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Chandigarh News: तैयारियों को परखने के लिए लगातार दूसरे दिन मॉक ड्रिल, प्रशासक बोले- सीमा पर हलचल, हमें हर तरह से तैयार रहना है
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माई सिटी रिपोर्टर
चंडीगढ़। शहर में आपदा से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए लगातार दूसरे दिन वीरवार को भी मॉक ड्रिल हुआ। सेक्टर-17 के प्लाजा में एनडीआरएफ, एसडीएमए, पुलिस, सिविल डिफेंस व अग्निशमन विभाग समेत कई एजेंसियों ने अभ्यास किया। इस दौरान पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया मौजूद रहे और उन्होंने तैयारियों पर संतोष जताते हुए कहा कि देश की सीमा पर दुश्मन की बढ़ती हलचल को देखते हुए हर स्थिति के लिए तैयार रहना होगा।
नीलम थिएटर के पास हुए ड्रिल का उद्देश्य शहर की आपातकालीन प्रतिक्रिया तैयारियों का आकलन करना और उसे मजबूत बनाना था। मॉक ड्रिल दोपहर करीब 12 बजे आग लगने की स्थिति के साथ शुरू हुई। अभ्यास के हिस्से के रूप में इमारत को तुरंत खाली कराया गया और विभिन्न आपातकालीन प्रोटोकॉल लागू किए गए। यह ऑपरेशन एसडीएमए, डीडीएमए और प्रशासन के प्रमुख विभागों, चंडीगढ़ पुलिस, सिविल डिफेंस, अग्निशमन विभाग, इंजीनियरिंग विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की तरफ से किया गया। इस माैके पर प्रशासक के प्रधान सचिव विवेक प्रताप सिंह, गृह सचिव मंदीप सिंह बराड़, डीसी निशांत कुमार यादव और चंडीगढ़ प्रशासन के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
एनडीआरएफ ने मार्क ड्रिल के दौरान विशेष बचाव तकनीकों का प्रदर्शन किया, जिसमें आपातकालीन स्थितियों के प्रबंधन के लिए तरीकों पर प्रकाश डाला गया। लगभग 100 आपदा मित्र स्वयंसेवक, 500 एनएसएस कैडेट, 100 एनसीसी कैडेट, 100 होमगार्ड और कई अन्य स्वयंसेवकों ने अभ्यास में भाग लिया।
कटारिया बोले-प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी सभी को होनी चाहिए
कटारिया ने कहा कि इस समय देश की सीमा पर हलचल है। हमें हर तरह से तैयार रहना है। ये मॉक ड्रिल उसकी वजह से ही कराया जा रहा है। हालांकि इसकी जानकारी सभी को होनी ही चाहिए कि आपात की स्थिति में कैसे खुद की और दूसरों की जान की रक्षा करनी है। व्यक्तिगत किसी को आग से कैसे बचाया जा सकता है और प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी सभी को होनी चाहिए। प्रशासक ने सभी कर्मचारियों को नसीहत दी कि अगर कठिन समय में भर्ती की जरूरत पड़ी तो करेंगे या किसी को ड्यूटी को खत्म करने के बाद भी बुलाया जाए तो वो भी समझे कि यह प्राथमिक कार्य है। स्कूलों को बंद करने के सवाल पर प्रशासक ने कहा कि सेना व अन्य को ठहरने के लिए स्कूल आदि की जरूरत पड़ती है। देश की सुरक्षा के लिए जो कदम उचित होगा, वो करना ही चाहिए।
चंडीगढ़। शहर में आपदा से निपटने की तैयारियों को परखने के लिए लगातार दूसरे दिन वीरवार को भी मॉक ड्रिल हुआ। सेक्टर-17 के प्लाजा में एनडीआरएफ, एसडीएमए, पुलिस, सिविल डिफेंस व अग्निशमन विभाग समेत कई एजेंसियों ने अभ्यास किया। इस दौरान पंजाब के राज्यपाल एवं चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाबचंद कटारिया मौजूद रहे और उन्होंने तैयारियों पर संतोष जताते हुए कहा कि देश की सीमा पर दुश्मन की बढ़ती हलचल को देखते हुए हर स्थिति के लिए तैयार रहना होगा।
नीलम थिएटर के पास हुए ड्रिल का उद्देश्य शहर की आपातकालीन प्रतिक्रिया तैयारियों का आकलन करना और उसे मजबूत बनाना था। मॉक ड्रिल दोपहर करीब 12 बजे आग लगने की स्थिति के साथ शुरू हुई। अभ्यास के हिस्से के रूप में इमारत को तुरंत खाली कराया गया और विभिन्न आपातकालीन प्रोटोकॉल लागू किए गए। यह ऑपरेशन एसडीएमए, डीडीएमए और प्रशासन के प्रमुख विभागों, चंडीगढ़ पुलिस, सिविल डिफेंस, अग्निशमन विभाग, इंजीनियरिंग विभाग, शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम की तरफ से किया गया। इस माैके पर प्रशासक के प्रधान सचिव विवेक प्रताप सिंह, गृह सचिव मंदीप सिंह बराड़, डीसी निशांत कुमार यादव और चंडीगढ़ प्रशासन के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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एनडीआरएफ ने मार्क ड्रिल के दौरान विशेष बचाव तकनीकों का प्रदर्शन किया, जिसमें आपातकालीन स्थितियों के प्रबंधन के लिए तरीकों पर प्रकाश डाला गया। लगभग 100 आपदा मित्र स्वयंसेवक, 500 एनएसएस कैडेट, 100 एनसीसी कैडेट, 100 होमगार्ड और कई अन्य स्वयंसेवकों ने अभ्यास में भाग लिया।
कटारिया बोले-प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी सभी को होनी चाहिए
कटारिया ने कहा कि इस समय देश की सीमा पर हलचल है। हमें हर तरह से तैयार रहना है। ये मॉक ड्रिल उसकी वजह से ही कराया जा रहा है। हालांकि इसकी जानकारी सभी को होनी ही चाहिए कि आपात की स्थिति में कैसे खुद की और दूसरों की जान की रक्षा करनी है। व्यक्तिगत किसी को आग से कैसे बचाया जा सकता है और प्राथमिक चिकित्सा की जानकारी सभी को होनी चाहिए। प्रशासक ने सभी कर्मचारियों को नसीहत दी कि अगर कठिन समय में भर्ती की जरूरत पड़ी तो करेंगे या किसी को ड्यूटी को खत्म करने के बाद भी बुलाया जाए तो वो भी समझे कि यह प्राथमिक कार्य है। स्कूलों को बंद करने के सवाल पर प्रशासक ने कहा कि सेना व अन्य को ठहरने के लिए स्कूल आदि की जरूरत पड़ती है। देश की सुरक्षा के लिए जो कदम उचित होगा, वो करना ही चाहिए।