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साहब! साहब फसल को नुकसान मत पहुंचाओ, रहम करो...जमीन कब्जे के दौरान खड़ी फसल पर चली जेसीबी, जमींदारों के छलके आंसू
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चंडीगढ़। साहब! मेरी फसल को नुकसान मत पहुंचाओं, रहम करो...बहुत मेहनत से फसल तैयार की है। फसल पकने तक जमीन पर कब्जा मत करो। फसल काटने के बाद हम खुद ही जमीन आपको दे देंगे। यह पुकार थी उन जमींदारों कि जिनकी जमीन पीआर 4 लिंक रोड के लिए प्रशासन ने अधिग्रहित की थी।
बता दें कि पीआर 4 लिंक रोड के लिए डड्डूमाजरा के 92 जमींदारों की 12.20 एकड़ जमीन को अधिग्रहित किया गया है। धनास के मुकाबले मुआवजे की दर 2.03 करोड़ रुपये प्रति एकड़ कम होने के कारण डड्डूमाजरा के जमींदार आक्रोशित हैं और वह जमीन पर कब्जा नहीं दे रहे थे।
बुधवार को कब्जे की कार्रवाई के विरोध में डड्डूमाजरा के दर्जनों किसान अपनी जमीन को बचाने के लिए पहुंचे, लेकिन जमींदारों को पुलिसकर्मियों ने पहले ही रोक दिया। जमींदार मोहन सिंह, प्यारा सिंह, पेलू सिंह, जगपात सिंह और सतनाम सिंह ने बताया कि प्रशासन की यह कार्रवाई तुगलकी शासन के जैसी है। जमीन पर खड़ी फसल अभी तैयार भी नहीं थी, लेकिन प्रशासन ने इस पर जबरन जेसीबी चला दी।
मक्का और धान खड़ी थी फसल
खेतों में मक्का और धान की फसल बोई गई थी। इसको जेसीबी मशीन से नष्ट कर दिया गया है। इसके साथ ही जमीन पर 50 से अधिक फलदार और हरे पेड़ भी खड़े हैं, इसको भी रोड के निर्माण कार्य के दौरान काटा जाएगा। जमींदारों ने बताया कि यह पेड़ उनके बुजुर्गों ने रोपे थे।
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बता दें कि पीआर 4 लिंक रोड के लिए डड्डूमाजरा के 92 जमींदारों की 12.20 एकड़ जमीन को अधिग्रहित किया गया है। धनास के मुकाबले मुआवजे की दर 2.03 करोड़ रुपये प्रति एकड़ कम होने के कारण डड्डूमाजरा के जमींदार आक्रोशित हैं और वह जमीन पर कब्जा नहीं दे रहे थे।
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बुधवार को कब्जे की कार्रवाई के विरोध में डड्डूमाजरा के दर्जनों किसान अपनी जमीन को बचाने के लिए पहुंचे, लेकिन जमींदारों को पुलिसकर्मियों ने पहले ही रोक दिया। जमींदार मोहन सिंह, प्यारा सिंह, पेलू सिंह, जगपात सिंह और सतनाम सिंह ने बताया कि प्रशासन की यह कार्रवाई तुगलकी शासन के जैसी है। जमीन पर खड़ी फसल अभी तैयार भी नहीं थी, लेकिन प्रशासन ने इस पर जबरन जेसीबी चला दी।
मक्का और धान खड़ी थी फसल
खेतों में मक्का और धान की फसल बोई गई थी। इसको जेसीबी मशीन से नष्ट कर दिया गया है। इसके साथ ही जमीन पर 50 से अधिक फलदार और हरे पेड़ भी खड़े हैं, इसको भी रोड के निर्माण कार्य के दौरान काटा जाएगा। जमींदारों ने बताया कि यह पेड़ उनके बुजुर्गों ने रोपे थे।