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धर्म की स्थापना के लिए साकार रूप धारण करते हैं भगवान: श्रेया भारती
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चंडीगढ़। रामचरितमानस की रचना भले ही सदियों पूर्व हुई हो, लेकिन इसमें निहित धर्म की स्थापना का संदेश हर युग, हर काल और हर देश की सीमाओं से परे है। वर्तमान युग की समस्त समस्याओं का निवारण प्रस्तुत करता है। यह प्रवचन सेक्टर 34 के प्रदर्शनी ग्राउंड में दिव्य ज्योति जाग्रति संस्थान एवं श्री राम कृपा सेवा ट्रस्ट की ओर से आयोजित हो रहे श्रीराम कथा के दूसरे दिन कथा व्यास साध्वी श्रेया भारती ने दिया।
उन्हाेंने कहा कि संसार में अनेक प्रकार के रोग-शोक, जन्म-मृत्यु, काम, क्रोध, लोभ, मोह तथा अहंकार जैसे दुष्प्रभावों में उलझकर मानव जीवन के वास्तविक उद्देश्य से भटक जाता है। ऐसे समय में प्रभु स्वयं अवतीर्ण होकर धर्म की स्थापना कर संसार के उपद्रवों को शांत करते हैं। उन्होंने प्रभु श्रीराम के दिव्य चरित्र एवं जन्मोत्सव प्रसंग का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान धर्म की स्थापना के लिए साकार रूप धारण करते हैं।
उन्होंने कहा कि आज समाज को श्रीराम जी की मूल्यवान आदर्शों की आवश्यकता है। आज का मानव अज्ञानतावश श्री राम-चरित्र को छोड़, चलचित्रों और बाहरी आकर्षणों की ओर दौड़ रहा है। ऐसे समय में ज्ञान-दीप प्रज्वलित करने की जरूरत है। समय और समाज की पुकार ब्रह्मज्ञान है जो मनुष्य को मानवता की ओर अग्रसर कर दानवता का नाश कर सकता है। ब्रह्मज्ञान के विषय में उन्होंने कहा कि यह ईश्वर की साक्षात अनुभूति है। जब अंतःकरण में ज्ञान का प्रकाश होगा तब अज्ञानता का अंधकार अपने आप समाप्त हो जाएगा। इस दौरान भगवान की भव्य आरती हुई। इस मौके पर
पंजाब के पूर्व मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, हिमाचल प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी संजय टंडन, पंजाब के पूर्व मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, डॉ. संदीप कौरा (फाउंडर चांसलर ऑफ शहीद उधम सिंह स्किल डिवेलपमेंट यूनिवर्सिटी पंजाब सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कथा के उपरांत श्रद्धालुओं ने भंडारा का प्रसाद ग्रहण किया।
उन्हाेंने कहा कि संसार में अनेक प्रकार के रोग-शोक, जन्म-मृत्यु, काम, क्रोध, लोभ, मोह तथा अहंकार जैसे दुष्प्रभावों में उलझकर मानव जीवन के वास्तविक उद्देश्य से भटक जाता है। ऐसे समय में प्रभु स्वयं अवतीर्ण होकर धर्म की स्थापना कर संसार के उपद्रवों को शांत करते हैं। उन्होंने प्रभु श्रीराम के दिव्य चरित्र एवं जन्मोत्सव प्रसंग का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान धर्म की स्थापना के लिए साकार रूप धारण करते हैं।
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उन्होंने कहा कि आज समाज को श्रीराम जी की मूल्यवान आदर्शों की आवश्यकता है। आज का मानव अज्ञानतावश श्री राम-चरित्र को छोड़, चलचित्रों और बाहरी आकर्षणों की ओर दौड़ रहा है। ऐसे समय में ज्ञान-दीप प्रज्वलित करने की जरूरत है। समय और समाज की पुकार ब्रह्मज्ञान है जो मनुष्य को मानवता की ओर अग्रसर कर दानवता का नाश कर सकता है। ब्रह्मज्ञान के विषय में उन्होंने कहा कि यह ईश्वर की साक्षात अनुभूति है। जब अंतःकरण में ज्ञान का प्रकाश होगा तब अज्ञानता का अंधकार अपने आप समाप्त हो जाएगा। इस दौरान भगवान की भव्य आरती हुई। इस मौके पर
पंजाब के पूर्व मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, हिमाचल प्रदेश भाजपा के सह प्रभारी संजय टंडन, पंजाब के पूर्व मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू, डॉ. संदीप कौरा (फाउंडर चांसलर ऑफ शहीद उधम सिंह स्किल डिवेलपमेंट यूनिवर्सिटी पंजाब सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। कथा के उपरांत श्रद्धालुओं ने भंडारा का प्रसाद ग्रहण किया।