बांसवाड़ा में जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर डॉ. इंद्रजीत यादव ने जिला परिषद और पंचायत समितियों के वार्डों का पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन किया है। इस प्रक्रिया में जिला परिषद में 12 नए वार्ड बढ़ाए गए हैं। साथ ही पुरानी और नवगठित पंचायत समितियों के वार्डों की संख्या का भी निर्धारण किया गया है।
बांसवाड़ा जिले में जिला परिषद की कुल सदस्य संख्या पहले 31 थी, जिसे अब बढ़ाकर 43 करने का प्रस्ताव पेश किया गया है। इससे सदन में ग्रामीण क्षेत्रों की आवाज और अधिक मुखर होने की संभावना बढ़ेगी।
बांसवाड़ा में सबसे अधिक वार्ड
जिला परिषद के कुल 43 वार्डों में सबसे अधिक 5 वार्ड बांसवाड़ा पंचायत समिति में प्रस्तावित हैं। इसके अलावा घाटोल में 4, कुशलगढ़, डूंगरा छोटा, सज्जनगढ़, गांगड़तलाई, बागीदौरा और गढ़ी में 3-3 वार्ड तथा छोटी सरवन, तलवाड़ा, छोटी सरवा, अरथूना, सरेडी़ बड़ी, आनंदपुरी, नाहरपुरा और गनोड़ा में 2-2 वार्ड बनाए गए हैं।
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पंचायत समितिवार वार्ड वितरण
घाटोल में 29, बांसवाड़ा में 25, कुशलगढ़, बागीदौरा और गढ़ी में 19-19, अरथूना और गांगड़तलाई में 17-17 वार्ड प्रस्तावित किए गए हैं। वहीं छोटी सरवन, तलवाड़ा, छोटी सरवा, सरेडी़ बड़ी, डूंगरा छोटा, सज्जनगढ़, आनंदपुरी, नाहरपुरा और गनोड़ा में 15-15 वार्ड प्रस्तावित हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी ने आगामी 7 दिन के भीतर इन प्रस्तावों पर आपत्तियां मांगी हैं।
चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला
आगामी पंचायतीराज चुनाव में बांसवाड़ा जिले में त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और भारत आदिवासी पार्टी तीनों ही दल चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। कांग्रेस का जिला परिषद पर लगातार पांच बार से कब्जा है। दो बार महेंद्रजीत सिंह मालवीया और तीन बार उनकी पत्नी रेशम मालवीया जिला प्रमुख बनी। अब मालवीया दंपती भाजपा में शामिल हो गए हैं, जिससे आगामी चुनाव में मुकाबला और भी कड़ा होने की उम्मीद है।