और 38 की डिस्पेंसरी में वैक्सीन दी जाती है।
वैक्सिन का रेट नोमिनल होने के कारण पंचकूला और मोहाली के अलावा हिमाचल से भी लोग इलाज के लिए आ रहे हैं। जबकि ह्यूमन सिरम भी कुछ मात्रा में उपलब्ध है।

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शहर में इस समय करीब 15 हजार लावारिस कुत्ते हैं, जबकि साल 2011 में कुत्तों की संख्या 8500 थी। नगर निगम का दावा है कि अप्रैल-2015 से अब तक छह हजार कुत्तों की नसबंदी की जा चुकी है। जबकि 9 हजार को एंटी रैबीज वैक्सीन दी जा चुकी है।
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वैक्सीनेशन के लिए हर हफ्ते लगता है कैंप
ज्वाइंट कमिश्नर राजीव गुप्ता का कहना है कि वैक्सीन के लिए हर शनिवार को किसी न किसी एरिया में कैंप लगाया जाता है। अगले शनिवार को सेक्टर-9 और 10 के आवारा कुत्तों को पकड़कर उन्हेें वैक्सीन दी जाएगी। मालूम हो कि पिछले साल मनीमाजरा में लावारिस कुत्ते के काटने से एक बच्ची की मौत हो गई थी। शहर में हालत यह है कि कुत्तों का झुंड देखकर सड़क और पार्क में सैर कर रहे लोग अपना रास्ता बदलना बेहतर समझते हैं। अभिभावक भी अपने बच्चों को पार्क और घर के बाहर भेजने से कतरा रहे हैं।
50 रुपये में लगाया जाता है सीरम
नगर निगम की ओर से कुत्तों के काटने पर 50 रुपये में सीरम और 100 रुपये में इंजेक्शन लगाने की सुविधा दी जाती है। पांच दिन का कोर्स होता है। सेक्टर-19 और 38 की डिस्पेंसरी में वैक्सीन दी जाती है।
वैक्सिन का रेट नोमिनल होने के कारण पंचकूला और मोहाली के अलावा हिमाचल से भी लोग इलाज के लिए आ रहे हैं। जबकि ह्यूमन सिरम भी कुछ मात्रा में उपलब्ध है।
155304 पर करें कॉल

कुत्ता
यदि आपके एरिया में किसी कुत्ते ने सबको परेशान कर रखा है। इसके अलावा आप चाहते हैं कि गली के कुत्तों को एंटी रैबीज वैक्सीन दी जाए तो 155304 पर फोन कर सकते हैं। इसके अलावा आपातकालीन स्थिति में टीम को बुलाने के लिए 9915711485 पर भी फोन किया जा सकता है।
कुत्तों को हटाने का स्थायी हल नहीं
शहरवासी अपने एरिया से स्थायी तौर पर कुत्तों को नहीं हटा सकते हैं। नगर निगम के एमओएच विंग के डॉ. एमएस कंबोज का कहना है कि एबीसी रुल्स के अनुसार जिस जगह से कुत्ते को नसबंदी और एंटी रैबीज वैक्सीन देने के लिए उठाया जाता है, वहीं पर पांच दिन बाद वापस छोड़ दिया जाता है।
डाग पाउंड का प्रस्ताव खारिज
दो साल पहले नगर निगम के सदन में शहर में डाग पाउंड बनाने का प्रस्ताव आया लेकिन सदन ने यह प्रस्ताव खारिज कर दिया। सदन ने कहा कि इससे नगर निगम का खर्चा काफी बढ़ जाएगा।
ऐसे बढ़ रही कुत्तों की संख्या
कुत्तों को पकड़ने वाली टीम के अनुसार 5 माह से कम उम्र के कुत्ते को नसबंदी के लिए नहीं पकड़ा जाता है इसके अलावा गर्भवती कुतिया को भी नहीं पकड़ा जाता है। इसलिए नसबंदी के बावजूद कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है।
कुत्तों को हटाने का स्थायी हल नहीं
शहरवासी अपने एरिया से स्थायी तौर पर कुत्तों को नहीं हटा सकते हैं। नगर निगम के एमओएच विंग के डॉ. एमएस कंबोज का कहना है कि एबीसी रुल्स के अनुसार जिस जगह से कुत्ते को नसबंदी और एंटी रैबीज वैक्सीन देने के लिए उठाया जाता है, वहीं पर पांच दिन बाद वापस छोड़ दिया जाता है।
डाग पाउंड का प्रस्ताव खारिज
दो साल पहले नगर निगम के सदन में शहर में डाग पाउंड बनाने का प्रस्ताव आया लेकिन सदन ने यह प्रस्ताव खारिज कर दिया। सदन ने कहा कि इससे नगर निगम का खर्चा काफी बढ़ जाएगा।
ऐसे बढ़ रही कुत्तों की संख्या
कुत्तों को पकड़ने वाली टीम के अनुसार 5 माह से कम उम्र के कुत्ते को नसबंदी के लिए नहीं पकड़ा जाता है इसके अलावा गर्भवती कुतिया को भी नहीं पकड़ा जाता है। इसलिए नसबंदी के बावजूद कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है।
निगम को स्थायी पॉलिसी बनानी चाहिए

शहर में कुत्तों का आतंक बरकरार है। डॉग बाइट के केस लगातार बढ़ रहे हैं।
कोट........
नगर निगम की ओर से लावारिस कुत्तों को एंटी रैबीज वैक्सीन देने और नसबंदी का अभियान चलाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद इनकी संख्या कम होने की बजाय बढ़ रही है। लावारिस कुत्तों से शहर को मुक्त बनाने के लिए निगम को स्थायी पॉलिसी बनानी चाहिए।
- बलजिंदर सिंह बिट्टू, अध्यक्ष, फॉसवेक।
कोट........
नगर निगम को ऐसे कुत्तों की भी पहचान करनी चाहिए, जो आक्रामक हो गए हैं। इस समय पूरा सेक्टर ही लावारिस कुत्तों से परेशान है।
- शिखा निझावन, टीचर एवं सेक्टर-27डी निवासी।
कोट........
लावारिस कुत्तों का आतंक इतना बढ़ गया है कि अभिभावकों ने अपने बच्चों को अकेले बाहर खेलने के लिए जाना बंद कर दिया है। नगर निगम को चाहिए कि जो पार्क बनाए गए हैं, उनके चाराें तरफ इस तरह की दीवारें और सीलिंग करनी चाहिए, जिससे कोई कुत्ता पार्क में दाखिल न हो सके।
- दलविंद्र सैनी, सेक्टर-40ए की एसोसिएशन के अध्यक्ष।
कोट........
घर से बाहर निकलते ही लावारिस कुत्ते लोगों के पीछे लग जाते हैं। बाजार में खाने-पीने की दुकानों के बाहर कुत्तों की भरमार होती है । निगम की ओर से जिस कुत्ते को वैक्सीन दी जाती है, पहचान के लिए उसके गले में पट्टा डालना चाहिए।
- सुनील चौपड़ा, अध्यक्ष, रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन, सेक्टर-18
नगर निगम की ओर से लावारिस कुत्तों को एंटी रैबीज वैक्सीन देने और नसबंदी का अभियान चलाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद इनकी संख्या कम होने की बजाय बढ़ रही है। लावारिस कुत्तों से शहर को मुक्त बनाने के लिए निगम को स्थायी पॉलिसी बनानी चाहिए।
- बलजिंदर सिंह बिट्टू, अध्यक्ष, फॉसवेक।
कोट........
नगर निगम को ऐसे कुत्तों की भी पहचान करनी चाहिए, जो आक्रामक हो गए हैं। इस समय पूरा सेक्टर ही लावारिस कुत्तों से परेशान है।
- शिखा निझावन, टीचर एवं सेक्टर-27डी निवासी।
कोट........
लावारिस कुत्तों का आतंक इतना बढ़ गया है कि अभिभावकों ने अपने बच्चों को अकेले बाहर खेलने के लिए जाना बंद कर दिया है। नगर निगम को चाहिए कि जो पार्क बनाए गए हैं, उनके चाराें तरफ इस तरह की दीवारें और सीलिंग करनी चाहिए, जिससे कोई कुत्ता पार्क में दाखिल न हो सके।
- दलविंद्र सैनी, सेक्टर-40ए की एसोसिएशन के अध्यक्ष।
कोट........
घर से बाहर निकलते ही लावारिस कुत्ते लोगों के पीछे लग जाते हैं। बाजार में खाने-पीने की दुकानों के बाहर कुत्तों की भरमार होती है । निगम की ओर से जिस कुत्ते को वैक्सीन दी जाती है, पहचान के लिए उसके गले में पट्टा डालना चाहिए।
- सुनील चौपड़ा, अध्यक्ष, रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन, सेक्टर-18