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पुलिस-अपराधी गठजोड़ पर HC सख्त: होटल संचालक से प्रतिमाह रिश्वत मांगने के मामले में आईजी स्तर पर जांच के आदेश

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़ Published by: चंडीगढ़ ब्यूरो Updated Mon, 11 Aug 2025 08:10 PM IST
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सार

न्यायमूर्ति एनएस शेखावत की बेंच ने कहा कि शिकायतकर्ता ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी और बातचीत की  ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सौंपी थी लेकिन बाद में उसने आरोपी से समझौता कर लिया जो कि भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों के दबाव में किया गया प्रतीत होता है।

High Court takes strict action on police-criminal nexus, orders probe at IG level
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट - फोटो : अमर उजाला
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पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने पुलिस और अपराधियों के गठजोड़ पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है जिसे वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने सही तरीके से नहीं संभाला।

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मामला पंजाब के पटियाला जिले का है जहां एक होटल मालिक से हर महीने 25 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप लगा था। यह रकम कथित तौर पर डीएसपी को देने की बात कही गई थी ताकि होटल का संचालन बिना किसी बाधा के हो सके। 
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न्यायमूर्ति एनएस शेखावत की बेंच ने कहा कि शिकायतकर्ता ने भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कराई थी और बातचीत की  ऑडियो रिकॉर्डिंग भी सौंपी थी लेकिन बाद में उसने आरोपी से समझौता कर लिया जो कि भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों के दबाव में किया गया प्रतीत होता है। कोर्ट के अनुसार आरोपी पर पहले से ही पांच अन्य आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह स्थानीय पुलिस का एजेंट बनकर काम कर रहा था।

हाईकोर्ट ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है जो पुलिस अधिकारियों और अपराधियों के गठजोड़ को उजागर करता है। कोर्ट ने पंजाब के डीजीपी को निर्देश दिया कि वह आईजी रैंक के आईपीएस अधिकारी को दो सप्ताह के भीतर जांच के आदेश दें। एफआईआर के अनुसार आरोपी सिकंदर सिंह और अजीब सिंह होटल मालिक पर हर महीने 25 हजार रुपये देने का दबाव बना रहे थे और आश्वासन दे रहे थे कि इसके बाद कोई उन्हें परेशान नहीं करेगा। 

शिकायतकर्ता ने इनकी बातचीत अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड की थी। कोर्ट ने रिकॉर्ड का हवाला देते हुए कहा कि 9 अक्टूबर, 2024 को दर्ज एफआईआर में पुलिस की कार्रवाई भ्रष्ट अधिकारियों के दबाव में ठप हो गई। यहां तक कि जांच के दौरान आरोपी ने शिकायतकर्ता पर हमला कर उसे शारीरिक रूप से घायल भी किया जिसका उल्लेख अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पटियाला के आदेश में है।

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