हाईकोर्ट ने कहा- बहू को जलाने वालों के लिए हमारे पास रहम नहीं, काटनी होगी उम्रकैद

विवाहिता पर मिट्टी का तेल डालकर जलाने वाले सास, ननद और अन्य रिश्तेदारों की उम्रकैद की सजा के खिलाफ अपील को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने खारिज करते हुए उनकी उम्रकैद की सजा बरकरार रखी है। हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि ऐसे लोगों के लिए हमारे पास कोई रहम नहीं है। हाईकोर्ट ने अब इन सभी को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजने के आदेश दे दिए हैं।

एक महिला को जली हुई अवस्था में अस्पताल लाया गया था जहां पर उसकी मौत हो गई थी। इस महिला के बेटे ने गवाही दी थी कि जिस दिन उसकी मां की हत्या की गई थी उस दिन उसकी मां रसोई में काम कर रही थी। उसकी दादी रसोई में आई और उसने उसकी मां पर मिट्टी का तेल डाला जिसके बाद उसकी बुआ ने माचिस की तीली से आग लगा दी।
उसकी मां बचाव के लिए बाहर जाने लगी तो चाचा ने उसकी मां को रसोई में बंद कर दिया। बाद में पड़ोसियों ने आकर उसकी मां को बचाया और अस्पताल लेकर गए जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। महिला ने भी मरने से पहले अपने बयान दे दिए थे जिसकी पुष्टि उसके बेटे ने की थी। ट्रायल कोर्ट ने वर्ष 2005 में इन सभी को दोषी करार दे आजीवन कारावास की सजा सुना दी थी।

इसी सजा के खिलाफ दोषियों ने हाई कोर्ट में अपील की थी। अपील लंबित रहते दोषियों को जमानत मिल गई थी। अब हाईकोर्ट ने इन सभी दोषियों की अपील को सिरे से खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट ने इन्हें सुनाई गई सजा को बरकरार रखते हुए जमानत को रद्द कर जेल में डाले जाने के आदेश दे दिए हैं।
कोर्ट की टिप्पणी
अपील को सिरे से खारिज करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि ट्रायल कोर्ट ने इन सभी के आरोपों को सही मानते हुए जो सजा सुनाई है उसमें हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है। इस प्रकार के कृत्य के आरोपियों को किसी भी किस्म से राहत नहीं दी जा सकती। इन सभी दोषियों ने महिला की हत्या कर उसे आत्महत्या साबित करने की कोशिश की थी लेकिन इस महिला के नाबालिग बेटे की गवाही पर ही इन सभी के आरोप साबित हुए हैं।