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खामोश कत्ल पर प्रहार: बेटी बची...हरियाणा जीता, 8 साल बाद जन्म के समय लिंगानुपात में ऐतिहासिक सुधार; आंकड़े
आशीष वर्मा, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: शाहरुख खान
Updated Wed, 31 Dec 2025 02:51 PM IST
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सार
हरियाणा ने जन्म के समय लिंगानुपात में बढ़त हासिल की है। पिछले साल 910 दर्ज किया गया था, जो आठ साल में सबसे कम था। इस बार लिंगानुपात में 13 अंकों की छलांग है। छह साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। इस बार 30 दिसंबर 2025 तक जन्म के समय लिंगानुपात 923 दर्ज किया गया है।
लिंगानुपात में बढ़त
- फोटो : अमर उजाला ग्राफिक्स
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विस्तार
हरियाणा ने लिंगानुपात में एक लंबी छलांग लगाई है। 30 दिसंबर 2025 तक जन्म के समय लिंगानुपात 923 दर्ज किया गया है, जो पिछले साल 2024 के मुकाबले 13 अंकों की बढ़त है। साल 2024 में लिंगानुपात 910 दर्ज किया गया था।
संकेत इस बात का भी है कि 31 दिसंबर तक लिंगानुपात 923 से पार भी कर जाए। यदि ऐसा होता है तो यह हरियाणा का अब तक का सर्वाधिक लिंगानुपात होगा। साल 2019 में जन्म के समय लिंगानुपात 923 रिकॉर्ड हुआ था। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग इस बारे में जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट जारी की जाएगी।
2024 में जन्म के समय लिंगानुपात आठ वर्षों में सबसे कम दर्ज किया गया था। पिछले साल प्रति एक हजार लड़कों के जन्म पर 910 लड़कियों का जन्म हुआ था। हालांकि यह गिरावट 2020 से शुरू हो गई थी। 2020 में 922, 2021 में 914, 2022 में 917, 2023 में 916 और 2024 में 910 रिकॉर्ड किया गया था।
लिंगानुपात में लगातार गिरावट से हरियाणा सरकार के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को काफी बड़ा झटका लगा। विपक्ष ने भी हरियाणा सरकार को निशाने पर लिया और सरकार की कार्यप्रणाली को निशाने पर लिया। उसके बाद सरकार ने मार्च महीने में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का गठन किया और लिंगानुपात में गिरावट के लिए जिम्मेदार कारकों पर कड़ा संज्ञान लिया।
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संकेत इस बात का भी है कि 31 दिसंबर तक लिंगानुपात 923 से पार भी कर जाए। यदि ऐसा होता है तो यह हरियाणा का अब तक का सर्वाधिक लिंगानुपात होगा। साल 2019 में जन्म के समय लिंगानुपात 923 रिकॉर्ड हुआ था। हरियाणा स्वास्थ्य विभाग इस बारे में जल्द ही विस्तृत रिपोर्ट जारी की जाएगी।
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2024 में जन्म के समय लिंगानुपात आठ वर्षों में सबसे कम दर्ज किया गया था। पिछले साल प्रति एक हजार लड़कों के जन्म पर 910 लड़कियों का जन्म हुआ था। हालांकि यह गिरावट 2020 से शुरू हो गई थी। 2020 में 922, 2021 में 914, 2022 में 917, 2023 में 916 और 2024 में 910 रिकॉर्ड किया गया था।
लिंगानुपात में लगातार गिरावट से हरियाणा सरकार के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को काफी बड़ा झटका लगा। विपक्ष ने भी हरियाणा सरकार को निशाने पर लिया और सरकार की कार्यप्रणाली को निशाने पर लिया। उसके बाद सरकार ने मार्च महीने में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का गठन किया और लिंगानुपात में गिरावट के लिए जिम्मेदार कारकों पर कड़ा संज्ञान लिया।
एसटीएफ ने पाया है कि बेटों की चाह में अवैध गर्भपात ज्यादा किए जा रहे हैं। ऐसे क्लीनिकों व दलालों पर कड़ी नजर रखी गई और कार्रवाई को अंजाम दिया गया।
स्पेशल टास्क फोर्स ने क्या कदम उठाए?
1.अवैध गर्भपात सेंटरों पर शिकंजा कसा। 600 से ज्यादा अवैध गर्भपात सेंटर बंद कर दिए गए या खुद से लाइसेंस सरेंडर कर दिया।
1.अवैध गर्भपात सेंटरों पर शिकंजा कसा। 600 से ज्यादा अवैध गर्भपात सेंटर बंद कर दिए गए या खुद से लाइसेंस सरेंडर कर दिया।
2.धड़ल्ले से बिकने वाली गर्भपात किट (मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी) की बिक्री पर रोक लगाई गई। कड़े कानून की वजह से अब कोई आम व्यक्ति इस किट को नहीं खरीद सकता।
3.एसटीएफ ने माइक्रोलेवल पर निगरानी की। उन गांवों की भी सूची बनाई, जिनका लिंगानुपात 600 से भी कम था। ऐसे गांव की संख्या 450 से ज्यादा थी। एसटीएफ टीम ने इन गांवों में जागरूकता अभियान के साथ दलालों पर भी नजर रखी।
4.जिन गांव व जिलों के लिंगानुपात में सुधार नहीं मिला तो वहां के सिविल सर्जन व एसएमओ को नोटिस जारी कर कड़ा संज्ञान लिया गया।
5. जांच में यह भी पता चला है कि सख्ती होने की वजह से लोग पड़ोसी राज्यों में गर्भपात के लिए जाने लगे। इस पर एसटीएफ ने पड़ोसी राज्यों से संपर्क कर छापे भी मारे और कई संचालकों को गिरफ्तार कर पूरे मामले का भंडाफोड़ किया।
6. जिन महिलाओं की पहले से ही एक से ज्यादा बेटियां थी और वे गर्भवती भी थी, उन पर नजर रखने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व एएनएम को नियुक्त किया गया। ऐसी 62 हजार महिलाओं की निगरानी की गई।
7. एसटीएफ ने 12 हफ्ते से ऊपर गर्भपात के मामलों की रिवर्स ट्रैकिंग भी की। इससे 40 से ज्यादा ऐसे मामले पकड़े गए, जहां बेटियां होने पर गर्भपात कराया गया था, उन पर एफआईआर भी दर्ज की गई।
किस साल कितना रहा लिंगानुपात
साल लिंगानुपात
2012 832
2013 868
2014 871
2015 876
2016 900
2017 914
2018 914
2019 923
2020 922
2021 914
2022 917
2023 916
2024 910
साल लिंगानुपात
2012 832
2013 868
2014 871
2015 876
2016 900
2017 914
2018 914
2019 923
2020 922
2021 914
2022 917
2023 916
2024 910