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Haryana: IVF से दूसरा बच्चा चाहने वालों को लेनी होगी मंजूरी, गर्भपात को लेकर उठाए जाएंगे सख्त कदम
अमर उजाला ब्यूरो चंडीगढ़
Published by: शाहिल शर्मा
Updated Tue, 08 Jul 2025 10:53 PM IST
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सार
आईवीएफ के माध्यम से दूसरा बच्चा चाहने वाली दंपत्तियों को अब अनुमति लेना जरूरी होगा। यह निर्णय लिंगानुपात में सुधार के लिए गठित राज्य टास्क फोर्स बैठक में लिया गया। डिटेल में पढ़ें खबर...

नवजात शिशु
- फोटो : सांकेतिक तस्वीर

विस्तार
हरियाणा में अब आईवीएफ के माध्यम से दूसरा बच्चा चाहने वाली दंपत्तियों को पहले जिला समुचित प्राधिकारी से अनुमति लेना जरूरी होगा। जिला समुचित प्राधिकरण में उपायुक्त व सीएमओ शामिल होते हैं। यह निर्णय लिंगानुपात में सुधार के लिए गठित राज्य टास्क फोर्स (एसटीएफ) की बैठक में लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग का मानना है कि लिंगानुपात में सुधार के लिए आईवीएफ केंद्रों पर सख्ती जरूरी है।
गर्भपात के खिलाफ उठाए जाएंगे सख्त कदम
अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि अवैध गर्भपात के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। इसमें संलिप्त डॉक्टरों का लाइसेंस रद्द कर कठोर दंडात्मक कदम उठाए जाएं। ऐसे ही एक मामले में अवैध गर्भपात के आरोप में नूंह के दो नर्सिंग होम को सील कर दिया गया। वहीं, सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) को अवैध गर्भपात गतिविधियों में लिप्त बीएएमएस डॉक्टरों व झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने और हर हफ्ते एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
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गर्भपात के खिलाफ उठाए जाएंगे सख्त कदम
अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि अवैध गर्भपात के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। इसमें संलिप्त डॉक्टरों का लाइसेंस रद्द कर कठोर दंडात्मक कदम उठाए जाएं। ऐसे ही एक मामले में अवैध गर्भपात के आरोप में नूंह के दो नर्सिंग होम को सील कर दिया गया। वहीं, सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों (सीएमओ) को अवैध गर्भपात गतिविधियों में लिप्त बीएएमएस डॉक्टरों व झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने और हर हफ्ते एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
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हरियाणा के लिंगानुपात में हुआ सुधार
पलवल, नूंह, गुरुग्राम व फरीदाबाद के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि झुग्गी-झोपड़ियों और कम आय वाले क्षेत्रों में अपंजीकृत बच्चों की पहचान कर उनका पंजीकरण जल्द से जल्द किया जाए। बैठक में एसीएस ने सभी सीएमओ को गर्भावस्था के 24 सप्ताह तक किए गए गर्भपात की रिवर्स ट्रैकिंग शुरू करने का निर्देश दिया। इसका मकसद ऐसी प्रक्रियाओं में शामिल चिकित्सकों की पहचान कर उल्लंघन के मामले में सख्त कार्रवाई करना है। रिवर्स ट्रैकिंग के लिए व्यापक प्रक्रिया पहले ही सभी सीएमओ के साथ साझा की जा चुकी हैं। बैठक में बताया गया कि अवैध मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) केंद्रों पर कड़ी कार्रवाई की वजह से लगभग 500 ऐसे केंद्र बंद कर दिए गए हैं। वहीं, हरियाणा का लिंगानुपात इस वर्ष 7 जुलाई तक सुधरकर 904 हो गया, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 903 था।
ये भी पढ़ें: CET-2025: हरियाणा राज्य कर्मचारी चयन आयोग ने किया सीईटी की तारीखों का एलान, दो दिन चलेगी परीक्षा
पलवल, नूंह, गुरुग्राम व फरीदाबाद के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि झुग्गी-झोपड़ियों और कम आय वाले क्षेत्रों में अपंजीकृत बच्चों की पहचान कर उनका पंजीकरण जल्द से जल्द किया जाए। बैठक में एसीएस ने सभी सीएमओ को गर्भावस्था के 24 सप्ताह तक किए गए गर्भपात की रिवर्स ट्रैकिंग शुरू करने का निर्देश दिया। इसका मकसद ऐसी प्रक्रियाओं में शामिल चिकित्सकों की पहचान कर उल्लंघन के मामले में सख्त कार्रवाई करना है। रिवर्स ट्रैकिंग के लिए व्यापक प्रक्रिया पहले ही सभी सीएमओ के साथ साझा की जा चुकी हैं। बैठक में बताया गया कि अवैध मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी (एमटीपी) केंद्रों पर कड़ी कार्रवाई की वजह से लगभग 500 ऐसे केंद्र बंद कर दिए गए हैं। वहीं, हरियाणा का लिंगानुपात इस वर्ष 7 जुलाई तक सुधरकर 904 हो गया, जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 903 था।
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