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Aravalli Issue: 24 घंटे में 900 डंपर, ब्लास्टिंग से अरावली खोखली, ग्रामीणों के घरों में दरारें
Video Desk Amar Ujala Dot Com Published by: चंद्रप्रकाश नीरज Updated Tue, 30 Dec 2025 01:01 PM IST
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गांव उष्मापुर के क्रशर जोन में 24 घंटे में हो रहे 12 ब्लास्ट और सामग्री लेकर निकल रहे 900 से अधिक डंपर अरावली श्रृंखला को खोखला कर रहे हैं। यहीं नहीं ग्रामीणों का जनजीवन भी प्रभावित हो रहा है और अब तो उनका गांव में रहना व सांस लेना भी मुश्किल हो चुका है। बता दें कि गांव उष्मापुर में करीबन 250 घर हैं और लगभग 2000 की आबादी है। गांव से 350 मीटर की दूरी पर अरावली श्रृंखला है। गांव के प्रवेश और निकास द्वार पर क्रशर जोन है। ग्रामीणों ने बताया कि प्रतिदिन 4 बार ब्लास्ट किया जाता है और इसमें हर एक बार 3 ब्लास्ट किए जाते हैं। ब्लास्ट की आवाज पूरे दिन ग्रामीणों के कानों में गूंजती है और इससे उनका चैन भी छिन गया है। ग्रामीणों ने बताया कि वर्ष 2016 में पहाड़ की नीलामी हुई थी और इस दौरान 33.10 हेक्टेयर भूमि पर खनन की अनुमति दी गई। नीलामी के बाद खनन कंपनी ने कोई काम नहीं किया और अब डेढ़ साल पहले ही कंपनी ने खनन कार्य शुरू किया है। ग्रामीणों का कहना है कि कंपनी अंधाधुंध खनन कर रही है और अरावली की इस चोटी को तय सीमा से अधिक दूरी तक खत्म कर दिया है। ग्रामीणों की ओर से इस बारे में पंचायत कर खनन कार्य बंद करवाने का निर्णय लिया ताकि ग्रामीणों को चैन मिल सके और उनका जीवन प्रभावित न हो। हर ब्लास्ट के बाद धूल के गुब्बार उड़ रहे हैं और धूलकण हवा के साथ गांव में पहुंच रहे हैं। गांव में लोगों को सांस की बीमारी हो चुकी है और उनका सांस लेना भी अब दूभर हो गया है। प्रतिदिन उड़ रहे धूल के गुब्बार ग्रामीणों की सांसें फूला रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि नीलामी का ग्रामीणों को पता नहीं था और इस दौरान गांव के करीबन 20 लोग ही पहुंचे थे। ठेकेदार व अधिकारियों के सामने ग्रामीणों ने विरोध किया था, लेकिन उस दौरान अधिकारियों व चुनिंदा लोगों ने विरोध करने वाले ग्रामीणों को मौके से जाने के लिए कह दिया और केवल 20 लोगाें के हस्ताक्षर के आधार पर ही नीलामी कर दी गई।
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