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पंजाब में बड़ा उलटफेर: डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल सिंह के नाम सबसे बड़ी जीत, 1.78 लाख वोटों से जीते
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, चंडीगढ़
Published by: निवेदिता वर्मा
Updated Tue, 04 Jun 2024 08:27 PM IST
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सार
अमृतपाल सिंह खालिस्तान समर्थक माना जाता है। उसे अजनाला थाने में हमले के बाद पुलिस ने गिरफ्तार कर डिब्रूगढ़ जेल भेजा गया था।

अमृतपाल सिंह
- फोटो : फाइल
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विस्तार
लोकसभा चुनाव में पंजाब की खडूर साहिब सीट पर सबसे बड़ा उलटफेर हुआ है। यहां से निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर खड़ा अमृतपाल सिंह जीत गया है। अमृतपाल नेशनल सिक्योरिटी एक्ट में डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। उसने जेल से ही अपना नामांकन भरा था।
शिरोमणि अकाली दल अमृतसर ने खडूर साहिब सीट से अमृतपाल को समर्थन दिया था। अमृतपाल के लिए उसके माता-पिता और भाई ने प्रचार किया था। अमृतपाल सिंह ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। अमृतपाल ने कांग्रेस प्रत्याशी कुलबीर सिंह जीरा को 1.78 लाख वोटों से मात दी है।

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शिरोमणि अकाली दल अमृतसर ने खडूर साहिब सीट से अमृतपाल को समर्थन दिया था। अमृतपाल के लिए उसके माता-पिता और भाई ने प्रचार किया था। अमृतपाल सिंह ने सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। अमृतपाल ने कांग्रेस प्रत्याशी कुलबीर सिंह जीरा को 1.78 लाख वोटों से मात दी है।
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दुबई से आया था अमृतपाल
अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख है। अमृतपाल अमृतसर के गांव जल्लुपुर खेड़ा का है और 2012 से पहले ही वह दुबई चला गया था। वहां उसके परिवार ने ट्रांसपोर्ट का काम शुरू कर दिया। 2013 में दुबई में ट्रांसपोर्ट का कामकाज अमृतपाल देखने लगा।
अगस्त 2022 में अमृतपाल दुबई से अकेला ही पंजाब आया था। इसके बाद अक्तूबर में अमृतपाल ने जरनैल सिंह भिंडरावाला के गांव रोडे में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के नए मुखिया के तौर पर ओहदा संभाला। यह संगठन दिल्ली हिंसा के आरोपी दीप सिद्धू ने बनाया था। इस दौरान अमृतपाल ने खुद को जरनैल सिंह भिंडरांवाला का अनुयायी बताते हुए सिख युवाओं को अगली जंग के लिए तैयार होने का आह्वान किया था। इसके बाद खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई थी। उसके बारे में जांच शुरू की गई। खालिस्तानी विचारधारा का पाठ उसे दुबई में ही पढ़ाया गया है।
अमृतपाल सिंह वारिस पंजाब दे संगठन का प्रमुख है। अमृतपाल अमृतसर के गांव जल्लुपुर खेड़ा का है और 2012 से पहले ही वह दुबई चला गया था। वहां उसके परिवार ने ट्रांसपोर्ट का काम शुरू कर दिया। 2013 में दुबई में ट्रांसपोर्ट का कामकाज अमृतपाल देखने लगा।
अगस्त 2022 में अमृतपाल दुबई से अकेला ही पंजाब आया था। इसके बाद अक्तूबर में अमृतपाल ने जरनैल सिंह भिंडरावाला के गांव रोडे में ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के नए मुखिया के तौर पर ओहदा संभाला। यह संगठन दिल्ली हिंसा के आरोपी दीप सिद्धू ने बनाया था। इस दौरान अमृतपाल ने खुद को जरनैल सिंह भिंडरांवाला का अनुयायी बताते हुए सिख युवाओं को अगली जंग के लिए तैयार होने का आह्वान किया था। इसके बाद खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई थी। उसके बारे में जांच शुरू की गई। खालिस्तानी विचारधारा का पाठ उसे दुबई में ही पढ़ाया गया है।
अजनाला थाने पर किया था हमला
रोपड़ के वरिंदर सिंह ने अमृतपाल समेत उसके 30 समर्थकों पर अपहरण व मारपीट की शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसके बाद पुलिस ने लवप्रीत व एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। लवप्रीत को रिहा करने के लिए अमृतपाल ने थाने के बाहर धरने की चेतावनी दी।
23 फरवरी 2023 को अमृतपाल श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप के साथ अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंचा। पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की तो उग्र भीड़ ने बैरिकेड तोड़ डाले और तलवारों व बंदूकों के साथ थाने पर हमला कर दिया, जिसमें एसपी समेत छह पुलिसकर्मी जख्मी हो गए।
अजनाला थाने पर हमले के दौरान ही अमृतपाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धमकी दी थी।
रोपड़ के वरिंदर सिंह ने अमृतपाल समेत उसके 30 समर्थकों पर अपहरण व मारपीट की शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसके बाद पुलिस ने लवप्रीत व एक अन्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। लवप्रीत को रिहा करने के लिए अमृतपाल ने थाने के बाहर धरने की चेतावनी दी।
23 फरवरी 2023 को अमृतपाल श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पावन स्वरूप के साथ अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंचा। पुलिस ने उसे रोकने की कोशिश की तो उग्र भीड़ ने बैरिकेड तोड़ डाले और तलवारों व बंदूकों के साथ थाने पर हमला कर दिया, जिसमें एसपी समेत छह पुलिसकर्मी जख्मी हो गए।
अजनाला थाने पर हमले के दौरान ही अमृतपाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को धमकी दी थी।