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फ्राड के आरोपी को जमानत नहीं: HC ने कहा-कबाड़ी की 2.5 करोड़ की लॉटरी ईश्वर का आशीर्वाद, कोई हक नहीं मार सकता
विवेक शर्मा, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Tue, 30 Dec 2025 11:42 AM IST
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सार
हाईकोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता की मजबूरी और स्थिति का फायदा उठाकर साजिश रची गई। लॉटरी की राशि का अधिकार पूरी तरह शिकायतकर्ता का था और उस पर किसी अन्य का कोई दावा नहीं बनता।
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
गांव-गांव जाकर कबाड़ इकट्ठा कर घर का गुजारा चलाने वाली की 2.5 करोड़ की लॉटरी मामले में धोखाधड़ी के आरोपी मंजीत सिंह को जमानत से पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने इन्कार कर दिया है।
कोर्ट ने लॉटरी को ईश्वर का आशीर्वाद मानते हुए कहा कि किसी को भी इस राशि पर हक जमाने नहीं दिया जा सकता है। जस्टिस राजेश भारद्वाज की एकलपीठ ने कहा कि मामले में आरोपी की संलिप्तता प्रथम दृष्टया स्पष्ट है और जांच अभी प्रारंभिक चरण में है।
बठिंडा के रामपुर सिटी थाना में दर्ज एफआईआर के अनुसार, शिकायतकर्ता पुष्पा देवी को लॉटरी में 2.5 करोड़ रुपये का विजेता घोषित किया गया था। पुष्पा के पति को दिल का दौरा पड़ने के बाद इलाज के बहाने दबाव बनाया गया और धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया।
आरोपी मनजीत सिंह और उसके साथियों ने पुष्पा को विश्वास में लेकर उससे टिकट ले लिया। पुष्पा को केवल 70 लाख रुपये दिए गए, जबकि शेष राशि आरोपियों ने आपस में बांट ली। जांच में सामने आया कि लॉटरी शिकायतकर्ता के नाम पर ही खरीदी गई थी।
हाईकोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता की मजबूरी और स्थिति का फायदा उठाकर साजिश रची गई। लॉटरी की राशि का अधिकार पूरी तरह शिकायतकर्ता का था और उस पर किसी अन्य का कोई दावा नहीं बनता। कोर्ट ने कहा कि आरोपी का आचरण संदिग्ध है और उसने अन्य सह-आरोपियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी की है। ऐसे में उसकी हिरासत में पूछताछ आवश्यक है।
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कोर्ट ने लॉटरी को ईश्वर का आशीर्वाद मानते हुए कहा कि किसी को भी इस राशि पर हक जमाने नहीं दिया जा सकता है। जस्टिस राजेश भारद्वाज की एकलपीठ ने कहा कि मामले में आरोपी की संलिप्तता प्रथम दृष्टया स्पष्ट है और जांच अभी प्रारंभिक चरण में है।
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बठिंडा के रामपुर सिटी थाना में दर्ज एफआईआर के अनुसार, शिकायतकर्ता पुष्पा देवी को लॉटरी में 2.5 करोड़ रुपये का विजेता घोषित किया गया था। पुष्पा के पति को दिल का दौरा पड़ने के बाद इलाज के बहाने दबाव बनाया गया और धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया।
आरोपी मनजीत सिंह और उसके साथियों ने पुष्पा को विश्वास में लेकर उससे टिकट ले लिया। पुष्पा को केवल 70 लाख रुपये दिए गए, जबकि शेष राशि आरोपियों ने आपस में बांट ली। जांच में सामने आया कि लॉटरी शिकायतकर्ता के नाम पर ही खरीदी गई थी।
हाईकोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता की मजबूरी और स्थिति का फायदा उठाकर साजिश रची गई। लॉटरी की राशि का अधिकार पूरी तरह शिकायतकर्ता का था और उस पर किसी अन्य का कोई दावा नहीं बनता। कोर्ट ने कहा कि आरोपी का आचरण संदिग्ध है और उसने अन्य सह-आरोपियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी की है। ऐसे में उसकी हिरासत में पूछताछ आवश्यक है।