Akshadeep Singh: सेना में जाने के लिए दौड़ते-दौड़ते एथलीट बने अक्षदीप, 20 किमी रेस वॉक में बनाया नेशनल रिकॉर्ड
अक्षदीप सिंह का जन्म पंजाब के बरनाला जिले के काहनेके गांव में हुआ था। 10 साल की उम्र में उनका सपना भारतीय सेना में शामिल होना था। इसलिए उन्होंने भर्ती के लिए दौड़ना शुरू किया। उस समय वह बहुत तेज दौड़ते थे।

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वर्ष 2016 तक अक्षदीप सिंह रेस वॉक यानी पैदल चाल स्पर्धा के बारे में खास नहीं जानते थे। उन्होंने सिर्फ इसका नाम सुन रखा था, लेकिन 2022 आते-आते वे इस खेल में न सिर्फ माहिर हो गए, बल्कि उन्होंने नेशनल रिकॉर्ड भी बना डाला।

उन्होंने राष्ट्रीय चैंपियनशिप से विश्व चैंपियनशिप और पेरिस ओलंपिक्स के लिए क्वालिफाई किया है। उन्हें भारत की तरफ से पदक का मजबूत दावेदार माना जा रहा है। रांची में राष्ट्रीय ओपन पैदल चाल स्पर्धा-2023 जीतकर अक्षदीप ने एक घंटे 19 मिनट 38 सेकंड का समय निकालकर एक घंटे 19 मिनट 55 सेकंड का अपना ही रिकॉर्ड तोड़ा था।
अक्षदीप सिंह का जन्म पंजाब के बरनाला जिले के काहनेके गांव में हुआ था। एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया था कि 10 साल की उम्र में उनका सपना भारतीय सेना में शामिल होना था। इसलिए उन्होंने भर्ती के लिए दौड़ना शुरू किया। उस समय वह बहुत तेज दौड़ते थे। बड़े-बुजुर्ग भी तारीफ़ करते थे। उन्होंने मुझे एथलीट बनने का सुझाव दिया।
इस बीच उनकी मुलाकात बरनाला के एक स्टेडियम में कोच जसप्रीत सिंह से हुई। उन्होंने मुझे रेस-वॉक चुनने का सुझाव दिया। शुरू में मुझे यह पसंद नहीं आया, क्योंकि मैं दौड़ने का शौकीन था। दिसंबर 2016 में मैं पटियाला आ गया। यहां कोच गुरदेव सिंह ने मुझे रेस-वॉक का प्रशिक्षण दिया।
अक्षदीप के अनुसार, मैंने अप्रैल 2017 में रेस वॉक का मन बना लिया। तरनतारन में आयोजित अंडर-18 नॉर्थ इंडिया चैंपियनशिप में अक्षदीप सिंह ने अपना पहला कांस्य पदक जीता। इसके बाद उन्होंने अंडर-18 जूनियर नेशनल में भाग लिया और रजत पदक जीता। 2017 में ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में उन्होंने फिर से रजत पदक जीता। अखिल भारतीय अंतर-विश्वविद्यालय खेलों में उन्होंने अपने प्रदर्शन को सुधारते हुए स्वर्ण पदक जीता। अक्षदीप ने जनवरी 2022 में ऑल इंडिया इंटर-यूनिवर्सिटी गेम्स में भी नया रिकॉर्ड बनाया।
पिता केमिकल फैक्टरी में करते हैं काम, मां आंगनबाड़ी में
अक्षदीप के परिवार के पास बरनाला में दो एकड़ खेती योग्य जमीन है। उनके पिता एक केमिकल फैक्टरी में काम करते हैं, जबकि माता आंगनबाड़ी में कार्यरत हैं। अक्षदीप कहते हैं कि उन्हें परिवार की तरफ से हमेशा पूरा सहयोग मिलता रहा है। उनकी प्रेरणा से ही मैं यह मुकाम हासिल कर पाया हूं।
कच्चे रास्तों पर कर किया अभ्यास
ओलंपिक के लिए अक्षदीप कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने खेतों के कच्चे रास्तों पर भी अभ्यास किया, जिससे उनके खेल में सुधार हुआ। पिछले चार वर्षों से वह बेंगलूरु की स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में तैयारी कर रहे हैं। पंजाब सरकार ने भी उन्हें तैयारी के लिए 5 लाख रुपये दिए हैं।
प्रमुख उपलब्धियां
- 2023 भारतीय रेस वॉकिंग चैंपियनशिप: स्वर्ण पदक (20 किमी रेस वॉक)
- 2022 अंतर-विश्वविद्यालय चैंपियनशिप: स्वर्ण पदक (20 किमी रेस वॉक)
- 2022 खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स: स्वर्ण पदक (20 किमी रेस वॉक)
- 2018 रांची भारतीय अंडर-20 चैंपियनशिप: स्वर्ण पदक (10,000 मीटर वॉक)