अधिसूचना जारी: हरियाणा के हर जिले में गोरक्षा के लिए अब एसटीएफ, 11 सदस्यीय होगी टीम
टास्क फोर्स की स्थापना का मुख्य उद्देश्य राज्यभर में मुखबिरों और उनके खुफिया नेटवर्क के माध्यम से मवेशियों की तस्करी और गोकशी के बारे में जानकारी जुटाना और मुखबिरों से प्राप्त जानकारी के बाद अवैध गतिविधियों पर त्वरित कार्रवाई करना है।

विस्तार
हरियाणा के हर जिले में गो रक्षा के लिए अब एसटीएफ होगी। इसके गठन का रास्ता साफ हो गया है। बीते वर्ष नवंबर में गोसेवा आयोग की बैठक में लिए गए निर्णय को अमलीजामा पहनाने के लिए प्रदेश सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। अधिसूचना जारी होने के बाद अब जिला स्तर पर स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के गठन की प्रक्रिया शुरू होगी।

11 सदस्यीय स्पेशल काऊ टास्क फोर्स बनाई जाएगी। इसमें सरकारी और गैर-सरकारी सदस्य शामिल होंगे। सरकारी सदस्यों में पुलिस, पशुपालन, शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारी, गो-सेवा आयोग व गैर सरकारी सदस्यों में गोरक्षक समितियों के सदस्य और 5 गो-सेवक शामिल रहेंगे।
टास्क फोर्स गठित करने का मुख्य उद्देश्य प्रदेश में गुप्तचरों और खुफिया एजेंसियों के माध्यम से मवेशियों की तस्करी और गोकशी के बारे में जानकारी जुटाना है। इनसे मिली जानकारी के बाद अवैध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। टास्क फोर्स से पहले हरियाणा सरकार गोसंवर्धन एवं संरक्षण कानून भी लागू कर चुकी है। इसके तहत गो तस्करी के मामले में उम्रकैद तक की सजा का प्रावधान है।
हरियाणा गो सेवा आयोग के उपाध्यक्ष विद्यासागर बाघला ने कहा कि प्रदेश में टास्क फोर्स आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग के नेतृत्व में काम करेगी। जिला स्तर पर इस टास्क फोर्स के प्रमुख डीसी होंगे। जिला स्तर पर टास्क फोर्स के सदस्यों में एसपी, एडीसी और पशुपालन विभाग के उपनिदेशक शामिल किए जाएंगे।
ये रहेगा एसटीएफ का काम
- मुख्य काम बेसहारा गायों की देखरेख करना
- उन्हें गोशाला तक पहुंचाना
- गोवंश की तस्करी को रोकना
- गो तस्करों को पकड़ने, तस्करी रोकने के लिए अलग-अलग योजनाएं बनाना
गो अभयारण्य की संख्या बढ़ाई जाएगी: गर्ग
गो सेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण गर्ग ने बताया कि वर्तमान भाजपा सरकार ने प्रदेश में अनेक गो-अभयारण्य बनाए हैं। जरूरत मुताबिक इनकी संख्या और बढ़ाई जाएगी। आयोग के गठन के बाद सड़कों पर घूमने वाले 2 लाख से ज्यादा गोवंश को गोशालाओं में पहुंचाया है। रेवाड़ी, नारनौल, नूंह और पलवल में गोरक्षा के लिए पुलिस ने अपने स्तर पर टीमें बना रखी हैं। हर जिले में टीम का प्रभारी इंस्पेक्टर या सब इंस्पेक्टर को बनाया गया है।