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Pithoragarh: गोगना की महिलाओं ने पानी की मांग पर कलक्ट्रेट पहुंचकर किया प्रदर्शन, जल जीवन मिशन योजना पर उठाए सवाल
डीएम साहब, हमारे गांव में जल जीवन मिशन योजना के तहत लाखों रुपये खर्च कर पेयजल कनेक्शन लगाए गए हैं। दो साल हो गए इनमें पानी की बूंद नहीं टपक रही है। ऐसे में हम रात एक बजे डेढ़ किलोमीटर दूर प्राकृतिक नौले पर जाकर नंबर लगा रहीं हैं तब जाकर प्यास बुझाने के लिए कुछ लीटर पानी मिल रहा है। यह कहा घाट-पिथौरागढ़ हाईवे पर बसे गोगना की महिलाओं ने। महिलाओं ने पानी की मांग पर कलक्ट्रेट पहुंचकर प्रदर्शन किया और जल जीवन मिशन योजना पर सवाल उठाए।
गोगना की महिलाएं बीडीसी सदस्य कुसुम मेहता के नेतृत्व में कलक्ट्रेट पहुंची और प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि उनके गांव में एक हजार से अधिक की आबादी की प्यास बुझाने के लिए दो साल पूर्व जल जीवन मिशन योजना के तहत काम हुआ। हर घर नल तो लगा दिए गए लेकिन इनमें अब तक जल नहीं टपका है। अब भी वे प्राकृतिक जल स्रोतों से अपनी प्यास बुझाने के लिए मजबूर हैं। डेढ़ किलोमीटर दूर प्राकृतिक नौले में भी भीड़ अधिक होने से पानी नहीं मिल रहा। हालात यह हैं कि रात के एक बजे उठकर नौले पर जाकर नंबर लगाना पड़ रहा है तब जाकर कुछ लीटर पानी मिलता है। गांव के लिए पंपिंग योजना बनी है लेकिन लंबे समय बाद भी इसका संचालन शुरू नहीं हो सका है। कहा कि हर घर नल से जल पहुंचाने के दावे हवाई हैं। इस दौरान महिलाओं ने डीएम को ज्ञापन दिया। चेतावनी देते हुए कहा कि यदि जल्द उनकी इस गंभीर समस्या का समाधान नहीं हुआ तो वे सड़कों पर उतरेंगी। प्रदर्शन करने वालों में हेमा देवी, अंजू मेहता, पूजा मेहता, मोहनी देवी, नीला देवी, ईश्वरी देवी सहित कई महिलाएं शामिल रहीं। वहीं डीएम आशीष भटगांई ने महिलाओं को जल्द समस्या के समाधान का आश्वासन दिया।
बोली महिलाएं
गोगना गांव में जल जीवन मिशन योजना के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई है। आज भी महिलाएं डेढ़ किलोमीटर दूर प्राकृतिक जल स्रोत से पानी ढोने के लिए मजबूर हैं। जल्द ही समस्या का समाधान नहीं हुआ तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। -कुसुम मेहता, बीडीसी सदस्य, गोगना
हमारे घरों में सूखे कनेक्शन लगाकर जिम्मेदारी निभा दी गई है। हमें आज भी घर का कामकाज छोड़कर पानी का प्रबंध करना पड़ रहा है। हमारी समस्या का जल्द समाधान होना चाहिए। -ईश्वरी देवी, गोगना
पानी ने हमारी नींद हराम कर दी है। हमें रात भर जागकर प्राकृतिक जल स्रोत से पानी ढोना पड़ रहा है। हर घर नल से जल पहुंचाने के दावे कर लाखों रुपये फूंक दिए लेकिन हमारी समस्या का समाधान नहीं हुआ है। -मोहनी देवी, गोगना
प्राकृतिक जल स्रोत पहुंचने में देर हो गई तो पानी नहीं मिलता। ऐसे में हमें रात में उठकर पानी भरने जाना पड़ रहा है। सूखे कनेक्शन लगाकर जिम्मेदारी निभाई गई। इस मामले की जांच होनी चाहिए। -पूजा मेहता, गोगना
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